इजरायल और ईरान के बीच जारी जंग में अब अमेरिका की एंट्री हो गई है। अमेरिका ने रविवार को ईरान की तीन न्यूक्लियर साइट- नतांज, फोर्दो और इस्फहान पर हमला कर दिया है। इजरायल की तरफ से ईरान के न्यूक्लियर साइट्स पर हमला करने के बाद मिडिल ईस्ट में हलचल तेज हो गई है। इस बीच सभी को चौंकाते हुए पाकिस्तान ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले की कड़ी निंदा की है।

 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके कहा है कि अमेरिका ने एयरस्ट्राइक कर अंतर्राष्ट्रीय कानून के सभी नियमों का उल्लंघन किया है। ईरान के साथ 900 किलोमीटर की सीमा साझा करने वाले पाकिस्तान ने भी दोहराया कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत ईरान के पास अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।

 

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तनावपूर्ण स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताई

बयान में पाकिस्तान ने कहा है कि हम मिडिल ईस्ट में मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को लेकर गहरी चिंता जताते हैं। इससे उपजी स्थिति बहुत चिंताजनक है क्योंकि इससे मिडिल ईस्ट और इससे परे भयावह प्रभाव सामने आएंगे। ये हमले अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है और ईरान के पास अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।

 

पाकिस्तान ने ट्रंप को किया नामित

इससे एक दिन पहले पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने आधिकारिक तौर पर एक बयान जारी करके अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था। मगर, इसके एक दिन बाद ही पाकिस्तान ने यू-टर्न मारते हुए अमेरिका के कदमों की कड़ी मुखालफत की है। पाकिस्तान ने यह घोषणा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर की मेजबानी के तीन दिन बाद की थी।

 

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कूटनीतिक सहारा लेने की सलाह

सरकार ने अपने बयान में कहा, 'पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और निर्णायक नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामित करने का फैसला किया है।'

 

इसके साथ ही पाकिस्तान ने इस संघर्ष को खत्म करने का आह्वान किया। पाकिस्तान ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र चार्टर के नियमों और उद्देश्यों के अनुसार बातचीत, कूटनीति का सहारा लेना ही क्षेत्र में संकट को हल करने का एकमात्र रास्ता है।'