आम आदमी पार्टी (आप) जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष और पार्टी विधायक मेहराज मलिक को डोडा जिले में सोमवार को जन सुरक्षा अधिनियम (Public Safety Act) के तहत हिरासत में ले लिया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी मौजूदा विधायक को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया है।
दरअसल, जन सुरक्षा अधिनियम एक प्रशासनिक कानून है जो कुछ मामलों में बिना किसी आरोप या मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। यह कानून प्रशासन को किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के एहतियातन हिरासत में रखने की अनुमति देता है, बशर्ते प्रशासन को लगे कि उसके बाहर रहने से सार्वजनिक व्यवस्था और शांति भंग हो सकती है या राज्य की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
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बीजेपी को हराया था
साल 2024 के जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में मेहराज मलिक ने डोडा विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के उम्मीदवार को 4,538 से ज्यादा वोटों से हराया था। मेहराज मलिक की जीत के साथ ही आम आदमी पार्टी जम्मू-कश्मीर में अपना पहली बार खाता खोलने में कामयाब रही थी।
मेहराज मलिक ने 24 दिसंबर 2020 को डोडा जिले के कहारा विधानसभा क्षेत्र से जिला विकास परिषद का चुनाव जीता था। पिछले साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, इस मामले में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का भी बयान सामने आया है। उन्होंने मेहराज मलिक के समर्थन में बयान दिया है।
सीएम ने क्या कहा?
सीएम ने कहा, 'मेहराज मलिक को पीएसए के तहत हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है। वह जन सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं हैं और उन्हें हिरासत में रखने के लिए इस बदनाम कानून का इस्तेमाल करना गलत है। अगर एक निर्वाचित सरकार एक निर्वाचित प्रतिनिधि के खिलाफ अपनी शक्तियों का इस तरह इस्तेमाल कर सकती है, तो कोई कैसे उम्मीद कर सकता है कि जम्मू-कश्मीर के लोग लोकतंत्र में विश्वास बनाए रखेंगे।'
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भद्रवाह जेल भेजे गए मलिक
अधिकारियों ने बताया कि मलिक को हिरासत में लेकर भद्रवाह जेल भेज दिया गया है। 'आप' विधायक का नाम डोडा जिले के अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज 18 एफआईआर और 16 दैनिक डायरी रिपोर्टों में दर्ज है। पुलिस ने दावा किया कि मलिक सार्वजनिक व्यवस्था में लगातार व्यवधान पैदा कर रहे थे, खासकर ऐसे समय में जब जिला प्रशासन हाल ही में हुई भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए राहत उपाय शुरू करने में व्यस्त था।
मलिक पर क्या हैं आरोप?
अधिकारियों ने बताया कि मेहराज मलिक पर ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर हमला करने, उन्हें उनके कार्यालयों में बंद करने और सार्वजनिक रूप से गाली-गलौज करने और धमकाने का आरोप है। साथ ही, उन पर अपहरण का भी आरोप है। पीएसए लगाए जाने से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उनकी सदस्यता प्रभावित नहीं होगी क्योंकि अब तक उनके खिलाफ दर्ज किसी भी मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है।