बिहार विधानसभा चुनाव के लिए इस बार गठबंधन में सीट बंटवारे से लेकर टिकट आवंटन तक खींचतान मची हुई है। सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (NDA) में सीटों के बंटवारे को सबने 'सौहार्दपूर्ण' बताया था लेकिन ऐसा लग नहीं रहा। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा खुलेआम नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा को लेकर नित्यानंद राय दिल्ली पहुंचे हैं। इन सबके बीच बीजेपी ने जब अपनी पहली लिस्ट जारी की तो जिनके टिकट कटे उनमें से कुछ नेताओं ने इसे स्वीकार करने का बयान दिया। कुछ नेता ऐसे भी हैं जो बगवात पर उतर आए हैं। पूर्व मंत्री राम सूरत राय ने सार्वजनिक मंच पर बयानबाजी शुरू की है और आरोप लगाए हैं कि बाहरी लोगों को टिकट देकर अपने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है।

 

कई नेताओं ने लोकसभा चुनाव की तरह ही वीडियो संदेश जारी करके या फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट करके अपने चुनाव न लड़ने की सूचना भी दी है। यह दिखाता है कि बीजेपी ने उनको भरोसे में लेकर ही उनके टिकट काटे हैं। जिन लोगों के टिकट काटे गए हैं उनमें कद्दावर नेता और मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, अरुण कुमार सिन्हा और राम सूरत यादव जैसे नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

 

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बिफर पड़े राम सूरत राय

 

मुजफ्फरपुर जिले की औराई विधानसभा सीट से दो बार विधायक और बिहार सरकार में मंत्री रहे राम सूरत राय का टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पर कांग्रेस से आए अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद को टिकट दिया गया है। 

 

इस फैसले पर राम सूरत राय ने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। अपनी X पोस्ट में उन्होंने लिखा है, '2020 के विधानसभा चुनाव में मैंने औराई विधानसभा क्षेत्र से 48 हजार से भी ज्यादा वोट से महागठबंधन के प्रत्याशी को हराया था। यह पूरे बिहार में तब जीत का सबसे बड़ा मार्जिन था। पूरे 5 वर्ष तक मैंने औराई विधानसभा क्षेत्र में सड़क, बिजली, पुल सहित अन्य विकास कार्यों की झड़ी लगा दी। तन, मन, धन से क्षेत्र के जनता की सेवा की। इसका गवाह बिहार का पूरा प्रदेश नेतृत्व है। इसके बावजूद मेरा टिकट काटकर उन अजय निषाद की पत्नी को टिकट दिया गया है, जो 2024 लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने पर बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस से चुनाव लड़े और हारे। अब फिर से बीजेपी में आने के बाद, उनकी पत्नी को टिकट दे दिया गया है। स्वार्थी और अवसरवादी तत्वों को पार्टी में बढ़ावा मिलने से बीजेपी के कार्यकर्ता भी आहत हैं। पार्टी को इस विषय पर विचार करना चाहिए।'

 

नंद किशोर यादव को नहीं है शिकायत

 

मौजूदा समय में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पटना साहिब सीट से लगातार तीन बार से विधायक हैं। इससे पहले जब विधानसभा सीट का नाम पटना ईस्ट था तब भी वह यहीं से चार बार विधायक बने। वह बिहार बीजेपी के अध्यक्ष रहे और बिहार सरकार में मंत्री भी रहे। इस बार उनका भी टिकट काटा गया है। बीजेपी ने उनकी जगह पर रत्नेश कुशवाहा को टिकट दिया गया है।

 

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अपना टिकट कटने पर नंद किशोर यादव ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए लिखा है, 'मैं भारतीय जनता पार्टी के निर्णय के साथ हूं। भारतीय जनता पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मुझे पार्टी से कोई शिकायत नहीं है। नई पीढ़ी का स्वागत है, अभिनंदन है। पटना साहिब विधान सभा के लोगों ने मुझे लगातार 7 बार विजयी बनाया है। उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार के रूप में जो स्नेह और प्यार मुझे दिया उसे मैं कभी भूल नहीं पाऊंगा। सबका आभार।'


अरुण कुमार सिन्हा भी लगा रहे 'संगठन सर्वोपरि' का नारा

 

बिहार बीजेपी में अरुण कुमार सिन्हा का कद भी बहुत बड़ा रहा है। वह लगातार 5 बार विधायक बन चुके हैं। पहले पटना सेंट्रल रही सीट से वह दो बार जीते और तीन बार कुम्हरार विधानसभा सीट से जीतते आ रहे हैं। उनकी जगह पर बीजेपी ने इस बार संजय गुप्ता को टिकट दे दिा है। अरुण कुमार सिन्हा ने भी इसका स्वागत किया है और संगठन में काम करते रहने का वादा किया है।

 

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वह X पर लिखते हैं, 'आगामी विधानसभा चुनाव में मैं प्रत्याशी के रूप में चुनाव नहीं लडूंगा लेकिन संगठन के लिए कार्य करता रहूंगा। पिछले 25 वर्षों में आप सभी ने जो विश्वास एवं सहयोग दिया उसका सदा आभारी रहूंगा। कार्यकर्ता सर्वोपरि, संगठन सर्वोपरि।'

 

मोतीलाल प्रसाद का टिकट कटा

 

इसी तरह रीगा के विधायक और पूर्व मंत्री मोतीलाल प्रसाद का भी टिकट काट दिया गया है। उनकी जगह पर बीजेपी ने बैद्यनाथ प्रसाद को टिकट दिया है। इस बारे में मोतीलाल प्रसाद ने कहा है, 'मैं पूरी तरह से पार्टी के साथ हूं। जाहिर सी बात है कि मैं मौजूदा विधायक हूं तो चुनाव लड़ना ही चाहता हूं लेकिन जब एक बार पार्टी का निर्णय आ गया तो मैं पार्टी के फैसले के साथ हूं।'

 

बताते चलें कि 243 विधासनभा सीटों वाले बिहार में बीजेपी इस बार कुल 101 सीट पर चुनाव लड़ रही है। अभी तक उसने एक ही लिस्ट निकाली है और कुल 71 उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया है। बीजेपी ने अपने कुल 10 विधायकों का टिकट काट दिया है जिसमें 5 ऐसे नेता भी हैं जो मंत्री भी रहे हैं।