अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन एशियाई देशों की यात्रा पर निकल चुके हैं। रविवार सुबह वह सबसे पहले मलेशिया जाएंगे, जहां वह ASEAN समिट में हिस्सा लेंगे। इसके बाद ट्रंप जापान जाएंगे और सबसे आखिर में साउथ कोरिया जाएंगे। साउथ कोरिया में ट्रंप की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात होगी। 


राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप की एशिया की यह पहली यात्रा है। ट्रंप की यह यात्रा ऐसे वक्त में हो रही है, जब चीन के साथ अमेरिका का ट्रेड वॉर चल रहा है। वहीं, जापान और साउथ कोरिया पर भी अमेरिका ने टैरिफ लगा रखा है। ट्रंप ने उम्मीद जताई है कि जिनपिंग के साथ आमने-सामने की मुलाकात के दौरान ट्रेड वॉर को कम करने की कोशिश की जाएगी।


मलेशिया के लिए रवाना होने से पहले ट्रंप एयरफोर्स वन में मीडिया से कहा, 'मुझे लगता है कि हमारे पास एक व्यापक समझौता करने की अच्छी संभावना है।' उन्होंने कहा कि वह शी जिनपिंग के साथ फेंटेनाइल की तस्करी और अमेरिका से सोयाबीन की कम खरीद पर चर्चा करेंगे। ट्रंप ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि हमारे किसानों का ध्यान रखा जाए और वह भी यही चाहते हैं।'


ट्रंप का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब अमेरिका में शटडाउन लगा है। लगभग एक महीने से अमेरिका में शटडाउन लागू है। लाखों सरकारी कर्मचारियों को बिना सैलरी के ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। इस कारण उनकी आलोचना भी हो रही है। न्यूयॉर्क से डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेटर चक शूमर ने कहा, 'अमेरिका में शटडाउन है और राष्ट्रपति देश छोड़कर जा रहे हैं।'

 

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वॉशिंगटन से मलेशिया जाते समय ट्रंप का विमान कतर में ईंधन भरवाने के लिए उतरा था। इस दौरान उन्होंने अपने विमान में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी और प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से भी मुलाकात की। इस दौरान ट्रंप ने उनके साथ गाजा सीजफायर पर चर्चा की। इसके बाद ट्रंप ने कहा, 'सबकुछ सही चल रहा है। अमेरिका को अब इसमें दखल देने की जरूरत नहीं है।'

 

3 देशों की यात्रा का एजेंडा क्या है?

रविवार सुबह ट्रंप सबसे पहले मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर पहुंचेंगे। यहां वह ASEAN समिट में हिस्सा लेंगे। अपने पहले कार्यकाल में ट्रंप सिर्फ एक बार ही इस समिट में शामिल हुए थे।


हालांकि, ट्रंप का इस समिट में शामिल होना इसलिए खास माना जा रहा है, क्योंकि मलेशिया और अमेरिका, थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। रविवार को ट्रंप की मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम के साथ एक बैठक होनी है। इसके बाद थाईलैंड और कंबोडिया के प्रधानमंत्रियों के साथ भी मुलाकात होगी।

 


ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर थाईलैंड और कंबोडिया युद्ध नहीं रोकते हैं तो उनके साथ ट्रेड डील रद्द कर दी जाएगी। उसके बाद से ट्रंप सरकार मलेशिया के साथ मिलकर एक सीजफायर डील पर काम कर रही है। ट्रंप ने दोनों देशों के बीच चल रहे संघर्ष को सुलझाने में मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम को भी क्रेडिट दिया। उन्होंने एयरफोर्स वन में मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने मलेशिया के नेता, जो एक बहुत अच्छे इंसान हैं, से कहा कि मुझे लगता है कि मुझे आपसे मिलने आना चाहिए।'


इसके अलावा, समिट के दौरान ही ट्रंप की ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा के साथ भी एक अहम बैठक हो सकती है। ब्राजील चाहता है कि ट्रंप ने जो 40% टैरिफ लगाया है, उसे कम किया जाए।

 

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मलेशिया के बाद जापान-साउथ कोरिया जाएंगे

मलेशिया के बाद ट्रंप जापान और फिर साउथ कोरिया जाएंगे। इन दोनों देशों की यात्रा के दौरान ट्रंप व्यापार और निवेश को लेकर बातचीत करेंगे। दोनों देशों ने अमेरिका में 900 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया था। यह वादा टैरिफ को 25% से घटाकर 15% करने के बदले में किया गया था।

 

 

ट्रंप का जापान दौरा तब हो रहा है, जब हफ्तेभर पहले ही साने तकाइची प्रधानमंत्री बनी हैं। साने तकाइची जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं। बताया जा रहा है कि उड़ान के दौरान भी ट्रंप ने तकाइची से बात की थी। 


बताया जा रहा है कि जापान यात्रा के दौरान ट्रंप जापानी सम्राट नारुहितो से भी मुलाकात कर सकते हैं। इसके अलावा, उनके जापान में तैनात अमेरिकी सैनिकों से भी मिलने की उम्मीद है।

 

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कोरिया में जिनपिंग से होगी मुलाकात

जापान के बाद ट्रंप साउथ कोरिया पहुंचेंगे। यहां ट्रंप एशिया पैसिफिक इकोनॉमिक कॉर्पोरेशन समिट (APEC) में शामिल होंगे। APEC समिट ग्योंगजू में हो रही है।


अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि APEC समिट से इतर ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात होगी। यह बैठक महीनों से चीन-अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर के बीच होने जा रही है। अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है।


माना जा रहा है कि ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात चीन और अमेरिका के बीच एक ट्रेड डील को लेकर बातचीत हो सकती है। क्योंकि दोनों ही देश इस ट्रेड वॉर को खत्म करना चाहते हैं।

 

जिनपिंग के साथ अपनी बैठक के बारे में ट्रंप ने कहा, 'मैं रूसी तेल की खरीद पर चर्चा कर सकता हूं। चीन रूसी तेल की खरीद में भारी कटौती कर रहा है और भारत पूरी तरह से कटौती कर रहा है। हमने प्रतिबंध भी लगाए हैं। हम फेंटेनाइनल के बारे में भी बात करेंगे। यह बहुत से लोगों को मार रहा है। यह चीन से आता है।'

 

 

उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत के लिए बहुत कुछ है। उनके पास भी हमसे बातचीत करने के लिए बहुत कुछ है। मुझे लगता है कि हमारी मुलाकात अच्छी होगी।'


ट्रंप ने यह भी कहा कि जिनपिंग के साथ ताइवान को लेकर भी चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, 'मैं ताइवान के बारे में बात करूंगा। मैं वहां नहीं जाउंगा लेकिन मैं उसके बारे में बात करूंगा। ताइवान के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है।'


इस बीच ऐसी भी अटकलें हैं कि ट्रंप 2019 की तरह ही नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग-उन से भी मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि, इस यात्रा के दौरान यह मुलाकात नहीं होगी। ट्रंप ने भी शुक्रवार को कहा था कि किम जोंग से संपर्क करना बहुत मुश्किल है। उन्होंने कहा था, 'उनके पास बहुत सारे परमाणु हथियार हैं लेकिन टेलीफोन सर्विस बहुत अच्छी नहीं है।'