हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात होने वाले हजारों सामानों पर नए टैरिफ लगाए। इसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 34 प्रतिशत तक के जवाबी टैरिफ लगा दिए। इसके तुरंत बाद, अमेरिकी शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 2,200 अंकों यानी 5.5 प्रतिशत की गिरावट हुई, जिससे यह 38,314.86 पर बंद हुआ। यह गिरावट चीन के जवाबी टैरिफ के कारण हुई है।
चीन के इन टैरिफ ने निवेशकों के बीच मंदी जैसी स्थिति पैदा कर दी है। इसका सबसे ज्यादा असर टेक्नॉलिजी सेक्टर पर पड़ा है। नैस्डैक कंपोजिट की 20% से अधिक गिरावट देखी गई। वहीं, ऐप्पल और एनवीडिया के शेयर में 12 फीसदी और 13.6 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि टेस्ला के शेयर 13.1 प्रतिशत नीचे आ गए हैं। बैकिंग सेक्टर भी प्रभावित हुआ है। जेपी मॉर्गन और सिटीग्रुप के शेयरों में 7 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इन टैरिफ वॉर के कारण निवेशकों में डर बना हुआ है, जिससे बाजार में अस्थिरता और संभावित आर्थिक मंदी की चिंता बढ़ गई हैं।
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अमेरिका में शेयर बाजार का हाल
डॉव जोन्स: 2,200 अंक (5.5%) सबसे बड़ी गिरावट
S&P 500: 6% की गिरावट के साथ 5,074.08 पर बंद।
NASDAQ: 5.8% गिरा।
टेक कंपनियों को सबसे बड़ा झटका
Apple: 12% नीचे
Nvidia: 13.6% नीचे
Tesla: 13.1% नीचे
बैंकिंग सेक्टर भी हिला
JPMorgan और Citigroup के शेयरों में 7% से ज़्यादा की गिरावट।
क्यों इतना असर हुआ?
टैरिफ युद्ध से वैश्विक मंदी की आशंका बढ़ गई है। निवेशकों में डर है कि यह विवाद लंबा चलेगा और इससे अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। Big Tech और एक्सपोर्ट-निर्भर कंपनियों पर खासतौर पर असर पड़ा है।
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क्या आगे और गिरावट होगी?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों देशों में व्यापार युद्ध और गहराया, तो बाजार में और गिरावट संभव है लेकिन अगर बातचीत का रास्ता खुलता है, तो कुछ स्थिरता लौट सकती है। निवेशकों को अपने निवेश पोर्टफोलियों को रिव्यू करने और बाजार की अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए सतर्क होने की सलाह दी गई है।