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बेंगलुरु का लड़का, एप्पल AI का वाइस प्रेसीडेंट कैसे बना? कहानी अमर सुब्रमण्य की

अमर सुब्रमण्यम माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। उन्हें अब Apple में बड़ी जिम्मेदारी मिली है।

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अमर सुब्रमण्य। (Photo Credit: Social Media)

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अमर सुब्रमण्य, एप्पल के नए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस वाइस प्रेसिडेंट नियुक्त हुए हैं। उन्होंने जॉन जियानांड्रिया की जगह ली है। अमर भारतीय मूल के हैं और AI की दुनिया में जाने-पहचाने नाम हैं। अमर सुब्रह्मण्यम अब सॉफ्टवेयर चीफ क्रेग फेडरिगी को रिपोर्ट करेंगे। वह एप्पल फाउंडेशन मॉडल, मशीन लर्निंग रिसर्च, एआई सेफ्टी और इवैल्यूएशन जैसे अहम सेक्टर की रणनीति तैयार करेंगे। 

एप्पल के सीईओ टिम कुक ने यह एलान किया है। उन्होंने कहा, 'जॉन ने हमारी AI गतिविधियों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, इसके लिए हम आभारी हैं। AI लंबे समय से एप्पल की रणनीति का केंद्र रहा है। हम अमर का क्रेग की टीम में स्वागत करते हैं। उनके आने से हमें खुशी महसूस हो रही है।'

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एप्पल के लिए क्या करेंगे अमर सुब्रमण्य?

एप्पल ने कहा है कि अमर सुब्रमण्य रिसर्च को प्रोडक्ट में बदलना जानते हैं। उनकी गहरी समझ, इंटेलिजेंस फीचर्स के भविष्य के लिए बहुत काम आएगी। वह जॉन के काम को आगे बढ़ाएंगे। जॉन जियानांड्रिया साल 2018 में गूगल से एप्पल आए थे। उन्होंने आइफोन के वर्चुअल असिस्टेंट 'सिरी' को बेहतर करने के लिए काम किया है। यह वॉइस कमांड को समझने वाला वर्चुअल असिस्टेंट है। वह 2026 में रिटायरमेंट तक एप्पल के सलाहकार बने रहेंगे।

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बेंगलुरु से कैलिफोर्निया तक का सफर कैसा रहा?

  • अमर सुब्रमण्य भारतीय मूल के टेक और AI एक्सपर्ट हैं। अब उन्हें Apple में नई जिम्मेदारी मिली है। साल 2001 में उन्होंने बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद IBM में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम किया।

  • साल 2005 में उन्होंने वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से पीएचडी पूरी की है। उन्होंने कुछ दिनों तक माइक्रोसॉफ्ट में इंटर्नशिप की थी, फिर विजिटिंग रिसर्चर बने। यहां से उन्हें गूगल में जाने का मौका मिला, जहां वे लगातार 16 साल तक बने रहे। उन्हें गूगल और माउंटेन व्यू में स्टाफ रिसर्च साइंटिस्ट के पद पर रखा गया था।

  • अगले कुछ साल में उन्हें लगातार प्रमोशन मिला, पहले प्रिसिंपल इंजीनियर, फिर साल 2019 में उन्हें वाइस प्रेसीडेंट ऑफ इंजीनियरिंग नियुक्त कर दिया गया। उन्होंने उन्होंने Google के Gemini असिस्टेंट की इंजीनियरिंग टीम को लीड किया है।

  • जुलाई में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट के AI कॉर्पोरेट वाइस प्रेसीडेंट का पद संभाला लेकिन वहां ज्यादा दिन नहीं टिके। अब वह एप्पल में चीफ वाइस प्रेसीडेंट बने हैं। वह सीधे क्रेग को रिपोर्ट करेंगे। वह एप्पल के सॉफ्टवेयर हेड हैं। 

जॉन जियानांड्रिया की छुट्टी क्यों हुई?

जॉन जियानांड्रिया की लीडरशिप में एप्पल ने AI सेक्टर में वैसा ग्रोथ नहीं किया, जिसकी उम्मीद थी। कंपनी AI में पिछड़ती जा रही थी। सैमसंग और मोटो जैसी कंपनियों ने AI में कई हैरान करने वाले फीचर लॉन्च किए, जबकि Apple पीछे रह गया।  ऐप्पल असिस्टेंट सिरी के भी मेजर अपडेट 2026 तक टाल दिए गए। अब अमर सुब्रमण्य के सिर पर बड़ी जिम्मेदारी है। 

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