कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच खींचतान चल रही है। हालांकि, दोनों ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। सिद्धारमैया दावा कर रहे हैं कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। वहीं, डीके शिवकुमार दावा करते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद नहीं मांगा है। हालांकि, शिवकुमार ने हाल ही में 'सीक्रेट डील' का जिक्र कर कन्फ्यूजन भी बढ़ा दिया था। अब इस पूरी तनातनी के बीच सिद्धारमैया ने शिवकुमार को नाश्ते पर बुलाया है। दोनों के बीच यह मीटिंग हाईकमान के कहने पर होने जा रही है।
सिद्धारमैया ने शिवकुमार को ऐसे वक्त नाश्ते पर बुलाया है जब उनके मंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे प्रियांक ने कहा कि कांग्रेस के पास 'सेंस ऑफ टाइमिंग' है। यानी, हाईकमान को पता है कि किस समय क्या फैसला लेना है।
शिवकुमार का कहना है कि उन्हें किसी बात की 'जल्दी' नहीं है, जबकि सिद्धारमैया ने कहा कि उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है।
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क्या नाश्ते की टेबल पर बनेगी बात?
शनिवार को सिद्धारमैया और शिवकुमार की मुलाकात नाश्ते की टेबल पर होगी। सिद्धारमैया ने कहा, 'पार्टी हाईकमान ने मुझे और उन्हें बुलाया था और मीटिंग करने के लिए कहा था। इसलिए मैंने उन्हें नाश्ते पर बुलाया है। जब वह आएंगे तो हम बात करेंगे।'
उन्होंने आगे कहा कि 'मेरे स्टैंड में कोई बदलाव नहीं है और मैंने कहा है कि हाईकमान जो भी कहेगा, मैं सुनूंगा। हम दोनों ने कहा है कि पार्टी हाईकमान जो भी कहेगा, हम मानेगें।'
सीएम सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि अगर हाईकमान उन्हें बुलाएगा तो वह दिल्ली जाएंगे।
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शिवकुमार बोले- मुझे कुछ नहीं चाहिए
वहीं, शिवकुमार का कहना है कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। शुक्रवार को दिन में वह दिल्ली जाकर हाईकमान से मिलेंगे? तो उन्होंने कहा, 'दिल्ली हमारा मंदिर है। वहां मेरा बहुत काम है। संसद का सत्र आ रहा है। मुझे कर्नाटक के सभी सांसदों से मिलना है, कयोंकि उन्हें हमारे कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करना है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे कुछ नहीं चाहिए। मुझे कोई जल्दी नहीं है। मेरी पार्टी फैसला लेगी।' उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें और सिद्धारमैया को जब भी दिल्ली बुलाया जाएगा, दोनों जाएंगे।
अपने दिल्ली दौरे को लेकर शिवकुमार ने आगे कहा, 'हम सभी को दिल्ली जाना है। दिल्ली के बिना कुछ नहीं हो सकता। कांग्रेस ऐसी पार्टी है जिसका लंबा इतिहास रहा है और इसने हमेशा गाइड किया है।'
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दिल्ली दरबार में होगा फैसला?
सिद्धारमैया और शिवकुमार शनिवार को नाश्ते की टेबल पर बात करेंगे। दोनों के बीच अगर बात नहीं बनती है तो दिल्ली में आगे का फैसला लिया जा सकता है। यह बातें इसलिए क्योंकि प्रियांक खड़गे का कहना है कि हाईकमान को पता है कि कब क्या करना है।
उन्होंने कहा, 'दिल्ली में होने वाली मीटिंग पर किसी ने कोई आधिकारिक न्योता नहीं दिया है। सीएम और डिप्टी सीएम ने कहा है कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष या महासचिव या कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला उन्हें बुलाते हैं तो वे दिल्ली जाएंगे। दिल्ली से न्योता आने दें, उसके बाद ही फैसला होगा।'
सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच चल रही खींचतान से कन्फ्यूजन भी बढ़ गया है। इससे जुड़े सवाल पर प्रियांक खड़गे ने कहा, 'हाईकमान को टाइमिंग का अंदाजा है। वह सही समय को ध्यान में रखकर फैसला करेगा।' उन्होंने लोगों से कहा कि अपना अंदाजा न लगाएं, जब भी जरूरत होगी, हाईकमान दखल देगा।
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सिद्धारमैया के बेटे ने क्या कहा?
सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार के बीच कई दिनों से खींचतान चल रही है। शिवकुमार ने हाल ही में कहा था कि '5-6 लोगों के बीच सीक्रेट डील हुई थी।'
सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने इस कन्फ्यूजन पर कहा कि यह सब मीडिया का बनाया हुआ है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस में कोई लड़ाई या झगड़ा नहीं है। क्योंकि हमारे बीच कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मुझे लगता है कि मीडिया सोच बनाने में लगा है। हाईकमान ने लीडरशिप बदलने के लिए कोई डायरेक्शन नहीं दिया है। अगर ऐसा कुछ है तो वे बुलाकर बात करेंगे।'
उन्होंने यह भी कहा कि किसी को नहीं पता कि 2023 में ढाई साल बाद लीडरशिप चेंज करने के बारे में कोई वादा किया गया था या नहीं और इसलिए इसे लेकर अंदाजा लगाना ठीक नहीं है।

ऐसा कहा जाता है कि मई 2023 में जब कांग्रेस सरकार बनी थी तो एक पावर शेयरिंग डील हुई थी, जिसमें तय हुआ था कि ढाई साल सिद्धारमैया सीएम रहेंगे और उनके बाद ढाई साल शिवकुमार सीएम रहेंगे। कुछ दिन पहले शिवकुमार ने जिस 'सीक्रेट डील' का जिक्र किया था, उसे इसी कथित पावर शेयरिंग डील से जोड़कर देखा जा रहा है।
इस कथित डील पर यतींद्र ने कहा, 'किसी को नहीं पता कि ढाई साल लीडरशिप बदलने के बारे में कोई वादा किया था या नहीं। हाईकमान को इसके बारे में पता हो भी सकता है और नहीं भी। इसलिए इसके बारे में अंदाजा लगाना ठीक नहीं है।'
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अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही बीजेपी
दोनों के बीच चल रही खींचतान के बीच बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि अगर कांग्रेस में खींचतान जारी रही तो बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव ला सकती है। उन्होंने कहा कि 8 दिसंबर तक का समय है, उसके बाद बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
बोम्मई ने कहा, 'अगर सीएम और डिप्टी सीएम के बीच खींचतान इसी तरह जारी रही, तो राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल होने की संभावना है।'
उन्होंने यह भी कहा कि दोनों की लड़ाई में कोई 'डार्क हॉर्स' सामने आ सकता है। यानी कि नया चेहरा सीएम बन सकता है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने दो से तीन फॉर्मूले सुझाए हैं और दोनों में से कोई भी नेता किसी पर सहमत नहीं हुआ है। ऐसी जानकारी है कि दोनों को किनारे रखकर एक नया फॉर्मूला तैयार किया जा रहा है। रेस में किसी डार्क हॉर्स के आने की संभावना है।'
उन्होंने कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है। उन्हों कहा, 'जो घोड़ा अभी दिखाई नहीं दे रहा है, वह सामने आ सकता है। जो घोड़़ा तस्वीर में दिख रहा है, वह दौड़ेगा ही नहीं। राज्य में कुछ भी हो सकता है।'
