अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शुक्रवार को दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु टकराव को रोकने में मदद की। व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रम्प ने एक बार फिर दावा किया उनकी वजह से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव रुक गया। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता था कि य किसी बड़े आपदा में तब्दील हो गए, जिसे अमेरिका ने सिर्फ व्यापार रोकने की धमकी देकर ही हल कर दिया।

डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को महान नेता बताया और अपनी टीम की तारीफ भी की। डोनाल्ड ट्रम्प ने यह भी कहा कि अगर दोनों देश शांति बनाए रखें तो अमेरिका उनके साथ खूब व्यापार करेगा। 

डोनाल्ड ट्रम्प का नया दावा क्या है?
डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, 'हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ाई से रोका। मुझे लगता है कि यह परमाणु आपदा बन सकता था।' डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के नेताओं ने उनकी बात मानी और युद्ध रोक दिया।'

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ट्रम्प पहले भी कर चुके हैं ऐसे दावे 
यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प ने ऐसा दावा किया। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान तनाव को कम करने में मदद की। यह तनाव अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद बढ़ा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।

क्यों बढ़ा था तनाव?
भारत ने आतंकी हमले के जवाब में 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया। सेना ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी 9 ठिकानों को निशाना बनाया। 10 मई को भारत और पाकिस्तान ने चार दिन तक चले ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद युद्धविराम पर सहमति जताई। 

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क्या सच में अमेरिका के कहने पर हुआ सीज फायर?

भारत का कहना है कि यह समझौता दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों (DGsMO) के बीच सीधी बातचीत से हुआ और इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं थी। 

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ किया कि यह समझौता भारत-पाकिस्तान की आपसी बातचीत का नतीजा था। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर भविष्य में पहलगाम जैसे आतंकी हमले हुए तो भारत फिर से पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। जयशंकर ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है।

भारत ने साफ किया अपना रुख
डोनाल्ड के दावों के बावजूद, भारत ने साफ कर दिया कि इस मामले में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। शांति स्थापित करने का क्रेडिट दोनों देशों की सीधी बातचीत को जाता है।