असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मंगलवार को विधानसभा में एक बार फिर दोहराया है कि जुबिन गर्ग की मौत, डूबकर मरने से नहीं हुई है, बल्कि यह हत्या है। उन्होंने दावे के साथ कहा है कि जुबिन गर्ग की मौत साफ तौर पर हत्या का मामला है।
अब जुबिन गर्ग की मौत मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने जुबिन गर्ग केस में हत्या की धाराएं भी जोड़ दी हैं। हिमंत बिस्व सरमा ने विपक्ष की ओर से लाए गए स्थगन प्रस्ताव के तहत हुई चर्चा पर यह बात कही है। कार्य स्थगन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया था।
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हिमंता बिस्व सरमा:-
शुरुआती जांच के बाद असम पुलिस को यकीन हो गया था कि यह गैर इरादतन हत्या का मामला नहीं है बल्कि यह साफ तौर पर हत्या है। इसीलिए, उनकी मौत के तीन दिन के भीतर ही मामले में BNS की धारा 103 जोड़ दी गई।
असम सरकार ने अब तक क्या कहा है?
असम पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) ने अब तक इस केस में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है, 252 गवाहों से पूछताछ की है। 29 चीजों की जब्ती भी हुई है।
मुख्यमंत्री हिमंता ने दावा किया, 'एक आरोपी ने जुबिन गर्ग की हत्या की और एक अन्य ने उसकी मदद की। हत्या के मामले में चार-पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। दिसंबर में हत्या के मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद, जांच का दायरा बढ़ाकर लापरवाही, आपराधिक विश्वासघात और अन्य पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा।'
हिमंत बिस्व सरमा, असम के गृह मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा है कि SIT एक चार्जशीट दाखिल करेगी। अपराध के पीछे का मकसद राज्य के लोगों को झकझोर देगा। |
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जुबिन गर्ग की मौत कैसे हुई थी?
जुबिन गर्ग की 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते वक्त मौत हो गई थी। जुबिन गर्ग की मौत डूबने से हुई थी। असम के असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने यह कहा था कि यह कोई सामान्य हादसा नहीं बल्कि हत्या है। जांच में जुड़े कई आरोप और संदिग्ध धनराशि मिलने के कारण इस मामले को हत्या के तौर पर देखा जा रहा है। पोस्टमॉर्टम में जहर से मौत की बात खारिज हुई है। जांच का इंतजार है।
