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भूतों का डर रखेगा दिमाग को स्वस्थ, स्टडी में बताई गई ये बातें

एक स्टडी में सामने आया है कि भूतिया फिल्म देखना या भूतिया घर में जाना दिमाग को स्वस्थ रख सकता है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट-

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भूतों का डर हो सकता है दिमाग के लिए फायदेमंद। (सांकेतिक चित्र, Pic Credit- Freepik)

हॉन्टेड मूवी देखते हुए या हॉन्टेड हाउस में जाते हुए डर और रोमांच दोनों का अनुभव होता है। इसलिए भूतिया घरों में जाने की या हॉरर मूवी देखने की हर किसी हिम्मत भी नहीं होती है। लेकिन डर और रोमांच का यह अनोखा मिश्रण स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि IFLScience की एक रिपोर्ट के अनुसार, डरावने स्थानों पर जाना आपके शरीर को तनाव और खतरों का सामना करने के लिए तैयार कर सकता है।

डर कैसे हो सकता है फायदेमंद?

IFLScience के इस रिपोर्ट में बताया गया कि डरावने अनुभव, जैसे भूतिया घर में जाना या हॉरर फिल्म देखना, शरीर के एड्रेनर्जिक सिस्टम को सक्रिय कर देते हैं। यह प्रतिक्रिया शरीर के ‘लड़ो या भागो’ (fight-or-flight) तंत्र को शुरू करती है। इस प्रक्रिया में हार्मोन बनते हैं और डिस्चार्ज होते हैं, जो दिल की धड़कन तेज करते हैं और सतर्कता बढ़ाते हैं।

 

एक और बड़ा फायदा यह है कि यह सूजन (inflammation) को कम कर सकता है। सूजन को कई स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे दिल से जुड़ी बीमारी या अन्य पुरानी बीमारियों से जोड़ा जाता है। जब एड्रेनर्जिक सिस्टम सक्रिय होता है, तो अस्थायी रूप से इम्यून सिस्टम की सक्रियता कम हो जाती है, जो शरीर में कम सूजन को घटा सकती है।

शोध क्या कहता है?

डेनमार्क के वेजले में एक भूतिया घर में 113 लोगों पर एक अध्ययन किया गया। इस भूतिया घर में हर साल हैलोवीन लोग डरा देने वाले अनुभवों के लिए पैसे देकर आते हैं। यहां खून के प्यासे जोकर, चेनसॉ चलाने वाले लोग और लाश जैसे डरावने किरदार लोगों को डराते हैं।

 

शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के दिल की धड़कन और खून के नमूने तीन बार लिए भूतिया घर में जाने से पहले, बाहर निकलते ही और भूतिया घर में जाने के तीन दिन बाद। इस स्टडी में यह पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को पहले से हल्की सूजन थी, उनमें से 82% में सूजन के संकेत (CRP स्तर) भूतिया घर में जाने के तीन दिन बाद कम हो गए। इसके साथ डरावने अनुभव ने उनके शरीर में सूजन के मार्कर्स और इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को बदल दिया।

 

इस अध्ययन के नतीजे दिलचस्प हैं, लेकिन प्रतिभागियों के शराब या धूम्रपान की आदतों का ध्यान नहीं रखा गया। सूजन का पहले से कोई डेटा पहले से उपलब्ध नहीं था और प्रतिभागियों का समूह छोटा और सीमित था।

 

Disclaimer- यहां दी गई सभी जानकारियां IFLScience में प्रकाशित स्टडी पर आधारित हैं। Khabargaon इसकी पुष्टि नहीं करता।

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