भारत पर भारी भरकम टैरिफ के बाद अमेरिका के साथ रिश्तों में खटास आई है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में भारत समेत 90 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाया है। सबसे अधिक टैरिफ ब्राजील और भारत पर लगाया गया है। दोनों ही देशों पर टैरिफ की दर 50-50 फीसदी है। इस बीच अमेरिका के वित्त सचिव ने भारत पर और अधिक टैरिफ लगाने की धमकी दी। उनका कहना है कि अगर यूक्रेन युद्ध पर पुतिन के साथ बात नहीं बनी तो भारत पर अधिक टैरिफ को लगाया जाएगा। मगर ट्रंप प्रशासन टैरिफ के मुद्दे पर अपने ही देश में घिर गया है।
अमेरिका की जनता उनकी टैरिफ नीति के खिलाफ है। अमेरिका की अधिकांश जनता का मानना है कि ट्रंप सरकार के कामकाज को बदतर बनाने में जुटे हैं। नए सर्वे से सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े डोनाल्ड ट्रंप की टेंशन बढ़ा सकते हैं। आइये विस्तार से जानते हैं।
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20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की दूसरी बार शपथ ली। महज सात महीने में अमेरिकी की अधिकांश जनता ट्रंप सरकार के कामकाज से खुश नहीं है। महज 38 फीसदी लोग ट्रंप से सहमत हैं। असहमत लोगों का आंकड़ा 60 फीसदी है। शपथ लेने के बाद से ट्रंप की अप्रूवल रेटिंग में 9 अंकों की गिरावट आई है।
पिछले दो महीने में 3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल 42 फीसदी लोगों का मानना था कि ट्रंप को आम लोगों की परवाह होती है। मगर इस साल यह आंकड़ा घटकर 37 फीसदी रह गया। 48 फीसदी लोग ट्रंप को मानसिक तौर पर तेज नहीं मानते हैं। 29 प्रतिशत का मानना है कि ट्रंप एक अच्छे रोल मॉडल हैं। जबकि पिछले साल 34 फीसदी लोग ट्रंप को रोल मॉडल मानते थे।
आधी जनता ट्रंप से खुश नहीं
प्यू रिसर्च सेंटर ने 4 से 10 अगस्त के बीच अमेरिका में 3,554 लोगों के बीच ट्रंप सरकार के कामकाज पर एक राष्ट्रीय सर्वे किया। इसमें कई चौंकाने वाले आंकड़े देखने को मिले। अमेरिका में तेजी के साथ ट्रंप सरकार पर से लोगों का भरोसा उठता जा रहा है। 53 फीसदी अमेरिकियों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप संघीय सरकार के कामकाज को बदतर बनाने में जुटे हैं। सिर्फ 27 फीसदी लोग कामकाज को बेहतर बनाने की बात मानते हैं।
ट्रंप पर घट रहा पार्टी का भरोसा
जब डोनाल्ड ट्रंप ने शपथ ली थी तब 76 फीसदी रिपब्लिकन को उम्मीद थी कि ट्रंप सरकार के कामकाज के तरीके को बेहतर बनाएंगे। मगर छह महीने में यह विश्वास टूटा है। अब 55 फीसदी रिपब्लिकन और उनके समर्थकों का कहना है कि ट्रंप संघीय सरकार के कामकाज में सुधार ला रहे हैं। 16 फीसदी रिपब्लिकन का कहना है कि वे हालात को और खराब कर रहे हैं। बता दें कि रिपब्लिकन डोनाल्ड की ही पार्टी है।
61 फीसदी अमेरिकी टैरिफ नीति के खिलाफ
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की दो सबसे बड़ी उपलब्धियों में टैरिफ नीति और वन बिग ब्यूटीफुल बिल है। हर मंच से ट्रंप अपनी इन दोनों उपलब्धियों की खूब तारीफ करते हैं। मगर जनता का मिजाज ट्रंप से अलग है। अधिकांश लोग दोनों के खिलाफ हैं। 61 फीसदी अमेरिकी ट्रंप की टैरिफ नीति के खिलाफ हैं। ट्रंप को सिर्फ 38 फीसदी लोगों का ही साथ मिला है। वहीं 46 फीसदी अमेरिकी जनता वन बिग ब्यूटीफुल बिल से असहमत है। सिर्फ 32 फीसदी ही सहमत हैं। 23 फीसदी लोगों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध और ट्रंप की नीति, अमेरिकी क्या सोचते?
अपने चुनाव अभियान के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग को एक दिन में रुकवाने की बात कही थी। मगर सात महीने बीत जाने के बाद भी दोनों देशों के बीच जंग जारी है। इस मुद्दे पर लोगों का विश्वास ट्रंप पर घट रहा है। पिछले साल रूस-यूक्रेन युद्ध पर ट्रंप के फैसले पर 45 फीसदी लोगों को कुछ हद तक भरोसा था। मगर 2025 में यह आंकड़ा घटकर 40 फीसदी हो गया है। पिछले साल 81 प्रतिशत रिपब्लिकन को भरोसा था कि ट्रंप रूस-यूक्रेन युद्ध को संभाल सकते हैं। मगर उनके विश्वास में कमी आई है। अब ऐसा मानने वाले सिर्फ 73 फीसदी रिपब्लिकन ही बचे हैं।
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एपस्टीन केस: सरकार के रवैये से नाराज जनता
जेफरी एपस्टीन केस में डोनाल्ड ट्रंप का नाम आया है। मगर अभी तक इस केस की फाइल सार्वजनिक नहीं की गई। एपस्टीन केस में ट्रंप सरकार के रवैये से 10 में से 7 अमेरिकी खफा हैं। ट्रंप की पार्टी के ही लगभग 53 फीसदी लोग सरकार के रवैये से सहमत नहीं है। 63 फीसदी अमेरिका का कहना है कि उन्हें एपस्टीन केस में ट्रंप प्रशासन की बातों पर बिल्कुल भरोसा नहीं है।