कनाडा की रैपर और मॉडल टॉमी जेनेसिस यास्मीन मोहनराज ने हाल ही में अपना नया म्यूजिक वीडियो 'True Blue' रिलीज किया है। गाना सुनने वालों के रिएक्शन तो मिले-जुले रहे हैं लेकिन वीडियो ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं और वो भी विवादों के चलते। लोगों का कहना है कि वीडियो में कुछ ऐसे सीन हैं जो ईसाई और हिंदू धर्म दोनों के लिए आपत्तिजनक हैं। खासकर सीन में टॉमी का पूरा शरीर नीले रंग से रंगा हुआ नजर आ रहा है, जो कई लोगों को भगवान शिव, भगवान कृष्ण और मां काली की छवि की याद दिलाता है।
इतना ही नहीं, वीडियो में एक जगह ईसाइयों के पवित्र क्रॉस को अजीब और अनुचित तरीके से इस्तेमाल किया गया है, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचने की बात कही जा रही है। सोशल मीडिया पर इसको लेकर काफी नाराजगी देखी जा रही है। टॉमी जेनेसिस एक दिलचस्प और अलग किस्म की आर्टिस्ट हैं। उनका रिश्ता मलयाली, तमिल और स्वीडन की परंपराओं से है और वो कनाडा के वैंकूवर से हैं। उन्हें अक्सर एक 'विद्रोही अंडरग्राउंड रैपर' कहा जाता है क्योंकि उनके गानों में वह बिना किसी झिझक के सेक्स, पहचान और कामुकता जैसे टॉपिक पर बात करती हैं।
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कौन हैं जेनेसिस यास्मीन मोहनराज
जेनेसिस उनका असली नाम ही है। उनके इस म्यूजिक वीडियो में वह पूरी तरह इंडियन लुक में नजर आ रही हैं। जैसे- मांग टीका, नथ, चूड़ियां, झुमके। उनका यह लुक जेम्स कैमरून की 'Avatar' फिल्म की बखूबी याद दिलाता है। उनके रैप की फ्लो शानदार है और सबसे खास बात यह है कि वह डिप्रेशन और PTSD जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर बात करती हैं। उनका यह गाना असल में अपने सच को स्वीकार करने और अपनी जिंदगी की जिम्मेदारी खुद उठाने के बारे में है।
यूजर्स ने दिए रिएक्शन
एक यूजर ने X पर लिखा, 'वह भारतीय मूल की है, इसलिए यह काफी हद तक मुमकिन है कि उसका मेकअप जानबूझकर हिंदू भावनाओं को आहत करने के लिए किया गया हो। यह सीधा-सीधा धर्म का अपमान है।' वहीं, एक और यूजर ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'क्या आपने देखा नहीं कि उसके गाने में क्रॉस उसके प्राइवेट पार्ट पर रखा हुआ है? वह हर धर्म की भावनाओं से खेल रही है, शायद जानबूझकर, ताकि वायरल हो सके। बहुत ही घटिया तरीका है यह।'
एक तीसरे यूजर ने कहा, 'उसका नया गाना तो हिंदू और ईसाई दोनों धर्मों का खुलेआम मजाक उड़ाता है। इसे आर्ट या क्रिएटिविटी कहना गलत है, यह सिर्फ और सिर्फ बेइज्जती है।'
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धर्म का गलत इस्तेमाल पहली बार नहीं
यह पहली बार नहीं है जब किसी सिंगर को सांस्कृतिक चीजों के गलत इस्तेमाल यानी 'कल्चरल एप्रोप्रिएशन' को लेकर आलोचना झेलनी पड़ी हो। मशहूर के-पॉप ग्रुप ब्लैकपिंक को भी ऐसी ही आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जब उन्होंने भगवान गणेश की मूर्ति को सिर्फ एक सजावट के तौर पर इस्तेमाल किया था। असल में, भगवान शिव और देवी शक्ति से जुड़ी चीजों और प्रतीकों के इस्तेमाल पर पहले भी कई बार बहस छिड़ चुकी है।