कनाडा के टोरंटो शहर से एक वायरल वीडियो ने लोगों में गुस्सा भड़का दिया है। वीडियो में एक शख्स दिख रहा है जो कि पूरी तरह से नशे में धुत लग रहा है। वह व्यक्ति बिना किसी वजह के एक भारतीय मूल के शख्स पर हमला करता दिख रहा है। यह घटना एक कैफे में हुई, जिससे कनाडा में विदेशियों के खिलाफ बढ़ती नफरत (जेनोफोबिया) की चिंताएं फिर से उभर आई हैं।
वीडियो में टोरंटो ब्लू जेज जैकेट पहने एक कनाडाई व्यक्ति और भारतीय मूल का एक शख्स कैफे के 'मोबाइल ऑर्डर पिक अप' काउंटर के पास बहस करते नजर आते हैं। वीडियो की शुरुआत में कनाडाई व्यक्ति गुस्से में अपना फोन फेंक देता है। भारतीय शख्स उसे उठाता है। इसके तुरंत बाद नशे में धुत व्यक्ति उस पर झपटता है, धक्का देता है और कॉलर पकड़कर खींचता है। वह चिल्लाते हुए कहता है, 'तू खुद को बड़ा समझता है क्या?'
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बार-बार दिया धक्का
भारतीय शख्स शांत रहता है और जवाब देता है, 'तुम खुद मुसीबत में पड़ जाओगे।' वह कोई जवाबी हमला नहीं करता, लेकिन आरोपी बार-बार धक्का देता रहता है और चिल्लाता है, 'तूने मुझे क्या कहा?' आखिरकार कैफे का एक कर्मचारी बीच में आता है और दोनों को बाहर जाने को कहता है। 'प्लीज बाहर जाओ' कहकर वह स्थिति को संभालता है। आरोपी को बाहर निकालने के बाद मामला शांत होता है।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया। लोग ऑनलाइन इसकी निंदा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि अपराधी पर सख्त कार्रवाई हो। साथ ही भारतीयों (प्रवासियों) की सुरक्षा बढ़ाने की बात हो रही है, क्योंकि कनाडा में नस्लीय हमलों के मामले बढ़ रहे हैं।
पहले भी हुई घटना
यह घटना एक और दुखद मामले के ठीक बाद आई है। एडमॉन्टन में 19 अक्टूबर को भारतीय मूल के व्यवसायी 55 साल के अरवी सिंह सागू की मौत हो गई। वे एक व्यक्ति से अपनी कार पर पेशाब करने की वजह से बहस कर रहे थे। आरोपी ने मुक्का मारा, जिससे सागू गिर पड़े और बेहोश हो गए। अस्पताल में पांच दिन बाद उनकी मौत हो गई।
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आरोपी काइल पैपिन को एडमॉन्टन पुलिस ने गिरफ्तार किया और गंभीर हमले का आरोप लगाया। सागू के दोस्त विंसेंट राम ने उनके बच्चों की मदद और अंतिम संस्कार के लिए फंडरेजर शुरू किया है। ये दोनों घटनाएं कनाडाई शहरों में भारतीयों की सुरक्षा और नस्लीय हिंसा के बढ़ते मामलों पर बहस छेड़ रही हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या कनाडा अब विदेशियों के लिए सुरक्षित है?