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दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे कब तक खुल जाएगा, कितना लगेगा टोल टैक्स?

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा हो चुका है। मार्च 2025 में इसका उद्घाटन हो सकता है जिसके बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा करना आसान हो जाएगा।

Image of Delhi Dehradun Expressway

सांकेतिक चित्र।(Photo Credit: PTI File Photo)

अगर आप भी दिल्ली से देहरादून के बीच सफर करते हैं तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। दिल्ली-देहरादून के बीच बन रहा नया इकोनॉमिक कॉरिडोर अब लगभग पूरा होने वाला है। इस शानदार सड़क परियोजना के पूरा होते ही आपकी यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। जहां पहले आपको 5 से 6 घंटे लगते थे, अब वही सफर महज 2 से 2.5 घंटे में पूरा हो जाएगा। आइए जानते हैं इस एक्सप्रेसवे को कब तक खोला जाएगा।

 

लंबे इंतजार के बाद एक्सप्रेसवे के डाट काली से आशारोड़ी तक 3.4 किलोमीटर का हिस्सा खोला जा चुका है, जिससे दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर यातायात की आवाजाही शुरू हो गई है। वहीं, अक्षरधाम से खेकड़ा तक 31 किलोमीटर में फैले पहले चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पूरा काम होने के बाद 2025 की शुरुआत में खुलने वाला है, जिसका आधिकारिक उद्घाटन मार्च 2025 में हो सकता है।

 

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212 किलोमीटर लंबा है यह एक्सप्रेसवे

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे 212 किलोमीटर लंबा होगा। इस एक्सप्रेसवे को हाई-स्पीड कॉरिडोर बनाने के लिए विकसित किया जा रहा है, जिससे यात्रा का समय 6 घंटे से कम होकर मात्र 2.5 घंटे ही लगेंगे। इस एक्सप्रेसवे को चार चरणों में बनाया जा रहा है। राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरने वाला 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड वन्यजीव गलियारा एक प्रमुख आकर्षण है, जिसे न्यूनतम पर्यावरणीय व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को बनाने में ग्रीन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिससे पर्यावरण पर कम से कम असर पड़ेगा। सड़क के किनारे सोलर लाइट्स लगाई जाएंगी। इसके साथ-साथ हाईवे के दोनों तरफ पेड़ भी लगाए जाएंगे ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके। शहरी इलाकों में शोर कम करने के लिए हाइवे पर साउंड बैरियर्स भी लगाए जाएंगे।

कितना टोल टैक्स लगेगा?

बता दें कि अक्षरधाम से लोनी तक पहले 18 किमी का हिस्सा टोल-फ्री रहेगा, जिसकी जानकारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग ने दी है। इसके आगे की यात्रा के लिए यात्रियों को टोल देना होगा, जिसमें यात्रा की गई दूरी के आधार पर शुल्क लिया जाएगा। अधिकारियों का सुझाव है कि दिल्ली से बागपत (खेकड़ा) तक के सेक्शन पर टोल दर अधिक हो सकती है। वहीं, जो यात्री ब्लैकलिस्टेड फास्टैग का उपयोग करेगा उसे पूरे एक्सप्रेसवे के लिए पूरा टोल टैक्स देना होगा, चाहे उसने कितनी भी दूरी तय की हो। एक्सप्रेसवे पर यात्रा करने वालों को सूचित करने के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (NHAI) प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर डिजिटल साइन बोर्ड लगाएगा।

 

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के कई खंड परीक्षण के लिए चालू कर दिए गए हैं।  पूरा एक्सप्रेसवे मार्च 2025 तक खुलने की उम्मीद है। पूरी तरह खोलने से पहले, वर्तमान में अक्षरधाम से खेकड़ा तक 31.6 किलोमीटर के हिस्से पर सड़क परीक्षण चल रहा है। जानकारी के मुताबिक, मार्च 2025 के आखिरी तक इस एक्सप्रेसवे का अंतिम उद्घाटन होने की संभावना है। एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख वाहनों के आवागमन की उम्मीद है, जिससे पूर्वी दिल्ली और गाजियाबाद में यातायात की भीड़भाड़ कम होगी और बागपत, सहारनपुर और देहरादून के लिए निरंतर संपर्क उपलब्ध होगा।

 

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दिल्ली-देहराहून एक्सप्रेसवे का प्रभाव

यह एक्सप्रेसवे न केवल पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगा बल्कि तेज़, सुरक्षित और अधिक कुशल यात्रा अनुभव भी प्रदान करेगा। एक्सप्रेसवे क्षेत्र के आसपास कई रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए भी रास्ता खोलेगा। आसान कनेक्टिविटी की बदौलत कई रियल एस्टेट डेवलपर्स एक्सप्रेसवे के आसपास अपार्टमेंट और प्लॉट बनाना शुरू कर सकते हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का एक फायदा यह होगा कि इससे देहरादून, दिल्ली और एक्सप्रेसवे से जुड़े स्थानों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से आप उत्तराखंड, दिल्ली और उत्तर प्रदेश तक 3 घंटे से भी कम समय में पहुंच सकते हैं।

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