बिहार में 17वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और 18वीं के लिए चुनाव हो रहे हैं। मतदान 6 और 11 नवंबर को होगा और चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आ जाएंगे। बिहार के करोड़ों लोग चुनेंगे कि अगले 5 साल उनकी सरकार कौन चलाएगा। इस बीच चुनाव से ठीक पहले पिछले 5 साल तक विधायक रहे नेताओं ने कैसा काम किया और उन्होंने जनता के मुद्दों पर कितनी चर्चा की। असोसिएशन फॉर डिमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 5 साल में विधानसभा के कुल 15 सत्र आयोजित हुए जिसमें कुल 146 बैठकें हुईं।

 

इस रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल औसतन 29 दिन विधानसभा की बैठक हुई। दूसरे और पांचवे सत्र में 22-22 बैठकें हुईं और ये सबसे लंबे सत्र रहे। ADR ने बताया है कि उसकी यह रिपोर्ट बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी और बिहार विधानसभा सचिवालय से मिले आरटीआई के जवाबों पर आधारित है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 5 साल में कुल 251 नेता विधायक पद पर रहे। इसकी वजह है कि कई सीटों पर उपचुनाव हुए और नए नेता चुनकर आए। इन 251 लोगों ने 5 साल में कुल 22505 सवाल पूछे।

 

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सबसे ज्यादा सवाल

 

अगर विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले विधायकों की चर्चा की जाए तो इस लिस्ट में सबसे ऊपर खजौली से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक अरुण शंकर प्रसाद का नाम है। उन्होंने कुल 275 सवाल पूछे। इस परफॉर्मेंस का असर भी दिखा और बीजेपी ने एक बार फिर से उन्हें टिकट दिया है। दूसरे नंबर पर मनीहारी के कांग्रेस विधायक मनोहर प्रसाद सिंह रहे जिन्होंने 231 सवाल पूछे। इसी तरह बाजपट्टी से RJD विधायक मुकेश कुमार यादव ने 230 सवाल, बिभूतिपुर से सीपीएम के विधायक अजय कुमार ने 229 सवाल और अतरी से आरजेडी के विधायक अजय यादव ने 226 सवाल पूछे। इन पांच में चार विधायकों को फिर से उनकी पार्टियों ने टिकट दिया है। सिर्फ अतरी विधायक अजय यादव का टिकट कटा है। हालांकि, आरजेडी ने उन्हीं की भाभी वैजयंती देवी को चुनाव में उतारा है।

 

पार्टी के हिसाब से देखें तो आरजेडी के हर विधायक ने औसतन 94 सवाल, जेडीयू विधायकों ने औसतन 60 साल, बीजेपी विधायकों ने 82 सवाल और कांग्रेस विधायकों ने औसतन 136 सवाल पूछे। सबसे ज्यादा सवाल ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर पूछे गए। जल संसाधन, शहरी विकास और आवास, गृह विभाग, सड़क निर्माण और राजस्व को लेकर भी खूब सवाल पूछे गए। बताते चलें कि 5 साल में बिहार विधानसभा में कुल 99 बिल पेश किए गए और सभी बिल उसी दिन पास भी कर दिए गए।

 

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प्रमुख नेताओं ने कितने सवाल पूछे?

 

खूब चर्चा और विवादों में रहने वाले आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कुल 63 सवाल पूछे। चेतन आनंद ने 73 सवाल, अनंत सिंह के जेल जाने के बाद विधायक बनीं उनकी पत्नी नीलम देवी ने 3 साल में कुल 4 सवाल पूछे। तेज प्रताप यादव ने एक भी सवाल विधानसभा में नहीं पूछा।

 

जीतन राम मांझी ने अपने 4 साल के कार्यकाल में एक भी सवाल नहीं पूछा। 2024 में वह सांसद बने तो उनकी बहू दीपा मांझी विधायक बनीं, उन्होंने कुल 5 सवाल पूछे। डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने कुल 6 सवाल पूछे। आरजेडी के सुधाकर सिंह ने 166 सावल, शंभूनाथ यादव ने 95 सवाल, सऊद आलम ने 36 सवाल और बीजेपी की रेणू देवी ने सिर्फ 8 सवाल पूछे। इसमें विधायकों के तारांकित और गैर-तारांकित दोनों सवाल शामिल हैं।

 

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इन नेताओं ने नहीं पूछे एक भी सवाल

  • तेज प्रताप यादव- हसनपुर से RJD विधायक
  • जीतन राम मांझी- 2024 तक इमामगंज से विधायक रहे, फिर सांसद बने
  • अमन भूषण सिंह- 2021 के उपचुनाव में कुशेश्वर स्थान से JDU के विधायक बने
  • अनंत कुमार सिंह- 2022 में अयोग्य घोषित हो गए
  • बिजेद्र प्रसाद यादव- 2021 से मंत्री और सुपौल से JDU के विधायक
  • लेशी सिंह- 2021 से 2024 तक मंत्री, धमदाहा से JDU विधायक
  • मदन सहनी- 2021 से 2024 तक मंत्री, बहादुरपुर से JDU विधायक
  • महेश्वर हजारी- कल्याणपुर से JDU विधायक
  • मोहम्मद जमा खान- 2021 से 2024 तक मंत्री, चैनपुर से JDU विधायक
  • नितिन नबीन- 2021 से 2022 तक मंत्री, बांकीपुर से BJP विधायक
  • शीला कुमारी- 2021 से 2024 तक मंत्री, फुलपरास से JDU विधायक
  • श्रवण कुमार- 2021 से अब तक मंत्री, नालंदा से JDU विधायक
  • सुभाष सिंह- गोपालगंज से बीजेपी के पूर्व विधायक
  • सुमित सिंह-2021 से अब तक मंत्री, चकाई से निर्दलीय विधायक
  • सुरेंद्र प्रसाद यादव- 2022 से 2024 तक मंत्री, बेलागंज से RJD विधायक


17 विधायकों ने बदली पार्टी

ADR ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 5 साल में कुल 17 विधायक ऐसे रहे जिन्होंने पार्टी बदल ली। सबसे ज्यादा 7 विधायक बीजेपी में शामिल हुए। 5 विधायक आरजेडी में शामिल हुए और 5 विधायक जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हुए। AIMIM के 4, विकासशील इंसान पार्टी के 3, कांग्रेस के 2, आरजेडी के 5 और लोकजनशक्ति पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और जेडीयू के एक-एक विधायकों ने पाला बदल लिया।