कभी न्यू ईयर की पार्टी तो कभी होली पार्टी... कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वियतनाम यात्राओं को लेकर हाल ही में राजनीतिक बहस छिड़ गई है। दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद घोषित राष्ट्रीय शोक के दौरान उनकी वियतनाम यात्रा पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाए हैं। 

 

भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी की इस यात्रा को असंवेदनशील करार दिया है। बीजेपी का कहना है कि जब देश शोक में था, तब वह नए साल का जश्न मनाने वियतनाम गए हुए थे। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस पर टिप्पणी की और कहा कि गांधी परिवार का सिख समुदाय के प्रति इतिहास संदिग्ध रहा है और यह यात्रा उसी का प्रतिबिंब है। 

 

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी का पहला इंटरनेशनल पॉडकास्ट करने वाले लेक्स फ्रिडमैन कौन?

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि राहुल गांधी की यात्रा निजी थी और इसे राजनीतिक रंग देना अनुचित है। पार्टी ने यह भी कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के दौरान परिवार की निजता का सम्मान करने के लिए उन्होंने अपनी उपस्थिति सीमित रखी। 

'रायबरेली में भी इतना समय नहीं बिताया'

भाजपा ने शनिवार को राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'नया साल वियतनाम में, होली भी वियतनाम में? मुझे बताया गया है कि उन्होंने वियतनाम में 22 दिन का समय दिया है। उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में भी इतना समय नहीं बिताया है।' वहीं, अमित मालवीय ने दावा किया कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

 

अमित मालवीय ने एक्स में कहा, 'विपक्ष के नेता के रूप में, राहुल गांधी एक महत्वपूर्ण पद पर हैं और उनकी कई गुप्त विदेश यात्राएं, खासकर संसद सत्र के दौरान, औचित्य और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में गंभीर सवाल उठाती हैं।' 

 

यह भी पढ़ें: भगवंत मान 5 साल CM रहेंगे या नहीं? केजरीवाल ने अमृतसर में दिया जवाब

कांग्रेस ने बताया सच

दरअसल, 26 दिसंबर, 2024 को मनमोहन सिंह के निधन के बाद गांधी की वियतनाम यात्रा की भी तीखी आलोचना हुई थी, जिसमें भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस नेता नए साल के जश्न के लिए उस समय रवाना हुए जब 'देश प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है।' हालांकि, कांग्रेस नेता हरीश रावत ने टिप्पणी की थी, 'वह वहां के आर्थिक मॉडल का अध्ययन करने गए हैं।'

 

 

खुफिया एजेंसी रखती हैं नजर

दरअसल, वियतनाम चीन के खिलाफ भारत का एक अहम सहयोगी है, खासकर इंडो-पैसिफिक रणनीति में। ऐसे में अगर विपक्षी नेता किसी भी विदेश की लगातार यात्रा करें तो यह भारत की रणनीति पर असर डाल सकता है। वहीं, भाजपा ने कई बार आरोप लगाया है कि राहुल गांधी विदेश यात्राओं के दौरान अज्ञात व्यक्तियों से मिलते हैं। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि भारत की खुफिया एजेंसियां महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों की विदेश यात्राओं पर नजर रखती हैं, खासकर जब वह बार-बार किसी विशेष देश में जा रहे हों।

 

यह भी पढ़ें: एक गलती और हैक हो जाएगा WhatsApp! जानिए बचाव के आसान तरीके

पहले भी लगे हैं कई आरोप

बता दें कि राहुल गांधी पर पहले भी विदेशी संगठनों और एजेंसियों से संपर्कों के आरोप लग चुके हैं। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के भाषण में उन्होंने भारतीय लोकतंत्र पर कुछ टिप्पणियां की थीं, जिसे सरकार ने नकारात्मक रूप से लिया था।