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ECINET से आसान होगी मतदान की प्रक्रिया, जानिए कैसे

ECI ने एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म ECINET लॉन्च करने की घोषणा की है, यह भारत में चुनावों को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने के लिए किया है।

Image of ECINET

सांकेतिक चित्र(Photo Credit: Wikimedia Commons)

भारत में चुनावों को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म ECINET लॉन्च करने की घोषणा की है। यह प्लेटफॉर्म आयोग की लगभग 40 मौजूदा मोबाइल और वेब एप्लिकेशन को एक जगह जोड़कर, एक डिजिटल मंच देना है।

क्या है ECINET?

ECINET एक ऐसा डिजिटल पोर्टल है जो मतदाता, चुनाव अधिकारी, राजनीतिक दल और सामाजिक संगठनों के लिए एक अच्छा, सरल और यूजर फ्रेंडली प्लेटफॉर्म के रूप में काम करेगा। इस पहल की कल्पना मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने मार्च में हुई मुख्य निर्वाचन अधिकारियों की कांफ्रेंस के दौरान की थी।

 

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किन ऐप्स को ECINET में जोड़ा जाएगा?

इस मंच के अंतर्गत निम्नलिखित लोकप्रिय एप्लिकेशन को सम्मिलित किया जाएगा:

 

वोटर हेल्पलाइन ऐप

वोटर टर्नआउट ऐप

cVIGIL

सुविधा 2.0

ESMS

सक्षम ऐप

KYC ऐप

 

इन सभी ऐप्स को मिलाकर अब तक 5.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं।

किसे होगा लाभ?

ECINET से लगभग 100 करोड़ मतदाताओं के साथ-साथ पूरी चुनावी व्यवस्था को लाभ होगा। इस ऐप से निम्नलिखित लोगों को सीधे सुविधा मिलेगी:

  • 10.5 लाख से ज्यादा बूथ स्तर अधिकारी (BLOs)
  • करीब 15 लाख राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर एजेंट (BLAs)
  • 45 लाख से अधिक मतदान अधिकारी
  • 15,597 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (AEROs)
  • 4,123 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (EROs)
  • 767 जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs)

अब इन्हें अलग-अलग ऐप डाउनलोड करने और लॉगिन करने की आवश्यकता नहीं होगी।

 

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कैसे तैयार हुआ यह प्लेटफॉर्म?

इस प्लेटफॉर्म को विकसित करने के लिए एक विस्तृत परामर्श प्रक्रिया अपनाई गई। इसमें देशभर के 36 मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs), 767 जिला निर्वाचन अधिकारियों (DEOs) और 4,123 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (EROs) की राय ली गई। इसके अलावा, 9,000 पन्नों की 76 ईसीआई प्रकाशनों का विश्लेषण भी किया गया।

सुरक्षा और कानूनी ढांचा

ECINET को पूरी तरह से जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951, निर्वाचन पंजीकरण नियम 1960 और चुनाव आचरण नियम 1961 के तहत विकसित किया गया है। इसमें साइबर सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है और सभी जानकारियाँ कानूनी दायरे में रहेंगी।

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