हेल्दी और फिट रहने के लिए लोग योग को अपना रहे हैं। योग करने से सेहत अच्छी रहती है। अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना चाहते हैं तो रोजाना 40 से 45 मिनट तक योग करें। योग में आसन, प्राणायाम और ब्रीथिंग तकनीक को शामिल किया जाता है।

 

पिछले कुछ वर्षों में योग काफी तेजी से पॉपुलर हुआ है। जर्नल ऑफ फिजिकल एक्टिविटी एंड हेल्थ के मुताबिक, दिमाग को मजबूत रखने के लिए 20 मिनट तक योगाभ्यास करना चाहिए। योग के कई प्रकार होते हैं। आज हम अष्टांग योग के बारे में बात कर रहे हैं।

 

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अष्टांग योग

 

अष्टांग योग में 8 आयामों का अभ्यास किया जाता है। इसमें यम, नियम, प्राणायाम, प्रत्याहार,विषय, धारणा, ध्यान और समाधि शामिल है। इसमें मुख्य रूप से तीन चीजों पर ध्यान दिया जाता है जिसमें सांस लेना, छोड़ना और दृष्टि महत्वपूर्ण है। यम और नियम में नैतिक और आत्म अनुशासन के सिद्धांत हैं जो सामाजिक और व्यक्तिगत आचरण को निर्देशित करते हैं जबकि आसन और प्राणायाम अष्टांग योग के शारीरिक पहलू है।

 

 

अष्टांग योग में शामिल हैं ये आसन

 

Samasthiti ( ताड़ासन)
सूर्य नमस्कार
पर्वतासन
हलासन 
ऊर्ध्व धनुरासन
पद्मासन 

 

अष्टांग योग में कई आसन, प्राणायाम और ब्रीथिंग एक्सरसाइज शामिल है। अष्टांग योग ने केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करने में मदद करता है। आजकल की भागदौड़ वाली जिंदगी में ज्यादातर लोग छोटी छोटी बातों पर तनाव ले लेते हैं। अष्टांग योग करने से तनाव कम होता है। इसे करने से फोकस बढ़ने लगता है। इससे टांगों की मांस पेशियों को मजबूती मिलती है। 

 

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अष्टांग योग के फायदे

  • अष्टांग योग करने से मांसपेशियों और जोड़ों को मजबूत और लचीला बनाने में मदद मिलती है।
  • डायबिटीज के मरीजों के लिए अष्टांग योग बहुत फायदेमंद होता है।
  • रोजाना इसे करने से रेस्पिरेटरी सिस्टम बेहतर होता है। 
  •  हृदय की बीमारियां भी दूर रहती है।