अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर उन्होंने करवाया था। ट्रंप ने दावा किया कि कारोबार के जरिए उन्होंने दोनों के बीच विवाद सुलझाया है। उन्होंने यह दावा साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
ट्रंप ने कहा, 'अगर आप देखें कि हमने भारत और पाकिस्तान के साथ क्या किया है? तो हमने इस पूरे मामले को सुलझा लिया है। मुझे लगता है कि मैंने इसे बिजनेस के जरिए सुलझा लिया है। हम भारत और पाकिस्तान के साथ एक बड़ा सौदा करने जा रहे हैं।'
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'किसी को तो अंजाम तक पहुंचना था'
डोनाल्ड ट्रंप ने आगे कहा, 'भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बद से बदतर होते जा रहे थे। गोलीबारी की घटनाएं बढ़ती जा रही थीं। किसी को तो अंजाम तक पहुंचना था। मुझे लगता है कि हमने इसे सुलझा लिया है।'
ट्रंप ने कहा, 'मैंने भारत-पाकिस्तान से कहा कि आप लोग यह क्या कर रहे हैं? किसी को तो आखिरी गोली चलानी ही थी। यह गोलीबारी बद से बदतर होती जा रही थी। हमने उनसे बात की। मुझे यह कहने में नफरत है कि हमने इसे सुलझा लिया है। दो दिन बाद कुछ होता है और वे कहते हैं कि यह ट्रंप की गलती है।'
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान में कुछ बेहतरीन और अच्छे नेता हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं। वह एक महान नेता हैं। मैंने दोनों को फोन किया था।'
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सीजफायर पर कब-कब क्या बोले ट्रंप?
- 10 मईः रातभर चली अमेरिका की मध्यस्थता के बाद मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान सीजफायर के लिए तैयार हो गए हैं। मैं दोनों देशों को इस समझदारी भरा फैसला लेने के लिए बधाई देता हूं।
- 12 मईः हमने भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु जंग रोक दी। मैंने दोनों से कहा कि चलिए रोकते हैं। अगर आप जंग रोकते हैं तो हम कारोबार करेंगे। किसी ने भी बिजनेस का इस तरह इस्तेमाल नहीं किया, जैसा मैंने किया।
- 15 मईः मैं यह नहीं कहता कि यह मैंने किया लेकिन यह पक्का है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो हुआ, मैंने उसे सुलझाने में मदद की। दोनों देशों ने अचानक मिसाइल दागनी शुरू कर दी लेकिन हमने सब सुलझा दिया।
- 16 मईः दोनों परमाणु शक्तियां हैं। दोनों के पास बहुत सारी मिसाइलें हैं। तनाव बढ़ता जा रहा था। आपने देखा होगा कि यह कहां तक पहुंच गया था। आप जानते हैं, अगला कदम क्या होता- न्यूक्लियर वॉर।
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भारत का क्या है कहना?
भारत ने साफ कर दिया है कि सीजफायर में किसी तीसरे देश की कोई मध्यस्थता नहीं है। भारत-पाकिस्तान के बीच जो सहमति बनी, वह आपसी समझ से बनी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, '7 मई को ऑपरेशन सिंदूर होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारत और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही। किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।'
इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर देश को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'भारत की आक्रामक कार्रवाई के बाद, पाकिस्तान बचने के रास्ते खोजने लगा। पाकिस्तान, दुनिया भर में तनाव कम करने की गुहार लगा रहा था। और बुरी तरह पिटने के बाद इसी मजबूरी में 10 मई की दोपहर को पाकिस्तानी सेना ने हमारे DGMO को संपर्क किया। तब तक हम आतंकवाद के इंफ्रास्ट्रक्चर को बड़े पैमाने पर तबाह कर चुके थे, आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया था, पाकिस्तान के सीने में बसाए गए आतंक के अड्डों को हमने खंडहर बना दिया था, इसलिए, जब पाकिस्तान की तरफ से गुहार लगाई गई, पाकिस्तान की तरफ से जब ये कहा गया, कि उसकी ओर से आगे कोई आतंकी गतिविधि और सैन्य दुस्साहस नहीं दिखाया जाएगा। तो भारत ने भी उस पर विचार किया।'
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भारत और पाकिस्तान तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तब बढ़ गया था, जब ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाकर पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सैन्य ठिकानों और नागरिकों पर हमला करने की कोशिश की थी। भारतीय सेना ने पहलगाम अटैक का बदला लेते हुए 7 मई की रात को पाकिस्तान और PoK में बने 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इसी से पाकिस्तान बौखला गया था।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सेना ने भारत पर हमला करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने उसके हर हमले को नाकाम कर दिया। आखिरकार 10 मई को दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई।