पंजाब के जालंधर में 114 साल के मैराथन धावक फौजा सिंह को टक्कर मारने वाले कार ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान करतारपुर के दासूपुर गांव के रहने वाले NRI अमृतपाल सिंह ढिल्लों के तौर पर हुई है। उसकी उम्र 27 साल है। वह कनाडा में रहता है। 8 दिन पहले ही भारत लौटा था। पुलिस ने उसकी फॉर्च्यूनर कार बरामद कर ली है।
फौजा सिंह जालंधर स्थित अपने पैतृक गांव ब्यास पिंड में सोमवार शाम टहलने निकले थे। अमृतपाल सिंह ढिल्लों तेज रफ्तार में गाड़ी लेकर आया और टक्कर मार दी। वह भोगपुर से किशनगढ़ की ओर आगे बढ़ रहा था। हादसे में फौजा सिंह गंभीर रूप से जख्मी हुए और दम तोड़ दिया।
स्थानीय लोगों ने कहा कि गाड़ी इतनी तेज रफ्तार में आई कि फौजा सिंह 5 से 7 फुट तक हवा में ऊपर उछल गए थे। पुलिस ने गाड़ी चला रहे अमृतपाल सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 281 और 105 के तहत केस दर्ज किया है।
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BNS की धारा 281 और 105 है क्या
- धारा 105: गैर इरादतन हत्या
- धारा 281: लापरवाही से गाड़ी चलाना
कब होगा अंतिम संस्कार?
फौजा सिंह की मौत 14 जुलाई को हुई है। उनके शव का अंतिम संस्कार अभी नहीं किया गया है। उनके बेटी, बेटियां और रिश्तेदार कनाडा से आ रहे हैं। अब उनके आने के बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कौन है अमृतपाल सिंह ढिल्लों?
अमृतपाल सिंह ढिल्लों कनाडाई नागरिक है। उसके पिता का निधन हो गया है। 3 बहनें और मां कनाडा में रहती हैं। वह अपने गांव आया था। पुलिस ने अमृतपाल के पास से गाड़ी भी बरामद की है। वह दासूपुर गांव का रहने वाला है। वह मुकेरियां साइड से लौट रहा था, तभी बुजुर्ग शख्स को टक्कर मार दी। उसे नहीं पता था कि वह मशहूर एथलीट फौजा सिंह हैं।
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कब, कहां, कैसे हुआ हादसा?
फौजा सिंह 14 जुलाई को खाना खाने के बाद करीब 3 बजे सैर के लिए बाहर निकले। उसी वक्त हाइवे के पास एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी। गंभीर चोटें आई, अस्पताल में भर्ती कराया गया। तबीयत ठीक हो रही थी। उन्हें ICU में भर्ती कराया गया, वहीं उन्होंने दम तोड़ दिया। शाम करीब 6 बजे डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थे फौजा सिंह?
उनका जन्म 1 अप्रैल 1911 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। उनके गांव का नाम ब्यास पिंड है। 40 के दशक में वह स्थानीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते थे। साल 1995 में 84 साल की उम्र में वह प्रोफेशनल रेसिंग में शामिल हुए। 93 साल की उम्र में साल 2004 में उन्होंने90+ का मैराथन रिकॉर्ड तोड़ दिया था। जब वह 100 साल के हुए तो उन्होंने 8 वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए। टोरंटो मैराथन दौड़ने वाले वह पहले 100 साल के धावक बन गए। साल 2013 में उन्होंने 102वें जन्मदिन पर संन्यास लिया।