अंतरिक्ष में घूम रहे लाखों एस्टेरॉयड में से कुछ पृथ्वी के लिए खतरा बन सकते हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक नए एस्टेरॉयड 2024 YR4 का पता लगाया है। वैज्ञानिकों ने आशंका जताई कि साल 2032 में ये पृथ्वी पर टकरा सकता है। इस एस्टेरॉयड के धरती से टकराने की संभावना 2.3% तक बढ़ा दी गई है, जिससे वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसियों में चिंता बढ़ गई है। वहीं, एक दूसरा दिलचस्प पहलू यह भी सामने आया है कि इस एस्टेरॉयड के चंद्रमा से टकराने की भी 0.3% संभावना है।
यदि यह पृथ्वी से टकराता है तो क्या होगा?
यह एस्टेरॉयड आकार में लगभग 40 से 90 मीटर के बीच का है और इसे ‘सिटी-किलर’ श्रेणी में रखा जा रहा है, यानी वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर यह पृथ्वी से टकराया तो इसका प्रभाव 1908 में हुए तुंगुस्का घटना जैसा हो सकता है, जिसमें लगभग 80 मिलियन पेड़ नष्ट हो गए थे।
यह भी पढ़ें: इस दिन धरती पर लौटेंगी सुनीता विलियम्स, क्या है पूरा रेस्क्यू प्लान
विशेषज्ञों के अनुसार, यह टक्कर 50 किलोमीटर तक के दायरे में भयंकर तबाही मचा सकती है और लाखों लोगों की जान खतरे में डाल सकती है। इंटरनेशनल एस्टेरॉयड वॉर्निंग नेटवर्क (IAWN) ने बताया है कि यदि यह पृथ्वी से टकराता है, तो इसका प्रभाव पूर्वी प्रशांत महासागर से लेकर दक्षिण एशिया तक हो सकता है।
क्या चंद्रमा को कोई नुकसान होगा?
अगर 2024 YR4 चंद्रमा से टकराता है, तो इससे पृथ्वी को कोई बड़ा खतरा नहीं होगा। खगोल वैज्ञानिक डेविड रैंकिन के अनुसार, चंद्रमा पर इस टक्कर का प्रभाव ‘एक मच्छर के कार के शीशे से टकराने’ जैसा होगा। इसका मतलब यह है कि चंद्रमा को कोई खास क्षति नहीं पहुंचेगी।
हालांकि, टक्कर के बाद कुछ टुकड़े अंतरिक्ष में बिखर सकते हैं, जिनमें से कुछ पृथ्वी की ओर भी आ सकते हैं। लेकिन अधिकतर टुकड़े पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करते ही जलकर नष्ट हो जाएंगे। इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा से टकराने की स्थिति में पृथ्वी के लिए कोई गंभीर खतरा नहीं होगा।
क्या हम इसे रोक सकते हैं?
2024 YR4 की बढ़ती टकराव संभावना को देखते हुए वैज्ञानिकों के बीच ग्रह रक्षा (प्लैनेटरी डिफेंस) को लेकर नए विचार सामने आ रहे हैं। नासा ने DART मिशन (डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट) के तहत 2022 में सफलतापूर्वक एक छोटे एस्टेरॉयड डिमॉर्फोस की कक्षा को बदलकर यह साबित किया था कि एस्टेरॉयड को टकराव से पहले मोड़ा जा सकता है।
यह भी पढ़ें: चीन में मिला 15 करोड़ साल पुराना जीवाश्म, वैज्ञानिक क्यों हैं हैरान?
हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि DART जैसी रणनीति को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कम से कम 10 साल की तैयारी की आवश्यकता होती है। यदि 2024 YR4 पर इस तकनीक का प्रयोग जल्दबाजी में किया गया, तो यह एस्टेरॉयड गलत दिशा में मुड़ सकता है और किसी नए स्थान पर टकरा सकता है।
एक और चुनौती यह भी है कि वैज्ञानिकों को अभी तक यह नहीं पता कि 2024 YR4 का आकार कैसा है। कुछ एस्टेरॉयड ठोस चट्टानों से बने होते हैं, जबकि कुछ ढीले पत्थरों (रबल-पाइल) से मिलकर बने होते हैं। यह एस्टेरॉयड यदि किसी ढीली संरचना का है और इसे मोड़ने की कोशिश की गई, तो यह कई छोटे टुकड़ों में बंट सकता है, जो पृथ्वी के लिए और भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।