विटामिन डी हमारे सेहत के लिए बहुत जरूरी है। ये विटामिन हमें नेचुरल तरीके से सूरज की किरणों से मिलता है। इसमें मौजूद पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने, इम्यून सिस्टम की मजबूती और कैल्शियम और फास्फोरस के एब्जॉर्प्शन में मदद करता है।
यह विटामिन त्वचा में मौजूद कोलेस्ट्रोल से बनता है जब हमारे शरीर को सूरज की किरणें मिलती हैं इसलिए विटामिन डी के लेवल को मेंटेन करना आसान नहीं होता है। दुनियाभर के 50% लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है। हालांकि जरूरत से ज्यादा सूरज की किरणें लेना भी सेहत के लिए नुकसानदायक है।
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क्यों सूरज है विटामिन डी का मुख्य स्रोत
विटामिन डी को 'सनसाइन विटामिन' कहा जाता है। जब आप सूरज की किरणों के संपर्क में आते हैं तो कोलेस्ट्रोल से विटामिन डी बनाता है। दरअसल सूरज से निकलने वाली यूवीबी (UVB) रे त्वचा के साथ मिलकर विटामिन डी को बनाती है। अगर आप रोज सुबह धूप में 10 से 15 मिनट बैठते हैं तो आपको अच्छा लगेगा। साथ ही बीमारियों से भी दूर रहेंगे। सुबह की धूप में ही सूरज से यूवी बी रे निकलती है।

ब्रिटिश स्किन फाउंडेशन के मुताबिक, जिन लोगों की त्वचा का रंग हल्का है उन्हें 10 से 15 मिनट तक धूप लेनी चाहिए। वहीं गहरे रंग के लोगों को 25 से 40 मिनट तक धूप लेनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि आपको धूप में रहने की वजह से सनबर्न की समस्या ना हो। जब आप धूप लें तो टोपी और चश्मा पहनें ताकि आपकी आंखें और चेहरे को कोई नुकसान ना हो।
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क्या सनस्क्रीन लगाने से विटामिन डी पर पड़ता है असर

लोग सनस्क्रीन का इस्तेमाल सनबर्न और स्किन कैंसर से बचने के लिए करते हैं क्योंकि सनस्क्रीन आपकी त्वचा में सूरज की हानिकारक किरणों को रोकने का काम करता है। कहा जाता है यूवीबी रे विटामिन डी को बनाने के लिए बहुत जरूरी होता है और सनस्क्रीन इसके उत्पादन में बाधा उत्पन्न करता है। 2019 में हुई स्टडी में यह बात साफ हो गई कि सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से विटामिन डी के उत्पादन पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। दोनों के बीच में कोई संबंध नहीं है।
जरूरत से ज्यादा सूरज की किरणों से होता है नुकसान
- सनबर्न
- आंखों को नुकसान पहुंचता है
- स्किन एजिंग
- हीट स्ट्रोक
- स्किन कैंसर
Disclaimer: यह आर्टिकल इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारियों और सामान्य बातचीत पर आधारित है। खबरगांव इसकी पुष्टि नहीं करता है। विस्तृत जानकारी के लिए आप अपने किसी डॉक्टर की सलाह लें।