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नए लेबर कोड से क्या कम हो जाएगी हाथ में आने वाली सैलरी? समझिए

पुराने श्रम कानूनों की जगह अब नए लेबर कोड लागू हो गए हैं। इन्हें लेकर एक चिंता ये है कि इससे टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। क्या ऐसा होगा? समझते हैं।

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प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: Canva)

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देश में पहले 29 श्रम कानून होते थे। अब इनकी जगह 4 नए लेबर कोड लागू होंगे। चारों लेबर कोड 5 साल पहले संसद से पास हो चुके थे। केंद्र सरकार इसे आजादी के बाद से सबसे बड़ा रिफॉर्म बता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद यह श्रमिकों के हित में किया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म है। उन्होंने कहा कि ये कोड श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा, समय पर वेतन और सुरक्षित कार्यस्थल की व्यवस्था बनाएंगे।


श्रम मंत्रालय का कहना है कि पुराने श्रम कानून आजादी से पहले और आजादी के बाद शुरुआती सालों में बनाए गए थे, उस समय अर्थव्यवस्था और काम की दुनिया अलग थी। मंत्रालय का कहना है कि चार लेबर कोड लंबे समय से चली आ रही जरूरतों को पूरा करेंगे।


हालांकि, 10 केंद्रीय यूनियनों ने 'मजदूर विरोधी' बताते हुए इसका विरोध किया है। यूनियनों ने एक बयान जारी कर इन लेबर कोड को 'मनमाना' और 'गैर-लोकतांत्रिक' बताया है। इन लेबर कोड को लेकर ट्रेड यूनियन कई बार हड़तालें भी कर चुकी हैं। उनके विरोध का एक सबसे बड़ा कारण 'टेक होम सैलरी' है। यूनियनों का दावा है कि लेबर कोड में 'सैलरी' की परिभाषा बदल गई है, जिससे 'टेक होम सैलरी' कम हो जाएगी।

 

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क्या है सैलरी का मामला?

सरकार ने जो नए लेबर कोड लागू किए हैं, उनके नाम- वेजेस कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड, सोशल सिक्योरिटी कोड और ऑक्यूपेशन सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड हैं।


अब हुआ क्या है? दरअसल, अब नए वेज कोड में जो परिभाषा दी गई है, वह कहती है कि बेसिक पे, महंगाई भत्ता (DA) और रिटेनिंग अलाउंस कुल सैलरी का 50% से कम नहीं होना चाहिए। पहले यह 30 से 40% होता था। 


इसे ऐसे समझिए कि अगर पहले आपकी कॉस्ट टू कंपनी यानी CTC 50 हजार रुपये होती थी, तो उसमें से 20 हजार रुपये आपको बेसिक सैलरी मिलती थी। मगर अब बेसिक सैलरी 25 हजार होगी और बाकी 25 हजार अलाउंस होंगे।


उदाहरण के लिए पहले 50 हजार की सैलरी में 20 हजार रुपये बेसिक सैलरी और 30 हजार रुपये का अलाउंस होता था। अब 50 हजार की CTC में 25 हजार बेसिक सैलरी और 25 हजार अलाउंस का होगा।

 

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इससे टेक होम सैलरी पर क्या असर होगा?

नए लेबर कोड के मुताबिक, अब कंपनियां कुल CTC का 50% से ज्यादा अलाउंस नहीं दे सकतीं। इससे बेसिक सैलरी बढ़ जाएगी। जब बेसिक सैलरी बढ़ेगी तो इससे हर महीने प्रोविडेंट फंड (PF) और ग्रेच्युटी के लिए जाने वाली रकम भी बढ़ जाएगी। क्योंकि PF और ग्रेच्युटी बेसिक सैलरी पर ही तय होती है।


अभी जो PF कटता है वह बेसिक सैलरी का 12% होता है। इसके दो हिस्से होते हैं। एक कर्मचारी का और दूसरा कंपनी का। अब मान लीजिए कि पहले आपकी 50 हजार की CTC में बेसिक सैलरी 20 हजार थी। 12% PF के हिसाब से यह 2,400 रुपये होता था। अब इतनी ही CTC में बेसिक सैलरी 25 हजार होगी। इसलिए 12% के हिसाब से 3,000 रुपये PF कटेगा।


अब देखा जाए तो पहले 50 हजार की CTC पर PF 2,400 रुपये कटता था। अब इतनी ही CTC पर ये 3,000 रुपये कटेगा। तो इस हिसाब से पहले आपको जहां टेक होम सैलरी 47,600 रुपये थी। वह अब थोड़ी कम होकर 47,000 रुपये हो जाएगी।

 

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तो इससे क्या कुछ फायदा होगा?

अगर आपकी कंपनी पहले भी आपको CTC का 50% बेसिक सैलरी के रूप में देती थी तब तो कोई असर नहीं पड़ेगा। अगर बेसिक सैलरी पहले कम थी तो आपकी टेक होम सैलरी पर असर पड़ेगा। 


हालांकि, यह अभी भले ही थोड़ा घाटे का सौदा लगे लेकिन रिटायरमेंट के लिए यह फायदेमंद है। अब चूंकि हर महीने PF के लिए पैसा थोड़ा ज्यादा कटेगा तो रिटायरमेंट तक आपके खाते में पहले से ज्यादा पैसे जमा हो जाएगा। इसी तरह रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाली ग्रेच्युटी भी बढ़ जाएगी।

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