पंजाब के मोगा जिले से एक आनोखा वीडियो सामने आया है। बारिश की वजह से गांव की सड़क बह गई थी। सड़क बहने की वजह से करीब 35 बच्चे सड़क के उस पार फंस गए थे। ऐसे में गांव के दो युवकों ने खुद को बहते पानी में मानव पुल बना लिया और उन सभी बच्चों को सफलता पूर्वक सड़क पार करवाया। वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने वीडियो देख कर खुशी जाहिर की है। युवकों की समझदारी और बहादुरी को देखते हुए गांव के लोगों ने उन्हें सम्मानित भी किया है। गांव के लोगों ने बताया कि जो सड़क टूटी है वह गांव को मुख्य सड़क से जोड़ती है।
वायरल वीडियो मोगा जिले के मल्लेयन गांव का है। जहां सुबह 10 बजे बारिश के चलते स्कूल में छुट्टी घोषित कर दी गई थी। बच्चे जैसे ही अपने घर लौटने लगे, गुरुद्वारे से यह घोषणा हुई कि सड़क टूट गई है और लगभग 35 बच्चे दूसरी ओर फंसे हुए हैं। यह खबर सुनते ही गांव के दो युवक सुखबिंदर सिंह और गगनदीप सिंह गांव के कुछ अन्य लोगों के साथ बच्चों की मदद के लिए मौके पर पहुंचे।
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पानी में क्यों उतरे युवक?
ग्रामीणों ने बताया कि जब वे लोग वहां मदद के लिए पहुंचे तो देखा कि सड़क का एक हिस्सा बह गया था। सड़क के बहे हुए हिस्से से पानी कमर तक बह रहा था। उन्होंने बताया कि बहे हुए हिस्सों के बीच कम से कम 5 फीट का फासला था। इस स्थिति में बच्चों का निकल पाना बेहद मुश्किल था। तभी सुखबिंदर सिंह ने एक अनोखा और साहसी तरीका निकाला। उन्होंने खुद को और गगनदीप को एक मानव पुल की तरह बनाया, जिससे बच्चे और बाकी लोग उन पर चढ़कर सुरक्षित सड़क के उस पार जा सकें। इस तरीके से बच्चों को धीरे-धीरे एक-एक करके दूसरी तरफ पहुंचाया गया। रोड के उस पार फंसे करीब 35 बच्चे और लगभग 10 अन्य लोगों को इस तरीके से रोड को पार करवाया गया था। गांव के पंचायत सदस्य इंद्रेश सिंह ने बताया कि गगनदीप अपने भतीजे को लेने गए थे और सुखबिंदर ने ही यह सुझाव दिया कि वे मिलकर मानव पुल बनाएंगे। इसके बाद दोनों ने मिलकर बिना डरे यह काम किया।
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गांव के लोगों ने किया सम्मानित
गांव की पंचायत ने इस साहसिक कार्य की सराहना की है और दोनों युवकों को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। साथ ही पंचायत ने यह भी बताया कि अब तक लुधियाना जिला प्रशासन और रसूलपुर ग्राम पंचायत ने टूटी हुई सड़क की मरम्मत को लेकर कोई कदम नही उठाया है। यह सड़क मल्लेयन और रसूलपुर गांवों को जोड़ने वाली एकमात्र सड़क है, जिससे गांव के लोग काम पर जाते हैं और बच्चे स्कूल आते-जाते हैं।
गांववालों ने राज्य सरकार और जिला प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस सड़क की मरम्मत जल्द से जल्द करवाई जाए, जिससे भविष्य में कोई बड़ा हादसा न हो। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि मुश्किल हालात में भी जब सरकारी मदद नहीं पहुंचती, तब आम लोग अपनी सूझबूझ और बहादुरी से दूसरों की जान बचा सकते हैं। सुखबिंदर और गगनदीप का यह काम पूरे समाज के लिए प्रेरणास्पद है।