तारीख 30 मई, 2025, अमेरिका का राष्ट्रपति निवास- वाइट हाउस। ओवल ऑफिस में माहौल बड़ा खुशनुमा था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने सबसे खास सलाहकार और दोस्त, एलन मस्क को विदाई दे रहे थे। मस्क ने सरकार में अपना काम पूरा कर लिया था। ट्रंप ने उनकी तारीफों के पुल बांध दिए। कहा, 'एलन ने हमारी सरकार में बेहतरीन काम किया है। यह पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा।' बदले में एलन मस्क ने भी कहा कि वह हमेशा राष्ट्रपति के दोस्त और सलाहकार बने रहेंगे। ट्रंप ने मस्क को व्हाइट हाउस की एक सुनहरी चाभी भी भेंट की। सब कुछ बढ़िया लग रहा था। लग रहा था कि यह दोस्ती अटूट है लेकिन कहते हैं ना, सियासत की दुनिया में जो दिखता है, वह होता नहीं। इस खुशनुमा विदाई के ठीक 6 दिन बाद 5 जून, 2025 को यही डोनाल्ड ट्रंप, इसी व्हाइट हाउस में, जर्मनी के चांसलर के सामने बैठकर दुनिया को बता रहे थे, 'मैं एलन से बहुत, बहुत निराश हूं। मुझे नहीं पता कि अब हमारे बीच कोई रिश्ता रहेगा भी या नहीं।'
आज हम जानेंगे डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क की दोस्ती और दुश्मनी की पूरी कहानी। सिर्फ 144 घंटों में ऐसा क्या हुआ कि 'दोस्त' और 'सलाहकार' अब दुश्मन बन गए थे? यह कहानी सिर्फ 6 दिनों की नहीं है। इसकी जड़ें सालों पुरानी हैं। यह कहानी है दो बेहद ताकतवर, बेहद अहंकारी लोगों की, जिनके रिश्ते की बुनियाद ही रेत पर रखी गई थी।
दुश्मनी में कैसे बदल गई दोस्ती?
डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क का रिश्ता कभी भी सीधा और सरल नहीं रहा। यह हमेशा से एक ऐसे झूले की तरह था जो कभी आसमान में होता तो कभी जमीन पर। साल 2016, जब डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बनने की दौड़ में थे, तब एलन मस्क उनके सबसे मुखर आलोचकों में से थे। उन्होंने साफ कहा था, 'ट्रंप इस पद के लिए सही आदमी नहीं हैं और उनका चरित्र ऐसा नहीं है जो अमेरिका की अच्छी छवि पेश करे।' जब ट्रंप चुनाव जीत गए तो मस्क ने एक बिजनेसमैन वाला दिमाग लगाया। उन्होंने ट्रंप प्रशासन की कई व्हाइट हाउस सलाहकार परिषदों में शामिल होना स्वीकार कर लिया, जिसमें एक आर्थिक सलाहकार परिषद भी थी। यह रिश्ता किसी गहरी दोस्ती या विचारधारा पर नहीं, बल्कि एक-दूसरे की सहूलियत पर बना था।
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यह मजबूरी का साथ ज्यादा दिन नहीं चला। जून 2017 में एक बड़ी दरार आई। ट्रंप ने अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकालने का ऐलान कर दिया। मस्क के लिए यह एक लक्ष्मण रेखा थी। उन्होंने फौरन ट्रंप के सभी सलाहकार पदों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने X (उस वक्त ट्विटर) पर दुनिया को बताया, 'जलवायु परिवर्तन असली है। पेरिस से बाहर निकलना अमेरिका या दुनिया के लिए अच्छा नहीं है।' यह एक खुली बगावत थी। मस्क ने जता दिया था कि वह ट्रंप के हर फैसले पर आंख मूंदकर साथ नहीं देंगे।
इसके बाद के सालों में यह ड्रामा चलता रहा। कभी ट्रंप मस्क की तारीफ करते तो कभी उन पर निशाना साधते। जनवरी 2022 में ट्रंप ने मस्क को 'हमारे महान जीनियस में से एक' कहा और उनकी तुलना महान वैज्ञानिक थॉमस एडीसन से कर डाली लेकिन सिर्फ छह महीने बाद, जुलाई 2022 में, ट्रंप का मूड बदल गया। अलास्का में एक रैली के दौरान उन्होंने मस्क को 'एनअदर बुलशिट आर्टिस्ट'कह दिया। यह गुस्सा मस्क के ट्विटर खरीदने के सौदे और उनके वोटिंग रिकॉर्ड पर दिए गए बयानों को लेकर था।
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मस्क भी चुप नहीं बैठे। उन्होंने तुरंत जवाब दिया और कहा, 'इट्स टाइम फॉर ट्रंप टू हंग अप हिज हैट एंड सेल इंटू द सनसेट', माने रिटायर हो जाओ। यह एक सीधी लड़ाई थी। दोनों ने एक-दूसरे को सार्वजानिक तौर पर बेइज्जत किया था। भले ही बाद में मस्क ने ट्विटर खरीदने के बाद नवंबर 2022 में ट्रंप का अकाउंट बहाल कर दिया और कहा, 'जनता ने अपनी राय दे दी है। Vox Populi, Vox Dei' (यानी जनता की आवाज, भगवान की आवाज है) लेकिन इस कड़वाहट की परतें कहीं ना कहीं बाकी रह गईं। यही पुरानी रंजिशें थीं जिन्होंने 2025 के महाविस्फोट के लिए बारूद का काम किया।
मंत्रियों से होने लगा था झगड़ा
साल 2024 के चुनावों ने इस रिश्ते की पूरी कहानी ही पलट दी। जुलाई 2024, पेन्सिलवेनिया में एक रैली के दौरान तत्कालीन उम्मीदवार ट्रंप पर जानलेवा हमला हुआ। इस घटना के कुछ ही पलों के बाद, एलन मस्क ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने सबको चौंका दिया। उन्होंने बिना किसी शर्त के ट्रंप का पूरा समर्थन करने का ऐलान कर दिया। उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं पूरी तरह से राष्ट्रपति ट्रंप का समर्थन करता हूं और उनके जल्द ठीक होने की उम्मीद करता हूं।' यह सिर्फ जुबानी समर्थन नहीं था। इसके बाद मस्क ने ट्रंप की चुनावी तिजोरी खोल दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मस्क ने ट्रंप के समर्थन वाले एक नए सुपर पीएसी (Super PAC), 'अमेरिका पीएसी' (America PAC), को हर महीने लगभग 45 मिलियन डॉलर देने का वादा किया। अनुमान है कि 2024 के पूरे चुनावी चक्र में उन्होंने ट्रंप और अन्य रिपब्लिकन उम्मीदवारों पर 250 से 300 मिलियन डॉलर के बीच खर्च किए। इस एक कदम ने मस्क को ट्रंप के सबसे बड़े और सबसे महत्वपूर्ण फाइनेंसरों में से एक बना दिया।
मस्क अब सिर्फ एक फाइनेंसर नहीं थे। वह ट्रंप के सबसे बड़े प्रचारक भी बन गए। अक्टूबर 2024 में वह पेन्सिलवेनिया के बटलर में ट्रंप के साथ मंच पर नजर आए। उन्होंने 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' की लाल टोपी पहनी हुई थी और भीड़ के सामने ऐलान किया, 'जैसा कि आप देख सकते हैं, मैं सिर्फ मैगा नहीं हूं - मैं डार्क मैगा हूं।'
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जब ट्रंप चुनाव जीत गए तो मस्क का रुतबा व्हाइट हाउस में आसमान छूने लगा। उन्हें विवेक रामास्वामी के साथ एक नए सलाहकार समूह, 'डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी' यानी DOGE का को-लीडर नियुक्त किया गया। इस समूह का काम था सरकारी खर्च में 1 से 2 ट्रिलियन डॉलर की कटौती करना। इस दौरान मस्क को 'फर्स्ट बडी' का निकनेम मिला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह और ट्रंप लगभग हर दिन एक साथ बिताते थे, वह एयर फोर्स वन में साथ उड़ते, ट्रंप के मार-ए-लागो एस्टेट में रुकते और यहां तक कि विदेशी नेताओं के साथ होने वाली बैठकों में भी शामिल होते थे लेकिन बाहर से जो दोस्ती दिख रही थी, अंदर से उसमें दरारें पड़ने लगी थीं। DOGE में मस्क का आक्रामक अंदाज प्रशासन में कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा था। ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेन्ट के साथ तो उनकी वेस्ट विंग में एक 'विस्फोटक लड़ाई' तक हो गई थी। व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो से भी टैरिफ को लेकर उनकी तीखी बहस हुई। कैबिनेट के कई मंत्री उनके दखल से परेशान हो गए थे।
यहां तक कि खुद ट्रंप भी निजी तौर पर मस्क से थोड़े निराश थे क्योंकि मस्क 1 ट्रिलियन डॉलर की बचत का अपना वादा पूरा नहीं कर पाए थे। DOGE ने सिर्फ 175 बिलियन डॉलर की ही बचत की थी। दोनों पक्षों के बीच H1B वीजा के मुद्दे पर भी मतभेद सामने आने लगे। मस्क, जिनकी कंपनियां विदेशी टैलेंट पर बहुत निर्भर हैं, H1B वीजा के समर्थक थे जबकि स्टीव बैनन जैसे ट्रंप के कट्टर राष्ट्रवादी सलाहकार इसके खिलाफ थे। कहते हैं ना 'एक पहाड़ पर दो शेर नहीं रह सकते', यह भविष्यवाणी सच होने वाली थी। दो ईगो टकराने वाले थे और इस टकराव की वजह बना एक बिल।
वन बिग ब्यूटीफुल बिल पर क्यों हुआ झगड़ा?
ट्रंप और मस्क के रिश्ते यहां से किस तरफ़ जाएंगे कहना मुश्किल हैं लेकिन मौजूद हालात को अगर इस रिश्ते का अंत माना जाए तो। इस ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ एक कानून, जिसे ट्रंप प्रशासन बड़े प्यार से 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' कहा था।
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बिल में क्या था खास?
व्हाइट हाउस ने इस बिल को एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने "50 Wins in the One Big Beautiful Bill" नाम का एक डॉक्यूमेंट जारी किया।
इसके मुताबिक, यह बिल:
- ट्रंप के टैक्स कट्स को स्थायी बना देगा।
- अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी टैक्स कटौती देगा।
- बॉर्डर सिक्योरिटी और दीवार बनाने के लिए भारी फंड देगा।
- "ग्रीन न्यू स्कैम" (Green New Scam) कहे जाने वाले टैक्स क्रेडिट्स को खत्म कर देगा।
- और इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) के आदेशों को पलट देगा।
ट्रंप प्रशासन का दावा था कि यह बिल देश का घाटा 1.6 ट्रिलियन डॉलर कम करेगा लेकिन कांग्रेसनल बजट ऑफिस की रिपोर्ट ने व्हाइट हाउस के दावों की हवा निकाल दी। CBO ने कहा कि यह बिल घाटे को कम करने के बजाय, अगले दस सालों में देश के घाटे को लगभग 2.4 ट्रिलियन डॉलर और बढ़ा देगा। कुछ विश्लेषकों ने तो यह आंकड़ा 5 ट्रिलियन डॉलर तक बताया। एलन मस्क, जो खुद को फिजूलखर्ची के खिलाफ एक योद्धा के तौर पर पेश कर रहे थे, इस बिल से आगबबूला हो गए। उन्होंने कहा कि यह बिल देश को कर्ज के ऐसे समंदर में डुबो देगा जिससे निकलना नामुमकिन हो जाएगा।
इस बिल में एक और प्रावधान था जिसने मस्क को सीधे तौर पर चोट पहुंचाई। बिल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर मिलने वाली सब्सिडी को खत्म करने की बात थी क्योंकि मस्क की कंपनी टेस्ला (Tesla) दुनिया की सबसे बड़ी EV निर्माता है, इस कदम से उनकी कंपनी को सीधा नुकसान होता। इसी बात को पकड़कर बाद में ट्रंप ने आरोप लगाया कि मस्क देश की चिंता की वजह से नहीं, बल्कि अपने निजी फायदे के लिए बिल का विरोध कर रहे हैं।
मई 2025 के आखिर में DOGE से अपनी विदाई के फौरन बाद मस्क ने इस बिल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। 3 जून, 2025 को उन्होंने X पर एक तीखा पोस्ट लिखा, 'माफ करना लेकिन मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकता। यह विशाल, अपमानजनक, फिजूलखर्ची से भरा बिल एक घिनौनी चीज है। जिन लोगों ने इसके लिए वहट किया, उन्हें शर्म आनी चाहिए, तुम जानते हो कि तुमने गलत किया है।' उन्होंने रिपब्लिकन सांसदों से बिल के खिलाफ वोट करने की अपील की और धमकी दी, 'अगले साल नवंबर में, हम उन सभी राजनेताओं को बाहर निकाल देंगे जिन्होंने अमेरिकी लोगों को धोखा दिया है।' शुरुआत में ट्रंप खामोश रहे लेकिन यह खामोशी एक भयानक तूफान से पहले की शांति थी। वह तूफान 5 जून को आया।
डोनाल्ड ट्रंप का पलटवार
5 जून, 2025, यह वह दिन था जब परदे के पीछे की सारी लड़ाइयां, सारे मतभेद, सारी कड़वाहट एक ज्वालामुखी की तरह फट पड़ी। पूरी दुनिया ने दो सबसे ताकतवर लोगों को सोशल मीडिया पर बच्चों की तरह लड़ते देखा।
सुबह- 12:00 PM
ट्रंप ओवल ऑफिस में जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ के साथ बैठे थे। तभी एक पत्रकार ने उनसे मस्क की आलोचना पर सवाल पूछ लिया। ट्रंप ने बिना किसी हिचकिचाहट के हमला बोला। उन्होंने कहा, 'मैं मस्क से बहुत निराश हूं।' उन्होंने दावा किया कि मस्क को बिल की सारी जानकारी थी और उन्हें इससे कोई समस्या नहीं थी, जब तक कि इसमें से EV सब्सिडी हटाने का प्रावधान नहीं जोड़ा गया। उन्होंने कहा, 'एलन और मेरा रिश्ता बहुत अच्छा था। मुझे नहीं पता कि अब रहेगा या नहीं।'
दोपहर-12:00 PM-1:00 PM
डोनाल्ड ट्रंप के शब्द अभी हवा में ही थे कि मस्क ने X पर जवाबों की झड़ी लगा दी। उन्होंने लिखा, 'झूठ, यह बिल मुझे एक बार भी नहीं दिखाया गया और इसे रात के अंधेरे में इतनी तेजी से पास किया गया कि कांग्रेस में लगभग कोई इसे पढ़ भी नहीं सका!' फिर उन्होंने वह लाइन लिखी जिसने इस लड़ाई को पर्सनल बना दिया, 'मेरे बिना, ट्रंप चुनाव हार जाते, डेमोक्रेट्स का सदन पर कब्जा होता। यह एहसान फरामोशी है।' यह सीधा ट्रंप के अहंकार पर हमला था। मस्क यहीं नहीं रुके। उन्होंने ट्रंप के ही पुराने ट्वीट शेयर किए जिसमें ट्रंप घाटा बढ़ाने की आलोचना कर रहे थे और पूछा, 'कहां है वह आदमी जिसने ये शब्द लिखे थे?'
दोपहर-2:37 PM
अब बारी ट्रंप की थी। वह अपने प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर आए। उन्होंने लिखा, 'मस्क पागल हो गए! क्योंकि मैंने उनकी EV की सब्सिडी छीन ली।' उन्होंने कहानी को बदलते हुए यह भी दावा किया, 'एलन का असर कम हो रहा था, मैंने ही उसे जाने के लिए कहा था।' फिर आई सबसे बड़ी धमकी। ट्रंप ने लिखा, 'हमारे बजट में अरबों डॉलर बचाने का सबसे आसान तरीका है कि एलन की सरकारी सब्सिडी और कॉन्ट्रैक्ट्स को खत्म कर दिया जाए। मुझे तो हमेशा हैरानी होती थी कि बाइडेन ने ऐसा क्यों नहीं किया!' मस्क की कंपनियां, खासकर SpaceX, अरबों डॉलर के सरकारी ठेकों पर चलती हैं। यह सीधा उनके बिजनेस एम्पायर पर हमला था।
शाम
ट्रंप की धमकी के बाद मस्क ने वह किया जिसे कोई सोच भी नहीं सकता था। उन्होंने इसे 'असली बड़ा बम' गिराना कहा। उन्होंने X पर पोस्ट किया, 'डोनाल्ड ट्रंप का नाम एप्सटीन फाइल्स में है। यही असली वजह है कि उन्हें अब तक सार्वजानिक नहीं किया गया है।' यह एक बेहद गंभीर, बिना सबूत का और चरित्र हनन करने वाला आरोप था। इसने लड़ाई को सियासत और बिल के मतभेदों से बहुत आगे, एक बेहद खतरनाक निजी स्तर पर पहुंचा दिया।
मस्क यहीं नहीं रुके। उन्होंने एक पोस्ट को 'Yes' लिखकर समर्थन दिया जिसमें ट्रंप पर महाभियोग चलाकर वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस को राष्ट्रपति बनाने की मांग की गई थी। उन्होंने एक पल के लिए स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को बंद करने की धमकी भी दे डाली, जो नासा (NASA) के लिए अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन ले जाने का एकमात्र जरिया है। हालांकि, बाद में उन्होंने यह धमकी वापस ले ली। फ़िलहाल एक दिन के ड्रामे में दोस्ती, वफादारी, सियासत, पैसा, अहंकार, सब कुछ इस आग में जलकर खाक होता दिख रहा है। इस लड़ाई ने न सिर्फ टेस्ला के स्टॉक को गिराया , बल्कि रिपब्लिकन पार्टी में भी दरारें डाल दी हैं लेकिन यह कहानी अभी खत्म नहीं हुई है। अमेरिकी राजनीति के जानकारों की मानें तो मस्क और ट्रंप के बीच जंग का यह बस पहला अध्याय है। आगे चीजें और दिलचस्प होने वाली हैं।