ईरान के एक ना कहने की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनांल्ड ट्रंप बैखला गए हैं। दरअसल, ट्रंप ने रविवार को ईरान को धमकी दी कि अगर तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ समझौता नहीं करता है तो वह ईरान पर भारी बमबारी करेंगे। साथ ही ईरान पर अन्य दूसरे तरह के टैरिफ लगाएंगे।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन को परमाणु कार्यक्रम के बारे में समझौता करने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन पेजेशकियन ने ट्रंप को सीधा दो टूक जवाब दिया है।
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समझौता नहीं करोगे तो बमबारी होगी- ट्रंप
वहीं, ट्रंप ने समाचार एजेंसी एनबीसी को इस बारे में बताया, 'अगर ईरान कोई समझौता नहीं करता है, तो बमबारी होगी। लेकिन एक मौका है कि अगर वे कोई समझौता नहीं करते हैं, तो मैं उन पर अन्य दूसरे टैरिफ लगाऊंगा जैसा मैंने चार साल पहले किया था।'
तेहरान पर लगाए थे कड़े आर्थिक प्रतिबंध
ट्रंप ने पहले वाले ईरान के समझौते से हटने के बाद तेहरान पर फिर से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। अब ट्रंप की यह नई धमकी मध्य पूर्व में एक और बड़े संघर्ष की आशंका को जन्म दे रही है। इधर गाजा में इजरायल-हमास युद्ध ने दुनिया में अस्थिरता को बढ़ाया है।
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ट्रंप का लिखा पत्र 12 मार्च को ईरान पहुंचा
इस बीच, अमेरिका ने यमन में ईरान समर्थित हौथी विद्रोहियों के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए थे। इस बीच ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की संभावना एक खतरा बनी हुई है। ट्रंप का लिखा पत्र 12 मार्च को ईरान पहुंचा था।
ट्रंप ने अपने ताजा बयान में कहा, 'मैंने उन्हें (ईरान) को एक पत्र लिखा है, जिसमें मैंने कहा है कि मुझे उम्मीद है कि आप (ईरान) बातचीत करेंगे क्योंकि, अगर हमें सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा, तो यह एक भयानक बात होगी।' हालांकि, पेजेशकियन ने कहा कि ओमान के जरिए ईरान की प्रतिक्रिया ने अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत की संभावना को खुला छोड़ा है।
ईरान ने धमकी खारिज की
दूसरी तरफ तेहरान ने ट्रंप की धमकियों को सिरे से खारिज कर दिया है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने कहा कि ईरान ने ट्रंप के पत्र का जवाब ओमान के जरिए भेज दिया है। पत्र में ट्रंप ने ईरान से नए परमाणु समझौते की अपील की थी। दरअसल, ईरान लगातार अपने यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को तेज कर रहा है, यही अमेरिका के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।