मोटापा आज के समय में सबसे बड़ी बीमारी है। बेवक्त खानेपीने और घंटों एक जगह बैठे रहने की वजह ज्यादातर लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं। पेट के आस पास थोड़ा बहुत फैट होना सामान्य बात है। हालांकि जब फैट जरूरत से ज्यादा हो जाए तो यह चिंता का विषय है। क्या आप जानते हैं कि कितने तरह की बेली फैट होती है और कौन सी सेहत के लिए ज्यादा नुकसानदायक है। आइए हम आपको बताते हैं।
बेली में दो तरह का फैट होता है। शरीर के ऊपरी हिस्से में जो फैट होतो है उसे सबक्यूटेनियस और निचले भाग में जमा फैट को विसरल फैट कहते हैं। सबक्यूटेनिस फैट त्वचा के अंदर होता है। ये सॉफ्ट फैट होता है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ये फैट ज्यादा होता है। हालांकि इस फैट से कोई गंभीर बीमारी नहीं होती है। किडनी, लिवर जैसे इंटरनल ऑर्गन के आसपास विसरल जमा होता है। विसरल फैट सबक्यूटनेस से ज्यादा नुकसानदायक है। इसे हानिकारक फैट भी कहा जाता है।
ये भी पढ़ें- कब तक धूप में रहने से मिलेगा विटामिन D, इससे ज्यादा रहे तो होगा नुकसान
इंसुलिन हार्मोन और लिवर को प्रभावित करता है विसरल फैट
विसरल फैट इंसुलिन हार्मोन के प्रति प्रतिरोध (इंसुलिन रेसिस्टेंस) को बढ़ाता है। इंसुलिन एक ऐसा हार्मोन है जो आपके ब्लड में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है। समय के साथ शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन रेसिस्टेंस हो जाती है जिसकी वजह से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है और इससे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। विसरल फैट शरीर में सिस्टमिक इंफ्लेमेशन को भी बढ़ावा देता है जिससे विभिन्न बीमारियों का खतरा और अधिक हो सकता है।
पुरुषों में महिलाओं के मुकाबले ज्यादा विसरल फैट जमा होता है इसलिए जैसे जैसै पेट की चर्बी बढ़ती है पुरुषों का शरीर एप्पल शेप का हो जाता है। महिलाओं में आमतौर पर शरीर के निचले हिस्से में अधिक फैट जमा होता है।
विसरल फैट लिवर इंफ्लेमेशन का भी कारण है। ये आपके लिवर में फैटी एसिड, इंफ्लेमेटरी प्रोटीन और हानिकारक चीजों को भेजता है जिससे नॉन अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज होने का खतरा रहता है।
ये भी पढ़ें- ताहिरा कश्यप को दोबारा हो गया ब्रेस्ट कैंसर, इससे बचने का तरीका जानें
बेली फैट को कम करने का तरीका
- शुगर वाली चीजों को खाना छोड़ें- विसरल फैट को कम करने के लिए शुगर वाली ड्रिंक्स और फिजी ड्रिंक्स को पीना छोड़ दें।
- फिजिकल एक्टिविटी करें- फिजिकल एक्टिविटी करने से बेली फैट को कम कर सकते हैं। आप पेट की चर्बी को कम करने के लिए इंटेंस वर्क आउट करें। इसके अलावा योगा और मेडिटेशन कर सकते हैं।
- फाइबर वाली चीजों का सेवन करें- बेली फैट को कम करने के लिए डाइट में हाई फाइबर वाली चीजों को सेवन करें।
- प्रोसेस्ड फूड छोड़ें- स्टडी में पाया गया कि पेट की चर्बी को कम करने के लिए पैकेट फूड, मिठाइयां और रिफाइंड वाली चीजों का सेवन ना करें।
- शराब छोड़ें- पेट की चर्बी को कम करने के लिए शराब पीना छोड़ दें।
- अनिंद्रा- पेट की चर्बी के बढ़ने का कारण पर्याप्त मात्रा में नींद नहीं लेना भी है।
- प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें- बेली फैट को कम करने के लिए प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करें।
कितनी तरह की होती है बेली
- स्ट्रेस बेली- स्ट्रेस की वजह से जब चर्बी बढ़ती है तो उसे स्ट्रेस बेली कहते हैं। ये कोर्टिसोल के स्तर में वृद्ध होने के कारण होता है। इस वजह से एब्डोमिनल हिस्से में चर्बी तेजी से बढ़ती है।
- हार्मोनल बेली- हार्मोन के अंसतुलन की वजह से बेली बढ़ना। इसमें पीसीओएस ,हार्मोनल चेंज की वजह से चर्बी जमा होती है।
- ब्लोटेड बेली- बाहर का जंक फूड खान की वजह से एसिडिटी और गैस की समस्या होती है। इससे पेट फूलना या ब्लोटिंग की समस्या होती है। फिजी ड्रिंक्स और मैदा वाली चीजों का सेवन ना करें। इससे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचता है।
- लो बेली- जब शरीर का ऊपरी भाग उनके पेट के निचले हिस्से यानी एब्डोमिनल क्षेत्र की तुलना में पतला होता है। ये ज्यादातर सींडटरी लाइफस्टाइल की वजह स होता है।
- मोमी बेली - गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का पेट बाहर निकल जाता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को अपने शरीर में वापस आने में समय लगता है। इसे लेकर तनाव ना लें।
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।