प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को साल 2025 के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बेंगलुरु स्थित स्पेस-टेक स्टार्टअप पिक्सल की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को मजबूत बनाने में पिक्सल का योगदान ऐतिहासिक है।
‘Firefly’ की ऐतिहासिक उपलब्धि
पिक्सल ने हाल ही में भारत को उसकी पहली निजी अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन, ‘Firefly’ दी है। इस कॉन्स्टेलेशन को दुनिया की सबसे उन्नत हाइपरस्पेक्ट्रल सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन माना जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत के लिए गर्व का क्षण बताते हुए कहा कि यह हमारे देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक बड़ा कदम है।
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‘Firefly’ की खासियत
पिछले सप्ताह, तीन ‘Firefly’ सैटेलाइट्स को अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से स्पेसएक्स फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए 550 किलोमीटर लो-अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया गया था। इस लॉन्चिंग से पहले, सैटेलाइट्स को एक्सोलॉन्च के माध्यम से एकीकृत किया गया था।
‘Firefly’ कॉन्स्टेलेशन का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी और जलवायु से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां सटीकता के साथ प्रदान करना है। यह कॉन्स्टेलेशन दुनिया की सबसे उन्नत हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग करने में सक्षम है।
क्यों है ‘Firefly’ खास?
‘Firefly’ के सैटेलाइट्स की सबसे बड़ी खासियत उनकी सटीकता है। ये मौजूदा हाइपरस्पेक्ट्रल सैटेलाइट्स की तुलना में 6 गुना अधिक स्पष्टता के साथ तस्वीरें लेने में सक्षम हैं। जहां अन्य सैटेलाइट्स केवल 30 मीटर की सटीकता तक काम करते हैं, वहीं ‘Firefly’ बहुत ही बारीक विवरणों को कैप्चर कर सकती है।
इस सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन का उद्देश्य वैश्विक घटनाओं का पता लगाना, उनकी निगरानी करना और भविष्यवाणी करना है। उदाहरण के लिए, ये सैटेलाइट्स जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय परिवर्तनों की सटीक जानकारी प्रदान कर सकते हैं।
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भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में नया युग
‘Firefly’ के लॉन्च से पहले, भारत की सभी अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट्स भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के स्वामित्व में थीं। ISRO के पास इस समय अंतरिक्ष में करीब 52 सैटेलाइट्स हैं। लेकिन ‘Firefly’ भारत की पहली निजी सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन है, जो देश के अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी कंपनियों की दौड़ को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम हो सकता है।
पिक्सल: एक स्टार्टअप से सफलता की कहानी
पिक्सल की शुरुआत 2019 में अवाइस अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (BITS), पिलानी में पढ़ाई के दौरान की थी। इस स्टार्टअप का हेडक्वाटर भारत और अमेरिका दोनों जगह है।
इस स्टार्टअप ने अब तक 95 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई है और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में एक सफलता की कहानी बन गया है। Firefly कॉन्स्टेलेशन के तहत इस साल के अंत तक तीन और सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना है। इन सैटेलाइट्स के जरिए पृथ्वी और जलवायु से जुड़ी और भी सटीक जानकारियां प्रदान की जाएंगी।