पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है। कतर की राजधानी दोहा में हुई मीटिंग में दोनों मुल्क तत्काल सीजफायर के लिए मान गए हैं। कतर ने दोनों के बीच हुए इस सीजफायर का एलान किया। कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि कतर और तुर्की की मध्यस्थता में हुई बातचीत के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान सीजफायर पर सहमत हो गए हैं। कतर ने यह भी बताया कि सीजफायर लागू रहे, इसके लिए आने वाले दिनों में और भी बैठकें होंगी।


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लगभग एक हफ्ते से सैन्य संघर्ष चल रहा था। दोनों के बीच बुधवार को 48 घंटों का सीजफायर हुआ था। हालांकि, सीजफायर की मियाद खत्म होने के बाद दोनों ने एक-दूसरे पर फिर हमले शुरू कर दिए थे। मगर अब दोनों के बीच फिर सीजफायर हो गया है।


अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता संभालने के बाद अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच यब अब तक का सबसे जबरदस्त टकराव था। दोनों तरफ से हुए हमलों में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। पाकिस्तान दावा करता है कि उसने यह हमले आतंकी अड्डों पर किए थे। जबकि, तालिबान का दावा है कि पाकिस्तान के हमलों में दर्जनों आम नागरिक मारे गए हैं।

 

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दोनों में झगड़े का कारण क्या है?

तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) भी ऐक्टिव हो गया है। TTP अक्सर पाकिस्तानी सैनिकों को निशाना बनाते हुए हमले करता है।


पाकिस्तान दावा करता है कि तालिबान ने अपनी सरजमीं पर TTP को पनाह दे रखी है, जो उसके सैनिकों पर आतंकी हमला करता है। पाकिस्तान की सरकार TTP को आतंकी संगठन मानती है। जबकि, तालिबान इससे इनकार करता रहा है।


दोनों के बीच बात तब बिगड़ गई थी, जब TTP ने खैबर पख्तूनख्वाह के ओरकजई जिले में एक बड़ा हमला किया था। इस हमले में पाकिस्तानी सेना के एक लेफ्टिनेंट कर्नल और एक मेजर 11 सैनिक मारे गए थे।

 

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दोनों में लड़ाई और 48 घंटे का सीजफायर

वैसे तो तालिबान के सत्ता में आने के बाद से ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान में तनाव बढ़ गया था। आए दिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान आपस में भिड़ते रहते थे। मगर इस बार संघर्ष बहुत जबरदस्त हुआ।


तालिबान ने आरोप लगाया था कि 9-10 अक्टूबर की रात को पाकिस्तानी सेना ने काबुल, खोस्त, जलालाबाद और पक्तिका में हवाई हमले किए हैं। 


जवाब में अफगानी सेना ने भी हमला किया। अफगानिस्तान ने अपने हमलों में पाकिस्तानी सेना के 58 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में 23 सैनिक मारे गए हैं। उसने यह भी दावा किया कि उसके हमलों में तालिबान और उससे जुड़े 200 से ज्यादा आतंकी को मार गिराया है।


15 अक्टूबर को दोनों के बीच 48 घंटों के लिए सीजफायर हुआ। पाकिस्तान ने दावा किया कि अफगानिस्तान के अनुरोध पर सीजफायर किया गया है। वहीं, तालिबानी सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया कि सीजफायर का अनुरोध पाकिस्तान की तरफ से किया गया था।

 

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हमलों में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए कब्र खोदते अफगानी। (Photo Credit: PTI)

सीजफायर खत्म और हमले शुरू

शुक्रवार शाम को दोनों के बीच हुआ 48 घंटे का सीजफायर खत्म हो गया। कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अफगानिस्तान पर हमले कर दिए। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने यह हमले आतंकी अड्डों पर किए हैं।


पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने न्यूज एजेंसी AP को बताया कि उन्होंने पूर्वी पक्तिका के उरगुन और बरमल में हवाई हमले किए हैं। उनका दावा था कि यह हमले चरमपंथी हाफिज गुल बहादुर गुट के ठिकानों पर किए गए थे। उन्होंने दावा किया कि इन हमलों में दर्जनों आतंकी मारे गए और किसी भी नागरिक की मौत नहीं हुई।


हालांकि, अफगानिस्तान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी हमलों में 10 आम नागरिकों की मौत हो गई। इन हमलों में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटर्स की भी मौत का दावा किया गया। इसके बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के साथ होने वाली टी-20 क्रिकेट सीरीज का भी बायकॉट कर दिया।

 

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कतर में बातचीत और सीजफायर पर सहमति

सीजफायर खत्म होने के बाद जब दोनों के बीच फिर से संघर्ष बढ़ गया तो कतर और तुर्की ने इसमें मध्यस्थता की। शनिवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ और तालिबानी सरकार के रक्षा मंत्री मौलवी मुहम्मद याकूब मुजाहिद की दोहा में मुलाकात हुई।


इस दौरान दोनों के बीच सीजफायर पर सहमति बन गई। हालांकि, पिछली बार की तरह यह सीजफायर कुछ घंटों या दिन के लिए हुआ है। फिलहाल इसकी कोई समयसीमा तय नहीं है।

 

 

कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों मुल्क तत्काल सीजफायर पर राजी हो गए हैं। कतर ने यह भी बताा कि दोनों मुल्क स्थायी शांति और स्थिरता को मजबूत करने के लिए आने वाले दिनों में और भी बातचीत करने को तैयार हो गए हैं।


फिलहाल, हफ्तेभर तक चले सैन्य संघर्ष के बाद दोनों सीजफायर पर राजी हो गए हैं। पाकिस्तान और अफगानिस्तान, दोनों एक-दूसरे पर अशांति फैलाने का आरोप लगाते रहे हैं। दोनों देशों के बीच 2,611 किलोमीटर लंबी बॉर्डर है, जिसे डुरंड लाइन कहा जाता है। हालांकि, अफगानिस्तान ने इसे आजतक मान्यता नहीं दी।