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फर्जी वीडियो और आवाज से सावधान! Deepfake ठगी से बचने के जरूरी टिप्स

साइबर ठगी और गलत जानकारी फैलाने के लिए Deepfake का बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है। जानते हैं, इससे बचने के टिप्स।

Image of AI deepfake

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: Freepik)

साइबर फ्रॉड के लिए ठग कई तरह हथकंडे अपनाते हैं। इन्हीं में से एक Deepfake है। बता दें कि Deepfake एक तरह का AI तकनीक है जो किसी भी व्यक्ति की आवाज, चेहरे और हाव-भाव की हूबहू नकल करके ऐसा वीडियो बना सकती है, जिसे देखकर असली-नकली में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। इसी तकनीक का फायदा उठाकर न सिर्फ साइबर ठग, बल्कि कई तरह फेक समाचार को भी बढ़ावा दिया जाता है, जो हानिकारक हो सकता है।

क्या होता है Deepfake?

Deepfake एक ऐसी तकनीक है, जिसमें AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति के चेहरे और आवाज को बदलकर नकली वीडियो या ऑडियो तैयार किया जाता है। इससे ऐसा लगता है कि वह व्यक्ति वास्तव में वही कह रहा है या कर रहा है, जबकि असल में उसने ऐसा कुछ किया ही नहीं होता।

 

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Deepfake को कैसे पहचाने?

Deepfake वीडियो असली दिखते हैं लेकिन कुछ छोटी बारीकियों को ध्यान में रखकर इसे पहचाना जा सकता है। आपको यदि लगे कि कोई वीडियो नकली है तो वीडियो में दिखाई दे रहे चेहरे के हाव-भाव देखें या होंठों की हरकत आवाज से मेल नहीं खा रही है, इसपर ध्यान दें। ऐसे में ये Deepfake हो सकता है। साथ ही अक्सर देखा जाता है कि Deepfake में आंखें कम झपकती हैं या उनकी दिशा अजीब लगती है।

 

असली वीडियो में रौशनी और छाया स्वाभाविक होती हैं, जबकि Deepfake में ये स्थिर नहीं होने की संभावना रहती है। कई बार Deepfake में आवाज थोड़ी रोबोटिक या असामान्य लग सकती है। AI अभी भी हाथ और उंगलियों को पूरी तरह सही ढंग से बनाने में सक्षम नहीं है, इसलिए वीडियो में अगर उंगलियां असमान दिखें तो सतर्क हो जाएं।

Deepfake से साइबर फ्रॉड के तरीके, जिनसे है बचना

Deepfake का सबसे बड़ा खतरा साइबर अपराधियों द्वारा इसका गलत इस्तेमाल है। इससे कई प्रकार की ठगी और धोखाधड़ी हो रही है। इस तकनीक से कोई व्यक्ति नकली आवाज बनाकर बैंक से पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश कर सकता है।

 

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इसके साथ किसी की फर्जी वीडियो या तस्वीरें बनाकर ब्लैकमेल करना भी इसमें शामिल हो सकता है। साथ ही चुनाव के दौरान नेताओं के नकली वीडियो बनाकर अफवाहें फैलाना भी इसमें शामिल है। साथ ही Deepfake के जरिए रिश्तेदार या दोस्त के नाम पर पैसे मांगना भी साइबर फ्रॉड का एक तरीका है, जिसके झांसे में कई लोग पहले भी आ चुके हैं।

Deepfake से बचने के टिप्स

किसी भी संदिग्ध वीडियो को तुरंत सच मानने की बजाय उसकी जांच करें। साथ ही अगर कोई दोस्त या रिश्तेदार पैसे मांग रहा है, तो पहले वापस उससे या उसके परिवार वालों से कॉल करके पुष्टि करें। इसके साथ कई AI टूल्स और ऐप्स अब Deepfake की पहचान कर सकते हैं, जिनमें Deepware Scanner, Google SynthID, Sentinel जैसे सॉफ्टवेयर शामिल हैं। इसके जरिए ये समझ आ सकता है कि क्या वीडियो असली है या नहीं। साथ ही अपने निजी वीडियो और तस्वीरें सार्वजनिक रूप से शेयर करने से बचें, क्योंकि ये Deepfake के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

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