वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2025-26 का बजट पेश करेंगी। ये मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट होगा। माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार मिडिल क्लास वालों को बड़ी राहत दे सकती है।
10 लाख तक की आय होगी टैक्स फ्री?
कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बजट में सालाना 10 लाख तक की आय को टैक्स फ्री किया जा सकता है। नई टैक्स रिजीम के तहत, अभी 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता। माना जा रहा है कि इस बजट में नई टैक्स रिजीम में 10 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो सकती है। हालांकि, पुरानी टैक्स रिजीम में कोई बदलाव होने की उम्मीद नहीं है।
ये भी पढ़ें: वो लोग जो तैयार करेंगे बजट... निर्मला सीतारमण की टीम में कौन-कौन?
क्या नया टैक्स स्लैब भी आएगा?
ऐसा भी माना जा रहा है कि सरकार नया टैक्स स्लैब भी ला सकती है। माना जा रहा है कि 15 से 20 लाख रुपये तक की सालाना आय पर 20% तक टैक्स लगाया जा सकता है। अभी 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30% का टैक्स लगता है। अगर नया स्लैब आता है तो 20 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना आय पर 30% का टैक्स लगेगा।
स्टैंडर्ड डिडक्शन भी बढ़ने की उम्मीद
बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ने की उम्मीद भी है। सरकार ने पिछले बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को 50 हजार से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया था। उम्मीद है कि इसे और बढ़ाकर 1 लाख रुपये तक किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें-- 1857 की क्रांति कैसे बनी इनकम टैक्स की वजह? पढ़ें पूरी कहानी
ऐसा हुआ तो आपको क्या फायदा होगा?
- टैक्स बचेगाः अगर सरकार 10 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री करती है तो इससे बचत बढ़ेगी। अभी 3 लाख तक की आय टैक्स फ्री है। 3 से 7 लाख तक की आय पर 5% और 7 से 10 लाख तक की आय पर 10% टैक्स लगता है। लिहाजा 10 लाख रुपये तक की आय पर मोटा-मोटा 50 हजार रुपये का टैक्स लग जाता है। 10 लाख तक की आय टैक्स फ्री होने से ये पैसा बचेगा।
- नई टैक्स स्लैबः नई टैक्स रिजीम के तहत, अगर सालाना 15 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई है तो 30% टैक्स देना पड़ता है। नई स्लैब आती है और 15 से 20 लाख रुपये की कमाई पर 20% टैक्स लगता है तो 2.40 लाख रुपये टैक्स देना होगा। जबकि, अभी टैक्स की रकम 2.90 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। मोटा-मोटा 50 हजार रुपये तक बच सकते हैं।
- स्टैंडर्ड डिडक्शन सेः अभी सैलरीड क्लास को 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। इसके साथ ही 3 से 7 लाख तक की आय पर लगने वाले 5% यानी 20 हजार रुपये के टैक्स को माफ कर दिया जाता है। इससे 7.75 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो जाती है। अगर स्टैंडर्ड डिडक्शन 1 लाख तक होता है तो 11 लाख रुपये तक की आय टैक्स फ्री हो सकती है।
सरकार पर क्या होगा असर?
अगर सरकार ये तीनों- 10 लाख तक की आय टैक्स फ्री, 15 से 20 लाख के लिए नई टैक्स स्लैब और स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 1 लाख रुपये तक करती है तो इससे सरकारी खजाने को 50 हजार से 1 लाख करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है।