अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आज अलास्का के एंकोरेज में रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। स्थानीय समयानुसार यह मुलाकात सुबह साढ़े 11 बजे होगी। पुतिन से मुलाकात से पहले ट्रंप ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से फोन पर बात की। 1994 से आज तक बेलारूस की सत्ता पर काबिज अलेक्जेंडर लुकाशेंको को पुतिन का कट्टर समर्थक माना जाता है। वह खुद पुतिन को अपना बड़ा भाई कहते हैं। पुतिन और ट्रंप की इस ऐतिहासिक बैठक पर न केवल अमेरिका और यूरोप, बल्कि भारत की निगाह भी टिकी है।
ट्रंप ने अलास्का जाते वक्त एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह यूक्रेन की तरफ से समझौता कराने के लिए यह बैठक नहीं कर रहे हैं। इसका उद्देश्य पुतिन को बातचीत की मेज पर लाना है। ट्रंप ने सीजफायर समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने का वादा नहीं किया। उधर, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का कहना है कि हमारा देश अमेरिका पर निर्भर है। इस बीच ट्रंप ने सुझाव दिया है कि अगर पुतिन के साथ बातचीत सफल रही तो जेलेंस्की और पुतिन के साथ वह एक त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करेंगे।
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पुतिन को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे
जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या यूक्रेन के साथ क्षेत्र की अदला-बदली पर चर्चा होगी। इस पर ट्रंप ने कहा, 'इस पर बात होगी, लेकिन यह निर्णय मैं यूक्रेन को लेने दूंगा। मुझे लगता है कि वे उचित फैसला लेंगे। मगर मैं यहां यूक्रेन के लिए बातचीत करने नहीं आया हूं।' ट्रंप ने आगे कहा, 'व्लादिमीर पुतिन पूरे यूक्रेन पर कब्जा करना चाहते थे। अगर मैं राष्ट्रपति नहीं होता तो वह पूरे यूक्रेन पर कब्जा कर लेते, लेकिन वह ऐसा नहीं करने वाले हैं। ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में रूस को चेतावनी दी। कहा कि अगर पुतिन इसमें रुचि नहीं लेते हैं तो उन्हें गंभीर आर्थिक परिणाम भुगतने होंगे। मैं अपने देश पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं। मुझे बातचीत करने की जरूरत नहीं थी। लेकिन मैं बहुत से लोगों की जान बचाने के लिए कर रहा हूं।
भारत को भी धमकी
पुतिन से मुलाकात से पहले अमेरिका के वित्त मंत्री ने भारत को नई धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर रूस के साथ बात नहीं बनी तो भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा सकता है। उन्होंने इस मामले में यूरोपीय देशों से भी शामिल होने का आह्वान किया है। अब भारत की नजर बैठक के नतीजों पर टिकी है। अगर बातचीत बिगड़ती है तो क्या अमेरिका भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा या नहीं, यह देखना होगा।
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बैठक में कौन-कौन होगा शामिल?
डोनाल्ड ट्रंप के साथ बैठक में अमेरिका के रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन और यूरोप में सैन्य कमांडर जनरल एलेक्सस ग्रिनकेविच भी अलास्का में मौजूद रहेंगे। पुतिन के साथ बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव भी शामिल होंगे।
कैसे अलास्का पहुंचेंगे ट्रंप और पुतिन?
अलास्का जाने से पहले पुतिन मगदान में रुके। मॉस्को से मगदान तक फ्लाइट से आने में 8 घंटे का समय लगता है। यहां से अलास्का तक पहुंचने में चार घंटे तक समय लगता है। ट्रंप सात घंटे की उड़ान के बाद अलास्का पहुंचेगे। पुतिन की यात्रा की खास बात यह है कि उन्हें दो शुक्रवार का सामना करना पड़ेगा। एक शुक्रवार मगदान के टाइम जोन और दूसरा अलास्का के टाइम जोन पर पड़ेगा।
बेलारूस के राष्ट्रपति से ट्रंप ने क्यों की बात?
बेलारूस के राष्ट्रपति से बातचीत की जानकारी खुद ट्रंप ने साझा की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा, "बेलारूस के बेहद सम्मानित राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बहुत अच्छी बातचीत हुई। हमने राष्ट्रपति पुतिन की अलास्का यात्रा समेत कई मुद्दों पर बात की। मैं भविष्य में राष्ट्रपति लुकाशेंको से मिलने के लिए उत्सुक हूं।"
जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से ट्रंप ने की बात
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं के साथ एक वर्चुअल मीटिंग की थी। इस दौरान पुतिन के साथ होने वाली बैठक पर बातचीत भी हुई। इस बैठक के माध्यम से यूरोप अपने रुख के बारे में ट्रंप को अवगत कराना चाहता था। बैठक का आयोजन जर्मनी के चांसलर ने किया था।
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कभी रूस का हिस्सा था अलास्का
अमेरिका का अलास्का कभी रूसी साम्राज्य का हिस्सा था। मगर 1867 में रूस के जार अलेक्जेंडर द्वितीय ने यह क्षेत्र अमेरिका को बेच दिया। वह भी सिर्फ 7.2 मिलियन डॉलर की रकम पर। आज इसी अलास्का में पुतिन और ट्रंप की ऐतिहासिक मुलाकात होगी। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी धोखा खा गए थे। उन्होंने यह कहा था कि वह पुतिन से मिलने रूस जा रहे हैं, जबकि मुलाकात अमेरिका के अलास्का में होनी है।
क्या गिरफ्तार होंगे पुतिन?
अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने 2023 में व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उसके बाद से पुतिन बेहद सतर्कता के साथ वैश्विक यात्रा करते थे। इस बीच अमेरिका ने पुतिन को राहत दी है। बुधवार को अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने एक लाइसेंस जारी किया। इसके तहत शिखर सम्मेलन से संबंधित गतिविधियों के लिए रूस के खिलाफ कुछ प्रतिबंधों को अस्थायी रूप से रोक दिया गया। मतलब साफ है कि गिरफ्तारी वारंट के बावजूद पुतिन की गिरफ्तारी नहीं होगी।