केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी चंदा लेने में सबसे आगे है। इलेक्टोरल ट्रस्ट से बीजेपी को भर-भरकर चंदा मिल रहा है। इलेक्टोरल बॉन्ड खत्म होने के बाद पहले वित्त वर्ष यानी 2024-25 में इलेक्टोर ट्रस्ट ने राजनीतिक पार्टियों को 3,811 करोड़ रुपये दान किए। केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी को 3,112 करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला। यानी, 13 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने जितना चंदा दिया, उसमें से 82 फीसदी सिर्फ बीजेपी को मिला।

 

ये सारी जानकारी चुनाव आयोग में दाखिल कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट में सामने आई हैं। अब तक 12 में से 9 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने अपनी कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट जमा की है।

 

इसके मुताबिक, बीजेपी को इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 82 फीसदी चंदा दिया। कांग्रेस को लगभग 8 फीसदी यानी 299 करोड़ रुपये का चंदा मिला। बाकी सभी पार्टियों को 10 फीसदी यानी 400 करोड़ रुपये का चंदा इलेक्टोरल ट्रस्ट से आया। हालांकि, राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाला चंदा इससे कहीं ज्यादा है, क्योंकि यह आंकड़ा सिर्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट का है।

 

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किसने कितना चंदा दिया?

19 में से 13 इलेक्टोरल ट्रस्ट ने चुनाव आयोग को अपनी कंट्रीब्यूशन रिपोर्ट दी है। इन्होंने बताया है कि 2024-25 में राजनीतिक पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा दिया है। 

 

2023-24 की तुलना में यह 200 फीसदी है। 2023-24 में इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 1,218 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। 4 ट्रस्ट- जनहित, परिवर्तन, जयहिंद और जय भारत ने 2024-25 में कोई भी चंदा नहीं दिया।

 

प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने सबसे ज्यादा 2,180 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी को दिया। इस ट्रस्ट को जिंदल स्टील एंड पावर, मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, भारतीय एयरटेल, अरबिंदो फार्मा और टोरेंट फार्मा से फंड मिला था।

 

प्रूडेंट ट्रस्ट ने 2024-25 में कुल 2,668 करोड़ रुपये का चंदा पार्टियों को दिया था। इसमें से 82 फीसदी चंदा सिर्फ बीजेपी को मिला। कांग्रेस को प्रूडेंट ट्रस्ट से सिर्फ 21.63 करोड़ रुपये का चंदा मिला।

 

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और किस ट्रस्ट ने कितना चंदा दिया?

प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2024-25 के दौरान 915 करोड़ रुपये राजनीतिक पार्टियों को दिए। पूरे डोनेशन का लगभग 81 फीसदी यानी 758 करोड़ रुपये सिर्फ बीजेपी को मिला। इस ट्रस्ट को टाटा ग्रुप से फंड मिलता है।

 

इसी तरह, न्यू डेमोक्रेटिक इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 160 करोड़ में से 150 करोड़ रुपये सिर्फ बीजेपी को दिए। हार्मनी इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 30.15 करोड़, ट्रायंफ इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 21 करोड़ और समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन ने 3 करोड़ बीजेपी को दिए। इन तीनों ट्रस्ट से कांग्रेस को एक रुपये भी नहीं मिला।

 

जनप्रगति इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 2024-25 में कुल 1.02 करोड़ रुपये डोनेट किए, जिसमें से 1 करोड़ अकेले शिवसेना (यूबीटी) को मिले। इस ट्रस्ट को मुंबई की KEC इंटरनेशनल लिमिटेड से फंडिंग मिली थी।

 

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क्या होता है इलेक्टोरल ट्रस्ट?

केंद्र सरकार पहले चुनावी चंदे के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम लाई थी, जिसे फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था।

 

अभी कॉर्पोरेट कंपनियां चेक, डीडी या यूपीआई बैंक ट्रांसफर के जरिए पार्टियों को डोनेशन दे सकती हैं। इसके अलावा, इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए भी चंदा दे सकती हैं। इलेक्टोरल ट्रस्ट के जरिए कोई कंपनी या फिर व्यक्ति एक ट्रस्ट को डोनेशन दे सकता है, जो आगे पार्टियों को डोनेट करता है।

 

यानी, एक कंपनी किसी इलेक्टोरल ट्रस्ट को पैसा देती है और वह ट्रस्ट उसे आगे किसी पार्टी को चंदे में दे सकता है।