केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच प्रादेशिक सेना (Territorial Army) को सक्रिय करने का आदेश दिया है। सरकार ने यह फैसला प्रादेशिक सेना नियम, 1948 के नियम 33 द्वारा दी गई शक्तियों के तहत लिया है, जिसके तहत सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी किसी भी प्रादेशिक सेना अधिकारी या जवान को सेना में नियमित बलों की मदद करने के लिए बुला सकते हैं।

 

सरकार के आदेश के मुताबिक, मौजूदा 32 इन्फैंट्री बटालियनों में से 14 बटालियनों को सक्रिय किया जाएगा। बटालियनों को सेना के अलग-अलग कमानों में तैनात किया जाएगा। इनकी तैनाती दक्षिणी, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य, उत्तरी और दक्षिण पश्चिमी कमांड के साथ-साथ अंडमान और निकोबार कमांड और सेना प्रशिक्षण कमांड (ARTRAC) सहित प्रमुख सैन्य क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

 

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नियमित सेना का सहायक बल

 

प्रादेशिक सेना नियमित सेना की सहायक बल के रूप में अपनी भूमिका निभाती है। इसमें स्वयंसेवक शामिल होते हैं जो देश में आई आपात स्थितियों और आंतरिक सुरक्षा के लिए सैन्य प्रशिक्षण लेती है।

 

हमलों के बाद लिया गया फैसला

 

सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब भारत-पाकिस्तान के बीच 7-8 मई की रात में दोनों तरफ से भयानक ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए गए हैं। हालांकि, भारत मजबूती के साथ पाकिस्तान की हर नापाक कार्रवाई का माकूल जवाब दे रहा है। भारतीय वायु सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के सभी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया।

 

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भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान की सेना के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल करते हुए लाहौर में एक वायु रक्षा प्रणाली को भी नष्ट कर दिया। बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का बदला लेते हुए भारत से पाकिस्तान के ऊपर 7 मई की रात को पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। हमलों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूहों से जुड़े आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाया गया।