इजरायल और हमास के बीच दो साल की जंग में गाजा पूरी तबाह हो चुका है। अब जाकर दोनों के बीच सीजफायर हो गया है। अब दो साल से हमास के कब्जे में रह रहे इजरायली बंधक भी रिहा हो जाएंगे। वहीं भुखमरी से जूझ रहे गाजा के लोगों को भी मदद मिल सकेगी।


हालांकि, हमास की कैद में रह रहे बंधकों को अब तक इस सीजफायर के बारे में पता नहीं है। CNN ने कई बंधकों से बात की है और उन्हें नहीं पता है कि उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा। CNN की रिपोर्टर जेसिका डील ने बताया, 'मैंने कई बंधकों से बात की है। उन्हें नहीं पता कि उन्हें सुबह-सवेरे क्यों जगाया जा रहा है। उन्हें नहीं पता कि उन्हें सुरंग से बाहर क्यों निकाला जा रहा है। और जब बाहर उन्हें इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस की टीम उनका स्वागत करेगी, तब उन्हें अहसास होगा कि उन्हें रिहा कर दिया गया है।'


जब से गाजा में जंग शुरू हुई है, तब से हमास की कैद में 737 दिनों से बंधक हैं। आज 738वां दिन है और उन्हें अब जाकर रिहा किया जा रहा है।

 

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हमास के कब्जे में कितने बंधक?

7 अक्टूबर 2023 को हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर कत्लेआम मचाया था। दक्षिणी इजरायल में चल रही एक पार्टी में गोलीबारी की थी। हमास के हमले में 1,200 इजरायली मारे गए थे। हमास अपने साथ 251 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गया था।


हमास के कब्जे में पहले ही 4 बंधक थे। यानी कुल मिलाकर 255 बंधक हो गए थे। इस साल जनवरी में जब सीजफायर हुआ था, तो कैदियों की अदला-बदली में हमास ने 148 बंधकों को छोड़ा था, जिनमें से 8 की मौत हो चुकी थी। 

 


वहीं, इजरायली सेना को अब तक 51 बंधकों की लाश मिल चुकी है। 8 बंधकों को बचा लिया गया था। अब भी हमास के कब्जे में 48 बंधक हैं, जिनमें से 20 के ही जिंदा होने की उम्मीद है। 


हमास के पास जितने बंधक हैं, उनमें से 4 गैर-इजरायली है। हमास के कब्जे में अभी थाईलैंड के 2 और तंजानिया-नेपाल के 1-1 बंधक है। तंजानिया के बंधक की मौत हो चुकी है।

 

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कैसे होगी बंधकों की रिहाई?

हमास के कब्जे से सभी बंधकों को एक साथ रिहा किया जाएगा। हमास इन बंधकों को रेड क्रॉस की इंटरनेशनल कमेटी को सौंपेगी। रेड क्रॉस इन्हें बाद में इजरायली सेना को सौंप देगी।


बताया जा रहा है कि दक्षिणी इजरायल के रीम सैन्य अड्डे पर बंधकों के परिवार वाले होंगे, जहां बंधकों को ले जाया जाएगा।


इसके बाद बंधकों को आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों में ले जाया जाएगा। इसके साथ ही इजरायल ने रेड क्रॉस को भी एंबुलेंस तैयार रखने को कहा है, ताकि अंगर किसी बंधक को जरूरत पड़ती है तो उसे तुरंत मदद मिल सके।


हालांकि, अभी बताया जा रहा है कि 28 मृत बंधकों के अवशेष अभी नहीं सौंपे जाएंगे। सीजफायर के दस्तावेज में लिखा है कि अवशेषों को 72 घंटों के भीतर वापस नहीं किया जाएगा। रविवार को इजरायल ने कहा था कि अगर सोमवार को अवशेष नहीं मिलते हैं तो एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था उनके अवशेषों को पता लगाने में मदद करेगी।

 

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इजरायल किन कैदियों को रिहा करेगा?

सीजफायर डील के तहत हमास बंधकों को छोड़ेगा और बदले में इजरायल अपनी जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा।


समझौते के तहत, इजरायल लगभग 2 हजार फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इनमें से करीब 1,700 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें 7 अक्टूबर 2023 के बाद गाजा में जंग के दौरान पकड़ा गया था। यह बिना किसी आरोप के जेल में बंद हैं।


रिहा होने वाले कैदियों में लगभग 250 फिलिस्तीनी वे हैं, जो जेल में सजा काट रहे हैं। ज्यादातर हमास और फतेह से जुड़े कैदी हैं, जिन्हें गोलीबारी, बमबारी और दूसरे हमलों के आरोप में दोषी ठहराया गया था।


हालांकि, अभी तक उन कैदियों के नाम सामने नहीं आए हैं, जिन्हें इजरायल रिहा करने वाला। अभी तक यह भी साफ नहीं है कि इन कैदियों को गाजा या वेस्ट बैंक डिपोर्ट किया जाएगा या फिर किसी और दूसरे देश।

 

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सीजफायर के बाद अपने घर लौटते गाजा के लोग। (Photo Credit: UNRWA)

और क्या-क्या होगा?

जंग के दौरान इजरायली सेना ने गाजा की नाकाबंदी भी कर दी थी। राहत सामग्री वाले ट्रकों को भी कथित तौर पर आने से रोक दिया था।


संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि गाजा की लगभग 20 लाख आबादी भुखमरी का शिकार है। इनमें से 5 लाख लोग ऐसे हैं कि अगर इनकी तत्काल मदद नहीं की गई तो इनकी मौत भी हो सकती है। अब सीजफायर के तहत, राहत सामग्री वाले ट्रकों को गाजा आने की इजाजत होगी।


रविवार को मिस्र के रास्ते राहत सामग्री लेकर 400 ट्रक गाजा के लिए निकले हैं। अभी इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। कुछ दिन में गाजा में हर दिन 600 ट्रक आ सकेंगे।