बजट आते ही आम आदमी की निगाहें इस पर सबसे ज्यादा रहती है कि क्या सस्ता हुआ और कौनसी चीज महंगी हुई? ऐसे में आम आदमी की नजर पेट्रोल-डीजल को लेकर होने वाले ऐलान पर ज्यादा होती है। क्योंकि पेट्रोल-डीजल अगर सस्ता हुआ तो ये एक आम आदमी के लिए बड़ी राहत होगी और वो इसलिए क्योंकि इससे महंगाई भी कम हो सकती है।
इस बार बजट में कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने की मांग की है। कई सालों से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम नहीं हुई है। इसके अलावा, ऐसी भी उम्मीद है कि सरकार बजट में पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने का हिंट भी दे सकती है। वैसे तो इसका फैसला GST काउंसिल में ही लिया जाएगा।
GST के दायरे में आ सकता है पेट्रोल-डीजल?
1 जुलाई 2017 को देशभर में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी GST लागू किया गया था। उसके बाद से ही पेट्रोल और डीजल को भी GST के दायरे में लाने की मांग हो रही है। हालांकि, सरकार ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
पिछले साल सितंबर में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था, 'मैंने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने के सुझाव को सुना है। मैं भी लंबे समय से इसकी वकालत कर रहा हूं। वित्त मंत्री भी कई मौकों पर इसे GST में लाने की बात कह चुकी हैं।' हालांकि, कुछ महीने बाद ही दिसंबर में हरदीप सिंह पुरी ने ये भी कहा था कि पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में नहीं लाया जा सकता, क्योंकि इससे नुकसान होगा। उन्होंने कहा था कि अभी हालात स्थिर नहीं हैं और अगर इसे GST में लाया जाता है तो इससे रेवेन्यू का बड़ा नुकसान होगा।
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ऐसा कितना कमाती है सरकार?
दरअसल, पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और टैक्स से सरकारों की जमकर कमाई होती है। पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार VAT लगाती है।
अभी एक लीटर पेट्रोल पर 19.90 रुपये और डीजल पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी लगती है। वहीं, हर राज्य में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला VAT अलग-अलग होता है। इसलिए हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की कीमत भी अलग-अलग होती है।
पेट्रोलिंग प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की कमाई पहले ही कम हो गई है। वो इसलिए क्योंकि मई 2022 में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटा दी थी। 2023-24 में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी से 2.73 लाख करोड़ रुपये कमाए थे। 2022-23 की तुलना में ये लगभग 5 फीसदी कम था। 2022-23 में एक्साइज ड्यूटी से सरकार की 2.87 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई थी। जबकि, इससे पहले 2021-22 में सरकार ने 3.63 लाख करोड़ रुपये की कमाई की थी।
दूसरी ओर, राज्य सरकारों ने VAT में बहुत ज्यादा कटौती नहीं की, इसलिए उनकी कमाई बढ़ ही रही है। 2023-24 में राज्य सरकारों को VAT से 2.92 लाख करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई थी। 2022-23 में राज्यों ने इससे 2.88 लाख करोड़ कमाए थे।
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इतनी कमाई कैसे?
पेट्रोल और डीजल पर लगने वाला टैक्स सरकारों की कमाई का बड़ा जरिया है। दरअसल, पेट्रोल और डीजल की असल कीमत जितनी होती है, लगभग उतना ही उस पर टैक्स भी लग जाता है। यही कारण है कि पेट्रोल-डीजल इतना महंगा है।
इंडियन ऑयल के मुताबिक, दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की बेसिक प्राइस 54.84 रुपये है। एक लीटर पेट्रोल पर 24 पैसा किराये का लगकर डीलर को मिलता है। इस तरह से डीलर को एक लीटर पेट्रोल 55.08 रुपये में मिला। इस पर 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 15.40 रुपये VAT लग गया। इसके बाद 4.39 रुपये का कमीशन डीलर ने ले लिया। इस तरह से एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये हो गई।
इसी तरह से एक लीटर डीजल की कीमत 55.80 रुपये है, जिसपर 22 पैसा भाड़े का लग गया। डीलर को एक लीटर डीजल 56.02 रुपये में मिला। इस पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी और 12.83 रुपये VAT लगाया गया। आखिर में 3.02 रुपये कमीशन जुड़ गया। तब जाकर एक लीटर डीजल की कीमत 87.67 रुपये पहुंच गई।
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GST में आया तो क्या होगा?
GST में अभी सबसे बड़ी टैक्स स्लैब 28 फीसदी की है। अगर पेट्रोल-डीजल को भी 28 फीसदी टैक्स स्लैब में ला दिया जाए तो इससे सरकारों की कमाई लगभग आधी हो जाएगी।
वो कैसे? इसे ऐसे समझिए कि एक लीटर पेट्रोल की कीमत है 55.08 रुपये। इस पर 28% GST लगा तो 55.08X28/100= 15.42 रुपये। इसी तरह एक लीटर डीजल पर भी कमाई आधी से कम हो जाएगी। एक लीटर डीजल पर 28% GST लगता है तो 56.02X28/100= 15.68 रुपये। जबकि, अभी एक लीटर पेट्रोल की बिक्री से केंद्र और राज्य सरकार 35.30 रुपये और डीजल से 28.63 रुपये कमा रही है।
उदाहरण के लिए, 1 लीटर पेट्रोल पर अभी 37.26% टैक्स लग जाता है। अगर एक दिन में 100 लीटर पेट्रोल बिका तो इसकी कीमत हुई 9,477 रुपये। इस पर 37.26% टैक्स यानी लगभग 3,531 रुपये केंद्र और राज्य सरकार के पास गए। अगर 28% GST लगता तो लगभग 2,654 रुपये आते। इस हिसाब से GST के दायरे में आने पर सरकार को हर 100 लीटर पेट्रोल की बिक्री पर 877 रुपये का घाटा होगा।
PPAC के मुताबिक, 2023-24 में दिल्ली में 61.42 करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत हुई थी। यानी, हर दिन औसतन 16.82 लाख लीटर पेट्रोल बिका। इसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रुपये हुई। अब इस पर 37.26% टैक्स लगने से केंद्र और राज्य सरकार को हर दिन लगभग 6 करोड़ रुपये की कमाई हुई। वहीं, अगर इस पर 28% GST लगाया जाता तो हर दिन 4.46 करोड़ रुपये की कमाई होती। यानी, हर दिन सरकारों को अकेले दिल्ली से ही 1.5 करोड़ रुपये का नुकसान होता।