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सम्राट चौधरी बोले- समृद्धि का प्रतीक है कोसी, जताया PM मोदी का आभार

सांसद आवासीय कॉम्प्लेक्स के चार टावरों के नाम कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली रखे गए हैं। इस उद्घाटन पीएम मोदी ने किया।

Samrat Chaudhary । Photo Credit: PTI

सम्राट चौधरी । Photo Credit: PTI

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बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दिल्ली में नए सांसद आवासीय कॉम्प्लेक्स का नाम कोसी नदी से जोड़े जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह कदम बिहार के प्रति पीएम के प्रेम और लगाव को दर्शाता है। चौधरी ने एक्स पर लिखा, 'बिहार की जनता की ओर से मैं प्रधानमंत्री जी को हार्दिक धन्यवाद देता हूं।'

 

प्रधानमंत्री ने 184 नए सांसद आवासों का उद्घाटन किया, जिनके चार टावरों के नाम कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली रखे गए हैं। उद्घाटन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जिस तरह ये नदियां करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं, वैसे ही इन टावरों में रहने वाले जनप्रतिनिधियों के जीवन में भी नई ऊर्जा और आनंद का संचार होगा।

 

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चौधरी ने की पीएम मोदी की तारीफ

चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन की एनडीए सरकार बिहार को बदल रही है। कोसी नदी, जो पहले बाढ़ और आपदा का प्रतीक थी, अब सरकार की रणनीति से जल आपूर्ति और समृद्धि का स्रोत बन रही है। कोसी-मेची नदी जोड़ो परियोजना से उत्तर बिहार की अर्थव्यवस्था, सिंचाई और जनजीवन में सुधार हो रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य मार्च 2029 तक 76,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि की सिंचाई और बाढ़ से राहत है।

 

उन्होंने बताया कि 6,282.32 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से बाढ़ का पानी कृषि और ग्रामीण विकास के लिए उपयोग होगा, जिससे किसानों को साल भर सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और पैदावार बढ़ेगी। यह योजना रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। कोसी के बाढ़ के पानी को मेची नदी में नियंत्रित तरीके से स्थानांतरित कर जल संसाधनों का संतुलन बनाया जाएगा, जिससे सैकड़ों गांव बाढ़ से मुक्त होंगे।

 

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चौधरी बोले- बाढ़ का प्रभाव हुआ कम

चौधरी ने कहा कि 2005 की तुलना में बिहार अब बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए बेहतर तैयार है। 2007-08 में नेपाल से 1,93,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर 15 जिले प्रभावित हुए थे, लेकिन पिछले साल 6 लाख क्यूसेक पानी के बावजूद केवल 156 गांव प्रभावित हुए। सरकार का लक्ष्य है कि बाढ़ से एक भी गांव प्रभावित न हो।

 

डबल इंजन सरकार की नीतियों ने बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है। परियोजना के पूरा होने पर बिहार का किसान बाढ़ से मुक्त और आत्मनिर्भर बनेगा।

 


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