logo

ट्रेंडिंग:

क्या प्रदूषण की वजह से हो रहा है वायरल फीवर? डॉक्टर से जानें हर बात

दिल्ली और एनसीआर की हवा जहरीली हो गई है। बढ़ते प्रदूषण की वजह से लोगों के सांस लेने में तकलीफ, खांसी, झुकाम आदि की परेशानी हो रही है।

cough and cold

प्रतीकात्मक तस्वीर

सर्दी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। इस मौसम में खासतौर से सुबह और शाम के समय में ठंडी हवाएं चलती हैं। वहीं, दोपहर हल्का मौसम गर्म होता है। इस मौसम में सबसे ज्यादा लोगों को सर्दी, जुकाम, बुखार और वायरल की समस्या होती है। तापमान के बदलाव के साथ प्रदूषण भी वायरल संबंधी बीमारियों को बढ़ाने का काम करता है।

 

अभी लोगों को वायरल संबंधी समस्याएं ज्यादा हो रही है। यह बीमारी जल्दी ठीक भी नहीं हो रही है। लोगों को ठीक होने में हफ्ते भर से ज्यादा का समय लग रहा है। इस बारे में हमने दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के इंटरनल मेडिसिन एंड इनफेक्शन डिजीज के डायरेक्टर डॉक्टर. अरविंद अग्रवाल  से बात की।

 

यह भी पढ़ें- एट्रियल फिब्रिलेशन और पैनिक अटैक में क्या है अंतर? इस कारण से होता है कंफ्यूजन

लंबे समय तक क्यों चल रहा है वायरल फीवर?

इस समय जो वायरल फीवर फैल रहा है, वह लंबे समय तक इसलिए चल रहा है क्योंकि मौसम में तेजी से बदलाव, प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी शरीर पर असर डाल रहे हैं। कई नए वायरल स्ट्रेन भी सामने आ रहे हैं, जिनसे संक्रमण पूरी तरह खत्म होने में अधिक समय लग रहा है। पहले जहां वायरल बुखार 3–4 दिन में ठीक हो जाता था, अब यह 7–10 दिन या उससे ज्यादा तक रह सकता है। लगातार थकान, हल्का बुखार और खांसी इसके आम लक्षण हैं। इसलिए खुद से एंटीबायोटिक न लें, पर्याप्त आराम करें, पानी ज्यादा पिएं और पौष्टिक आहार लें ताकि शरीर जल्दी रिकवर कर सके।

क्या प्रदूषण की वजह से हो रहा है?

हां, मौसमी वायरल फीवर और खांसी-जुकाम के बढ़ने में प्रदूषण की बड़ी भूमिका है। हवा में मौजूद सूक्ष्म कण (PM 2.5 और PM 10) नाक, गले और फेफड़ों की झिल्ली को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और संक्रमण जल्दी पकड़ लेता है। प्रदूषित हवा में वायरस और बैक्टीरिया लंबे समय तक सक्रिय रहते हैं, जिससे संक्रमण तेजी से फैलता है। डॉक्टर सलाह देते हैं कि सुबह-शाम बाहर निकलने से बचें, मास्क पहनें, घर में पौधे या एयर प्यूरिफायर रखें और गुनगुना पानी पीते रहें। ये सावधानियां वायरल संक्रमण और प्रदूषण दोनों से बचाव में मदद करती हैं।

लोगों को इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए?

इस मौसम में वायरल फीवर और प्रदूषण के असर से बचने के लिए सबसे जरूरी है इम्यूनिटी मजबूत रखना और सावधानी बरतना। सुबह-शाम के समय जब हवा ज्यादा प्रदूषित होती है, तब बाहर जाने से बचें या मास्क जरूर पहनें। घर लौटने पर हाथ-मुंह धोएं और नाक की सफाई सलाइन वाटर से करें। दिनभर में पर्याप्त पानी पीना, ताजे फल-सब्जियां और विटामिन C से भरपूर आहार लेना इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसके अलावा, नींद पूरी लें और स्ट्रेस से दूर रहें। अगर लगातार खांसी, बुखार या सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत जांच करवाएं और खुद से दवा न लें।

 

यह भी पढ़ें- रण उत्सव में क्या कुछ है खास? 5000 रुपये में दिल्ली से घूमकर आएं यह जगह

क्या घरेलू नुस्खें अपना सकते हैं ?

हल्के वायरल बुखार, खांसी या जुकाम में कुछ सुरक्षित घरेलू नुस्खे राहत दे सकते हैं, लेकिन इन्हें दवाओं का विकल्प नहीं समझना चाहिए। गुनगुने पानी में हल्दी या अदरक मिलाकर पीना शरीर की सूजन कम करता है और गला आराम देता है। तुलसी, शहद और काली मिर्च की चाय इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है। भाप लेना (स्टीम इनहेलेशन) नाक बंद होने और सांस की तकलीफ से राहत देता है। नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करने से गले का दर्द कम होता है। इन नुस्खों को अपनाने के साथ पर्याप्त आराम, हाइड्रेशन और हल्का, पौष्टिक भोजन जरूरी है ताकि शरीर जल्दी रिकवर कर सके।

 


 

 

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

design

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap