टीवी वाली रेसलिंग यानी WWE में सब कुछ स्क्रिप्टेड होता है, यह बात अब आम है लेकिन इतिहास में एक मौका आया था, जब रेसलिंग की रिंग में असली धोखा दिया गया। बात है साल 1997 की। कनाडा का मॉन्ट्रियल शहर। रिंग में था सुपरस्टार ब्रेट 'द हिटमैन' हार्ट । कनाडा का हीरो। हिटमैन का यह WWF में लास्ट मैच था। जिसके बाद वह कंपनी छोड़ देने वाला था। ब्रेट की इच्छा थी कि वह अपने देश में अपने लोगों के सामने यह आखिरी मैच खेले। साथ ही उसने कंपनी के मालिक विंस मैकमैन ने उससे एक वादा लिया। वादा यह कि आज रात वह अपने देश में नहीं हारेगा। मैच की स्क्रिप्ट भी यही थी लेकिन फिर कैमरे के सामने कुछ और हुआ। मैच चल ही रहा था कि विंस मैकमन ने रेफरी को घंटी बजाने का इशारा किया। ब्रेट हार्ट को धोखे से हरवा दिया गया। यह नाटक नहीं था। हकीकत में दिया गया धोखा था।


कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। कैमरे बंद हुए तो बैकस्टेज असली लड़ाई शुरू हुई। ब्रेट हार्ट ने विंस मैकमैन के मुंह पर एक घूंसा जड़ दिया लेकिन विंस को इससे फ़र्क़ नहीं पड़ता था। वह जानते थे- टीवी पर अच्छा या बुरा होने से फ़र्क़ नहीं पड़ता, असल खेल है, पब्लिक का इंटरस्ट बनाए रखना।

 

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अलिफ लैला की इस कड़ी में हम जानेंगे कहानी प्रोफेशनल कुश्ती को को दुनियाभर तक पहुंचाने वाले विंस मैकमैन की। मैकमैन ने प्रो रेसलिंग को कैसे मोनोपोली बनाया? डोनाल्ड ट्रंप का रेसलिंग से क्या कनेक्शन है और क्या है रेसलिंग की दुनिया की असली हकीकत? क्यों विंस मैकमैन WWE से इस्तीफा देने को मजबूर हुए?

बाप की सल्तनत का सौदा

 

साल 1982, एक बेटा अपने बाप के सामने बैठा था। सौदा हो रहा था वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन का। बाप, विंस मैकमैन सीनियर कंपनी बेच रहा था। बेटा, विंस मैकमैन जूनियर खरीद रहा था लेकिन एक शर्त थी। पेमेंट किश्तों में होगी। एक भी किश्त चूकी तो सौदा कैंसिल और अब तक दिए गए सारे पैसे भी डूब जाएंगे। यह जुआ था लेकिन विंस जूनियर को चिंता नहीं थी क्योंकि उसकी पूरी ज़िंदगी ही एक जुआ थी। उसका बाप, विंस सीनियर, रेसलिंग का एक बड़ा प्रोमोटर था लेकिन बेटे ने बाप से दूर गरीबी में जिंदगी काटी थी। सौतेला पिता उसे मारता पीटता था। अपने असली बाप को 12 साल की उम्र तक देखा भी नहीं था।

 

 

विंस सीनियर नहीं चाहते थे कि उनका बेटा इस धंधे में आए लेकिन विंस जूनियर ज़िद पर अड़ गया। उसने अपने पिता की कंपनी में छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए। वह रिंग लगाता, सामान ढोता, जो काम मिलता कर लेता। फिर एक दिन अचानक उसे वह ब्रेक मिल गया जिसकी उसे तलाश थी। एक रोज उसके पिता ने कंपनी के मेन रिंग अनाउंसर को पेमेंट पर हुई एक बहस के चलते नौकरी से निकाल दिया। शो शुरू होने वाला था और कोई अनाउंसर नहीं था। विंस सीनियर ने अपने बेटे की तरफ देखा और कहा, 'अब तुम अनाउंसर हो।' यहीं से विंस मैकमैन की रेसलिंग की दुनिया में असली एंट्री हुई। वह अपनी आवाज़ और अपने अंदाज़ से धीरे-धीरे पहचान बनाने लगा लेकिन विंस सिर्फ एक अनाउंसर बनकर नहीं रहना चाहता था। उसकी नज़र अपने पिता की कुर्सी पर थी। विंस जूनियर को मौका मिला और उसने अपने पिता की कंपनी खरीदने का फैसला कर लिया।

 

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हल्कमेनिया और रेसलमेनिया

 

विंस मैकमैन के हाथ में जैसे ही कंपनी आई, उसने कंपनी को फैलाना शुरू कर दिया- एग्रेसिव टेक ओवरटेक- यह विंस का तरीका था। दरअसल, 1980 के दशक की शुरुआत में रेसलिंग अलग-अलग इलाकों में बंटी हुई थी, जिसे टेरिटरी सिस्टम कहा जाता था। हर इलाके का अपना प्रोमोटर, अपने स्टार्स और अपने फैंस होते थे। कोई दूसरे के इलाके में दखल नहीं देता था। विंस ने आते ही दूसरे प्रमोटरों के इलाकों में दखल देना शुरू कर दिया। वह एक-एक करके दूसरे प्रमोटर्स के बड़े स्टार्स को तोड़ता और अपने साथ मिला लेता। इसका सबसे बड़ा उदाहरण बना- छह फुट सात इंच का एक लंबा-चौड़ा रेसलर- हल्क होगन। होगन उस समय AWA नाम की कंपनी का सबसे बड़ा स्टार था  लेकिन कंपनी उसे वर्ल्ड चैंपियन नहीं बना रही थी। विंस ने मौका देखा और होगन को तोड़ लिया। विंस ने होगन में सिर्फ एक रेसलर नहीं देखा, उसने एक अमेरिकी सुपरहीरो देखा। उसने होगन को WWF का चेहरा बना दिया। 23 जनवरी 1984 को हल्क होगन ने द आयरन शीक को हराकर WWF चैंपियनशिप जीती और 'हल्कमेनिया' के दौर की शुरुआत हो गई।
 
विंस ने इसी दौरान पॉप स्टार्स को अपने साथ जोड़ा। रेसलिंग अचानक म्यूजिक, सेलिब्रिटी और एंटरटेनमेंट का कॉकटेल बन गई। मोहम्मद अली जैसे दिग्गज WWF के शो में दिखने लगे। इस नई पॉपुलैरिटी के दम पर विंस ने एक और बड़ा जुआ खेलने का फैसला किया। उसने रेसलमेनिया की शुरुआत की। रेसलिंग का सबसे बड़ा इवेंट। पहले रेसलमेनिया के लिए उसने उसने हॉलीवुड स्टार मिस्टर टी को हल्क होगन का पार्टनर बनाया। मोहम्मद अली को गेस्ट रेफरी बनाया। 31 मार्च, 1985 को मैडिसन स्क्वायर गार्डन में पहला रेसलमेनिया हुआ। यह सिर्फ एक रेसलिंग शो नहीं था, यह एक तमाशा था। एक मिलियन से ज़्यादा लोगों ने इसे टीवी पर देखा, जो उस समय के लिए एक रिकॉर्ड था।

 

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स्टेरोइड और स्कैंडल

 

रेसलमेनिया की सफलता ने विंस मैकमैन को रेसलिंग का बादशाह बना दिया था। 80 का दशक हल्कामेनिया हल्कमेनिया का दौर था। हल्क होगन अमेरिका का हीरो था। इस दौर का सबसे बड़ा पल आया रेसलमेनिया III में, जब 93,000 से ज़्यादा लोगों के सामने हल्क होगन ने 236 किलो के आंद्रे द जायंट को उठाकर पटक दिया।

 

WWF की शोहरत अपने चरम पर जा रही थी लेकिन इस चमक-दमक के पीछे एक अंधेरा सच छिपा था। एक ऐसा सच जिसने WWF की नींव हिला दी। यह सच था- स्टेरॉइड्स। 80 के दशक में WWF के लगभग सभी रेसलर्स का शरीर किसी ग्रीक देवता जैसा दिखता था। उनकी नसें उभरी हुई होती थीं, उनके मसल्स जरूरत से ज़्यादा बड़े थे। शॉन असल और माइक मूनीहैम WWE पर लिखी अपनी किताब 'Sex, Lies, and Headlocks' में लिखते हैं कि ये सब सिर्फ जिम जाने से नहीं हुआ था। यह स्टेरॉइड्स का कमाल था। उस दौर में विंस का एक ही मंत्र था - 'Bigger is Better'। यानी, जितना बड़ा शरीर, उतना बड़ा स्टार। खुद विंस भी स्टेरॉइड्स का इस्तेमाल कर रहे थे।

 

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WWF का यह राज तब खुला जब अमेरिका की सरकार ने डॉक्टर जॉर्ज ज़ाहोरियन पर शिकंजा कसा। डॉक्टर ज़ाहोरियन WWF के रेसलर्स को चोरी-छिपे स्टेरॉइड्स और पेनकिलर्स सप्लाई करता था। जब FBI ने जांच शुरू की तो एक के बाद एक बड़े रेसलर्स के नाम सामने आने लगे। सबसे बड़ा नाम था हल्क होगन का।  इस स्कैंडल ने WWF की इमेज को भारी नुकसान पहुंचाया। हल्क होगन का हीरो वाला किरदार अब भरोसे के लायक नहीं रहा। कंपनी के बिजनेस में भी गिरावट आने लगी। बचाने के लिए विंस ने एक और बड़ा दांव खेला। उसने रेसलिंग की दुनिया से बाहर निकलकर बॉडी बिल्डिंग की दुनिया में कदम रखा। उसने World Bodybuilding Federation यानी WBF नाम की एक नई कंपनी शुरू की। विंस को लगा कि वह अपनी मार्केटिंग की ताकत से WBF को भी WWF जितनी बड़ी कंपनी बना देगा लेकिन यह विंस की ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलतियों में से एक साबित हुई। WBF बुरी तरह फ्लॉप हो गया। उसका टीवी शो किसी ने नहीं देखा और कंपनी को करोड़ों का नुकसान हुआ।


विंस मैकमैन और उनके दुश्मन

 

90 का दशक विंस मैकमैन के लिए अच्छा नहीं चल रहा था। स्टेरॉइड्स के केस ने कंपनी की इमेज खराब कर दी थी और हल्क होगन जैसा बड़ा स्टार अब भीड़ नहीं खींच पा रहा था। विंस कमजोर पड़ रहा था और उसके दुश्मन इस मौके का इंतज़ार कर रहे थे और उसका सबसे बड़ा दुश्मन था- टेड टर्नर। टर्नर, जो एक बहुत बड़े मीडिया मुग़ल थे, WCW (World Championship Wrestling) के मालिक थे। WCW हमेशा से WWF  से छोटी कंपनी रही थी लेकिन टर्नर ने एक युवा और महत्वाकांक्षी प्रोमोटर, एरिक बिशफ को कंपनी की कमान सौंपी। बिशफ ने विंस को उसी के खेल में हराने की ठानी।

 

4 सितंबर, 1995 को बिशफ ने एक दांव खेला। उसने WWF के मेन शो Monday Night Raw के ही टाइम स्लॉट पर WCW का नया शो मंडे नाइट नाइट्रो लॉन्च कर दिया। अब दोनों कंपनियों के बीच सीधी जंग थी। इसे Monday Night Wars का नाम दिया गया। शुरुआत में किसी ने WCW को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन बिशफ के पास टर्नर के पैसों की ताकत थी। उसने विंस के बड़े-बड़े स्टार्स को तोड़ना शुरू कर दिया। उसने स्कॉट हॉल और केविन नैश जैसे रेसलर्स को WWF से कहीं ज़्यादा पैसे ऑफर किए और अपनी कंपनी में शामिल कर लिया।

 

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बिशफ का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक था हल्क होगन का हील टर्न। हील यानी विलेन। 10 साल से ज़्यादा समय तक अमेरिका के बच्चों का सुपरहीरो रहा हल्क होगन, अब विलेन बन गया था। उसने हॉल और नैश के साथ मिलकर एक टीम बनाई- NWO यानी New World Order। यह रेसलिंग का सबसे कूल और खतरनाक ग्रुप था।
 
देखते ही देखते WCW ने WWF को रेटिंग्स में पछाड़ना शुरू कर दिया। एक हफ्ता, दो हफ्ते, दस हफ्ते। WCW लगातार 83 हफ़्तों तक रेटिंग्स की लड़ाई जीतता रहा। WWF कंपनी दिवालिया होने की कगार पर चली गई। विंस के सभी बड़े स्टार्स उसे छोड़कर जा चुके थे। जो बचे थे, वे भी WCW से मिल रहे ऑफर देख रहे थे। विंस मैकमैन की सल्तनत ढह रही थी। इसी डेस्पेरेशन से जन्म हुआ एक नए दौर का।

एटीट्यूड एरा

 

WWF की हार का एक बड़ा कारण ये था कि WCW का अंदाज़ ज़्यादा कूल और बगावती था जबकि WWF के शो बच्चों और परिवारों के लिए होते थे। विंस को एहसास हुआ कि शरीफों का खेल खेलकर यह जंग नहीं जीती जा सकती। अगर सल्तनत बचानी है,तो उसे WCW से ज़्यादा विवादित और ज़्यादा 'एटीट्यूड' वाला शो बनाना होगा। इसी ज़रूरत से जन्म हुआ Attitude Era का।

 

इस नए दौर का चेहरा हल्क होगन जैसा कोई सुपरहीरो नहीं था। वह एक ऐसा शख्स था जो अपने बॉस को गालियां देता था, रिंग में बीयर पीता था और जिसे किसी नियम-कानून की परवाह नहीं थी। उसका नाम था- स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन। ऑस्टिन ने 1996 में किंग ऑफ द रिंग टूर्नामेंट जीता और देखते ही देखते सुपरस्टार बन गया। कारण थी उसकी कही एक लाइन। दरअसल, उस दौर में एक और रेस्टलर हुआ करता था जेक रॉबर्ट्स, जिसे The Snake भी कहते थे। रॉबर्ट्स अपने प्रोमोज़ में (मैच से पहले की जानी वाली जुबानी लड़ाई) धार्मिक रेफरेंस का इस्तेमाल करता था। बाइबल आदि को कोट करते हुए अक्सर चैप्टर और वर्स का रेफरेंस दिया जाता है, जैसे जॉन 3:12, यानी जॉन की gospel के चैप्टर नंबर 3 का वर्स 12, तो रॉबर्ट्स ऐसे ही बोलता था कि अमुक चैप्टर के अनुसार आदि, आदि। जब स्टोन कोल्ड ने फाइनल मैच जीता तो उसने भी एक स्पीच दी। जिसमें एक लाइन थी- 'तुम अपनी बाइबल को कोट करते रहे लेकिन ऑस्टिन 3:16 का मतलब है, मैंने अभी-अभी तुम्हारा पिछवाड़ा तोड़ा है।' यह लाइन इतनी मशहूर हुई कि इसकी टी-शर्ट्स धड़ाधड़ बिकने लगीं। फैंस को ऑस्टिन का यह बगावती अंदाज़ पसंद आ गया।

 

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विंस ने फैंस की इस नब्ज़ को पकड़ लिया। शुरुआत में हमने आपको मॉन्ट्रियल स्क्रूजॉब की कहानी सुनाई थी। इस मैच में विंस ने जानबूझकर ब्रेट हार्ट को हराया था। लिहाजा पब्लिक उससे नफ़रत करने लगी थी। मैकमैन ने इस नफ़रत को कहानी का हिस्सा बना दिया और ख़ुद के लिए एक किरदार गढ़ा। मिस्टर मैकमैन- एक निहायती क्रूर बॉस। इस विलेन के लिए एक हीरो चाहिए था। सो विंस ने मिस्टर मैकमैन के सामने स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन को खड़ा कर दिया।
 
यह उस दौर में रेसलिंग की सबसे बड़ी कहानियों में से एक थी। एक घमंडी, करोड़पति बॉस और एक जिद्दी, सिस्टम से लड़ने वाला रेसलर। उनकी लड़ाई रिंग के अंदर कम, बाहर ज़्यादा होती थी। ऑस्टिन कभी बीयर के ट्रक से एरीना में घुस आता तो कभी हॉस्पिटल में घुसकर विंस की पिटाई कर देता। यह सब स्क्रिप्टेड था लेकिन फैंस को लगता था कि ऑस्टिन वही कर रहा है, जो वे सब अपने बॉस के साथ करना चाहते हैं।

विंस मैकमैन पर लिखी किताब Ringmaster में अब्राहम रीसमैन बताते हैं कि विंस ने खुद कहा था, 'स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन का किरदार असल में विंस मैकमैन ही है। मैं हमेशा से सिस्टम के खिलाफ रहा हूं।' इस तरह एटीट्यूड एरा में रेसलिंग और हिंसक हो गई। खून-खराबा, गंदी भाषा और सेक्सुअल कंटेंट आम हो गया। D-Generation X जैसी टीमों ने सारी हदें पार कर दीं। विंस पर आरोप लगे कि वह बच्चों को गलत चीजें दिखा रहा है लेकिन उसे परवाह नहीं थी। उसका सिर्फ एक मकसद था- WCW को हराना और यह काम कर रहा था। धीरे-धीरे WWF की रेटिंग्स वापस ऊपर आने लगी। 

रेसलर की मौत 

 

Attitude Era ने WWF को बचा लिया था। स्टोन कोल्ड और द रॉक जैसे स्टार्स घर-घर में पहचाने जाने लगे थे लेकिन इस कामयाबी की एक कीमत थी। विंस ने एंटरटेनमेंट की सारी हदें तोड़ दी थीं। रेसलिंग से ज़्यादा कहानियां अब शैतान, सेक्स और धोखे के इर्द-गिर्द घूमने लगी थी। इसी दौर में रेसलिंग की रिंग में एक बड़ा हादसा हुआ। 23 मई, 1999। कैंसस शहर में ओवर द एज नाम का इवेंट चल रहा था। रेसलर ओवेन हार्ट को एक सुपरहीरो, द ब्लू ब्लेज़र के किरदार में एरीना की छत से रस्सी के सहारे नीचे उतरना था। ओवेन को ऊंचाई से डर लगता था और वह यह स्टंट करने में हिचकिचा रहा था लेकिन उसने मना नहीं किया। स्टंट के दौरान, रस्सी का हुक खुल गया और ओवेन 80 फीट की ऊंचाई से सीधा रिंग के कोने पर आ गिरा।

 

टीवी पर फैंस को ओवेन का पहले से रिकॉर्ड किया गया एक इंटरव्यू दिखाया जा रहा था। उन्हें पता भी नहीं चला कि रिंग में क्या हुआ। एरीना में मौजूद भीड़ ने यह भयानक हादसा अपनी आंखों से देखा। इतना बड़ा हादसा लेकिन विंस ने कहा- शो मस्ट कैरी ऑन। विंस का तर्क था कि अगर शो रद्द होता तो शायद फैंस दंगा कर देते। जिस एम्बुलेंस को विंस के किरदार के लिए एक झूठी चोट के ड्रामा में इस्तेमाल किया गया था, उसी में ओवेन हार्ट की लाश को ले जाया गया। इस घटना ने विंस की इमेज एक ऐसे बेरहम इंसान की बना दी जिसे सिर्फ अपने शो और रेटिंग्स की परवाह थी।

WWF से  WWE तक का सफर

 

विंस मैकमैन शिखर पर थे। एटीट्यूड एरा की सफलता ने WWF को अमेरिका का सबसे हॉट एंटरटेनमेंट प्रोडक्ट बना दिया था। दूसरी तरफ, उनके सबसे बड़े दुश्मन, WCW, की सल्तनत बिखर रही थी। New World Order की कहानी बासी और बोरिंग हो चुकी थी। कंपनी के अंदर बड़े-बड़े स्टार्स के बीच पावर को लेकर लड़ाई चल रही थी। WCW की मालिक कंपनी, AOL टाइम वार्नर, रेसलिंग के धंधे में हो रहे करोड़ों के नुकसान से तंग आ चुकी थी। उन्होंने फैसला किया कि अब बहुत हुआ, WCW को बेचा जाएगा।

 

26 मार्च, 2001। यह तारीख रेसलिंग के इतिहास में खास है। उस रात, WWF का शो Raw क्लीवलैंड में हो रहा था और WCW का आखिरी शो नाइट्रो पनामा सिटी में। अचानक, दोनों शो पर एक साथ विंस मैकमैन की शक्ल दिखाई दी। उन्होंने ऐलान किया, ‘WCW अब मेरे हाथों में है। मैंने अपने कॉम्पिटिशन को खरीद लिया है।’ मंडे नाईट वॉर्स खत्म हो चुकी थी। विंस मैकमैन जंग जीत चुके थे।
 
इसके कुछ ही हफ्तों बाद, रेसलिंग की तीसरी बड़ी कंपनी ECW भी दिवालिया हो गई। विंस ने उसके बचे-खुचे हिस्से को भी खरीद लिया। अब अमेरिका के प्रोफेशनल रेसलिंग पर सिर्फ एक आदमी का राज था। विंस ने एक मोनोपोली बना ली थी लेकिन विंस यहीं रुकने वाले नहीं थे। अब उनकी नज़र रेसलिंग से भी आगे थी। वह अपनी कंपनी को सिर्फ एक रेसलिंग प्रमोशन नहीं, बल्कि एक ग्लोबल एंटरटेनमेंट ब्रांड बनाना चाहते थे। इसी सोच के साथ अक्टूबर 1999 में उन्होंने अपनी कंपनी को स्टॉक मार्केट में लिस्ट कर दिया। WWF एक पब्लिक कंपनी बन गई। इस एक कदम से विंस ने करोड़ों डॉलर जुटाए।

 

2002 में, World Wildlife Fund के साथ एक कानूनी लड़ाई के बाद, उन्हें अपनी कंपनी का नाम बदलना पड़ा। वर्ल्ड रेसलिंग फेडरेशन अब World Wrestling Entertainment यानी WWE बन गया। WCW के अंत के बाद अमेरिका में रेसलिंग का अब सिर्फ एक ही पता था - WWE। 2000 के दशक में ही इस कंपनी के सामने एक बड़ा सकंट आया। Attitude Era के सबसे बड़े सितारे, स्टोन कोल्ड और द रॉक कंपनी से दूर जा रहे थे। ऑस्टिन चोटों से परेशान थे और द रॉक हॉलीवुड के सबसे बड़े स्टार बनने की राह पर थे। उनकी जगह कौन लेगा? विंस के पास कोई जवाब नहीं था।

 

बिना किसी कॉम्पिटिशन के WWE का प्रोडक्ट अब बासी और बोरिंग होने लगा था। शो की कहानियां अब रेसलर्स के बारे में कम और खुद मैकमैन परिवार के बारे में ज़्यादा होने लगीं। विंस, उनकी पत्नी लिंडा और बेटी स्टेफनी- अब यही शो के मेन किरदार थे। स्टेफनी की शादी असली ज़िंदगी में रेसलर ट्रिपल एच से हुई। इसे भी कहानी का हिस्सा बनाया गया।
 
इस तमाशे के पीछे, रेसलिंग की दुनिया का अंधेरा और भी गहरा हो रहा था। जून 2007 में, WWE के सबसे काबिल रेसलर्स में से एक, क्रिस बेन्वा (Chris Benoit) ने अपनी पत्नी और सात साल के बेटे की हत्या करने के बाद खुदकुशी कर ली। जांच में पता चला कि सालों तक रिंग में सिर पर लगी चोटों और स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल ने उसके दिमाग को खोखला कर दिया था। बेन्वा की मौत WWE से जुड़ी सबसे बड़ी कांट्रोवर्सीज़ में से एक थी। लिहाजा विंस ने बेन्वा के नाम से पूरी तरह किनारा कर लिया।

डोनाल्ड ट्रंप और WWE

 

WWE दशकों से अमेरिका में एंटरटेनमेंट के सबसे बड़े शोज़ में से एक रहा है और वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी एंटरटेनमेंट की दुनिया से आए हैं। दिलचस्प बात यह कि ट्रंप का रेसलिंग और विंस मैकमैन, दोनों से गहरा नाता रहा है। लैवी मार्गोलिन अपनी किताब ट्रंपमेनिया में लिखते हैं कि मैकमैन और ट्रंप- दोनों को तमाशा, पैसा पसंद था और पावर पसंद थे। दोनों अपने-अपने फील्ड के शोमैन​​ थे। उनकी दोस्ती और पार्टनरशिप दशकों तक चली और इसने रेसलिंग और असल दुनिया, दोनों पर गहरा असर डाला।

 

उनकी कहानी शुरू हुई 80 के दशक के आखिर में जब ट्रंप को अपने नए कसीनो, Trump Plaza के लिए भीड़ खींचनी थी। ट्रंप ने विंस को एक शानदार ऑफर दिया। वह WWF के सबसे बड़े शो, रेसलमेनिया IV, को होस्ट करने के लिए एक मोटी फीस देंगे। ट्रंप को उम्मीद थी कि रेसलिंग देखने आए लोग उनके कसीनो और होटलों में पैसा खर्च करेंगे। नतीजा 1988 में रेसलमेनिया Trump Plaza में पहुंचा।

उस रात शो में कई बड़े सेलिब्रिटी मौजूद थे लेकिन सबकी नज़रें फ्रंट रो में बैठे शो के होस्ट, डोनाल्ड ट्रंप और उनकी पत्नी इवाना ट्रंप पर थीं। उनके बगल में एक और शख्स बैठा था। उसका नाम था रॉबर्ट लिबुटी। लिबुटी उस समय के सबसे बड़े माफिया डॉन, जॉन गोटी का करीबी माना जाता था। बाद में उस पर कसीनो में आने पर बैन भी लगा दिया गया। सालों बाद, जब ट्रंप से लिबुटी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि वह उसे जानते तक नहीं जबकि सच यह था कि लिबुटी ने अपने एक रेस के घोड़े का नाम D.J. Trump रखा था।

 

रेसलमेनिया की उस रात और और दिलचस्प वाक़या हुआ। रेसलर जेक ‘द स्नेक’ रॉबर्ट्स अपने साथ एक बड़ा सा सांप लेकर आते थे। एंट्रेंस के दौरान उन्होंने देखा कि इवाना ट्रंप मैच देखने के बजाय शैंपेन पी रही थीं। जेक को यह अपना अपमान लगा। उन्होंने बदला लेने के लिए जानबूझकर अपना सांप इवाना की तरफ कर दिया। सांप को देखकर इवाना इतना डर गईं कि उनके हाथ से वाइन कपड़ों पर गिर गई। वह घबराकर पीछे भागीं और अपनी सिक्योरिटी से पूछा, 'तुम लोगों ने उस सांप को गोली क्यों नहीं मारी?'

 

यह रात ट्रंप और विंस, दोनों के लिए बेहद कामयाब रही। रेसलमेनिया IV ने खूब पैसा कमाया। ट्रंप को अपनी भीड़ मिल गई और विंस को यह यकीन हो गया कि सेलिब्रिटी और विवाद का कॉकटेल हमेशा हिट होता है। यह पार्टनरशिप इतनी सफल रही कि अगले ही साल, रेसलमेनिया-V भी ट्रंप प्लाजा में ही हुआ।
 
इसी दौर में ट्रंप और WWE से जुड़ा एक और क़िस्सा है, जो ट्रंप के पोलिटिकल राइज़ का शुरुआती संकेत भी है। 80 के दशक में एक रेसलर हुआ करते थे उसका नाम था जेसी 'द बॉडी' वेंचुरा। WWF के सबसे मशहूर विलेन्स में से एक थे। बाद में वह एक कामयाब कमेंटेटर बने। इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। 1998 में जेसी वेंचुरा ने मिनेसोटा के गवर्नर का चुनाव लड़ा। किसी ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया लेकिन सब गलत साबित हुए। जेसी वेंचुरा ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया। वेंचुरा की जीत का राज वही था जो रेसलिंग का होता है - भीड़ को अपनी कहानी पर यकीन दिलाना। उन्होंने खुद को एक आउटसाइडर के तौर पर पेश किया जो सिस्टम से लड़ने आया है।

 

वेंचुरा की इस जीत ने एक आदमी का ध्यान सबसे ज़्यादा खींचा, वह थे डोनाल्ड ट्रंप। ट्रंप यह देखकर हैरान थे कि कैसे एक रेसलर, बिना किसी पॉलिटिकल बैकग्राउंड के अमेरिका के एक बड़े राज्य का गवर्नर बन सकता है। वह इसका राज जानना चाहते थे। ट्ंरमेनिया किताब के मुताबिक, ट्रंप ने वेंचुरा और उनकी टीम के साथ एक लंबी मीटिंग की। उस मीटिंग में वेंचुरा ने अपनी पूरी कैंपेन स्ट्रैटेजी ट्रंप के सामने रखी। उन्होंने बताया कि कैसे मीडिया का इस्तेमाल करना है, कैसे ऐंटी एस्टैब्लिशमेंट का नैरेटिव बनाना है और कैसे पैसों का मैनेजमेंट करना है। यह ट्रंप के खुद के राष्ट्रपति बनने के सपने से कई साल पहले की बात थी। रेसलिंग की दुनिया ने अमेरिकी सियासत को जीतने का एक ब्लूप्रिंट तैयार कर दिया था और डोनल्ड ट्रंप उस क्लास में सबसे ध्यान से सुनने वाले स्टूडेंट थे।

 

विंस मैकमैन भी इस कामयाबी को देख रहे थे। उन्होंने मज़ाक में एक प्रेस रिलीज़ जारी की और कहा कि वह वेंचुरा की जीत का पूरा क्रेडिट लेते हैं, क्योंकि ‘बुलशिट करने की कला’ उन्होंने ही वेंचुरा को सिखाई थी। उधर ट्रंप और विंस की साझेदारी को WWE ने जमकर भुनाया। साल 2007 की बात है। रेसलमेनिया 23 में एक मैच कराया गया - Battle of the Billionaires। ट्रंप और विंस ने अपने-अपने रेसलर रिंग में उतारे। शर्त यह थी कि जो भी हारेगा, वह पूरी दुनिया के सामने अपने बाल मुंडवाएगा, यानी गंजा होगा। यह एंटरटेनमेंट की दुनिया का सबसे बड़ा ड्रामा था। उस रात, ट्रंप के रेसलर बॉबी लैश्ले ने विंस के रेसलर उमागा को हरा दिया और फिर स्टोन कोल्ड की मदद से डोनाल्ड ट्रंप ने लाइव टीवी पर विंस मैकमैन के सिर पर रेज़र चला दिया।

 

2009 में यह ड्रामा और आगे बढ़ा। एक कहानी के तहत, विंस ने अपना Raw डोनाल्ड ट्रंप को 'बेच' दिया। मालिक बनते ही ट्रंप ने ऐलान किया कि वह अगले हफ्ते फैंस को शो मुफ्त में दिखाएंगे और टिकट के पैसे भी वापस करेंगे। इस ऐलान से असली स्टॉक मार्केट में WWE के शेयर्स गिर गए क्योंकि निवेशकों को लगा कि कंपनी सच में बिक गई है। विंस को मजबूरन अगले ही हफ्ते टीवी पर आकर ट्रंप से अपनी कंपनी 'वापस खरीदनी' पड़ी। यह सिर्फ तमाशा नहीं था। यह 'नियोकेफेब' का सबसे बड़ा उदाहरण था। Kayfabe रेसलिंग का वह नियम है जिसके तहत सब कुछ स्क्रिप्टेड होता है। नियोकेफेब इसका अगला कदम है- एक ऐसी दुनिया जहां सच और झूठ इतने घुल-मिल जाएं कि फर्क करना ही नामुमकिन हो जाए। जहां दर्शक यह जानता है कि ये ड्रामा है लेकिन वह फिर भी उस पर यकीन करना चाहता है।


'नियोकेफेब' का एक असर वर्तमान अमेरिकन पॉलिटिक्स पर साफ़ दिखाई देता है। ट्रंप की रैलियां किसी रेसलिंग शो से कम नहीं होतीं। उनके अपने दुश्मनों को दिए गए निकनेम, जैसे crooked Hillary और उनका ड्रामा करने का अंदाज़, सब रेसलिंग के प्रोमो जैसे होते हैं।

 

TrumpMania में लैवी मार्गोलिन लिखते हैं, 'ट्रंप ने शायद विंस से यह सीखा कि भीड़ को कैसे काबू में किया जाता है और कैसे एक तमाशा खड़ा किया जाता है।’ ट्रंप और विंस की दोस्ती का एक और बड़ा सबूत है, विंस की पत्नी- लिंडा मैकमैन का पोलिटिकल कैरियर। लिंडा मैकमैन ने 2015 में ट्रंप के प्रेसिडेंशियल कैम्पेन को करोड़ों डॉलर का चंदा दिया और जब ट्रंप प्रेसिडेंट बने तो उन्होंने लिंडा को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया। ट्रंप के इस कार्यकाल में भी लिंडा, स्टेट सेक्रेटरी ऑफ एजुकेशन के पद पर क़ाबिज़ हैं।

 

कैसे हुआ डाउनफॉल?

 

विंस मैकमैन की कहानी पर वापस लौटें तो 2020 का दशक आते आते वह 70 साल से ऊपर जा चुके थे। WWE अब एक ग्लोबल मीडिया एम्पायर बन चुकी थी। ऐसा लग रहा था कि मैकमैन परिवार की सल्तनत हमेशा कायम रहेगी लेकिन फिर कुछ खुलासे हुए और विंस को WWE को अलविदा कहना पड़ा। कहानी का आखिरी चैप्टर शुरू हुआ #MeToo के दौर में। सालों से दबी हुई आवाजें अब बोलने लगी थीं। 1992 में WWF की पहली महिला रेफरी, रीटा चैटरटन ने विंस पर आरोप लगाया था कि 1986 में विंस ने उनके साथ रेप किया था। उस समय उनकी बात को दबा दिया गया था लेकिन अब माहौल बदल चुका था। रीटा की कहानी फिर से सामने आई।

 

फिर, जून 2022 में The Wall Street Journal ने एक खबर छापी। खबर के मुताबिक, विंस मैकमैन ने अपनी कंपनी की एक पूर्व महिला कर्मचारी को चुप रहने के लिए 3 मिलियन डॉलर (लगभग 24 करोड़ रुपए) दिए थे, जिसके साथ विंस का अफेयर था। इस खबर के बाद आरोपों की झड़ी लग गई। एक के बाद एक कई महिलाओं के मामले सामने आए। पता चला कि विंस ने पिछले कई सालों में लगभग 14.6 मिलियन डॉलर (100 करोड़ रुपए से ज़्यादा) अपनी जेब से देकर कई महिलाओं को चुप कराया था, ताकि उनके साथ हुए यौन शोषण और अफेयर्स की खबरें बाहर न आएं। यह सिर्फ एक सेक्स स्कैंडल नहीं था, यह एक कॉर्पोरेट स्कैंडल भी था। WWE एक पब्लिकली ट्रेडेड कंपनी थी और उसके चेयरमैन और CEO द्वारा किए गए ये खर्चे कंपनी के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थे।

 

WWE के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने एक जांच कमेटी बिठाई। विंस मैकमैन पर अपनी ही कंपनी के CEO और चेयरमैन का पद छोड़ने का दबाव बनाया गया। पहले उन्होंने अस्थायी तौर पर पद छोड़ा लेकिन जब एक के बाद एक नए खुलासे होने लगे, तो उनके पास कोई रास्ता नहीं बचा।

 

22 जुलाई, 2022, विंस मैकमैन ने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, '77 साल की उम्र में अब मेरे लिए रिटायर होने का समय आ गया है।' विंस मैकमैन ने इस्तीफ़ा दे दिया लेकिन कुछ महीने बाद ही, जनवरी 2023 में उन्होंने फिर वापसी कर ली और कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन गए। उसी साल अप्रैल में, उन्होंने WWE को UFC (Ultimate Fighting Championship) की मालिक कंपनी, एंडेंवर के साथ मिला दिया। दोनों को मिलाकर एक नई कंपनी बनी - TKO ग्रुप होल्डिंग्स (TKO Group Holdings) और विंस इस नई कंपनी के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन बन गए। ऐसा लगा कि विंस ने फिर से बाज़ी जीत ली है लेकिन पुराने पाप उनका पीछा नहीं छोड़ रहे थे। 

 

अमेरिकी सरकार की SEC (Securities and Exchange Commission) ने उन पर पैसों की हेराफेरी लिए 1।7 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया। जनवरी 2024 में कंपनी की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने उन पर सेक्स ट्रैफिकिंग और यौन उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए एक मुकदमा दायर किया। इन आरोपों के बाद विंस मैकमैन को TKO से हमेशा के लिए इस्तीफा देना पड़ा। आज, विंस मैकमैन एक फेडरल जांच का सामना कर रहे हैं। आज WWE की कमान विंस के दामाद Triple H के हाथों में है। विंस की बेटी स्टेफनी मैकमैन co-CEO हुआ करती थी लेकिन 2023 में उन्होंने इस पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
  
दिलचस्प बात यह कि विंस मैकमैन का एक बेटा भी है- शेन मैकमैन। 2000 के दशक में वह टीवी पर खूब नजर आते थे और ऊंची-ऊंची जगहों से गिरने का करतब भी करते थे लेकिन जल्द ही शेन को एहसास हुआ कि कंपनी में उनका भविष्य नहीं है जैसा वह चाहते हैं। उन्हें कभी भी क्रिएटिव प्रोसेस (कहानी लिखने) का पूरा कंट्रोल नहीं दिया गया। विंस हमेशा आखिरी फैसला लेते थे। कंपनी पर हमेशा स्टैफनी और उनके पति, Triple H का दबदबा रहा। शेन इस बात से खुश नहीं थे। वह सिर्फ एक ऑन-स्क्रीन किरदार बनकर नहीं रहना चाहते थे। वह कंपनी चलाना चाहते थे। जब उन्हें लगा कि उन्हें वह मौका नहीं मिलेगा, तो उन्होंने 2009 में WWE छोड़ दिया। कई सालों बाद 2016 में शेन ने वापसी की लेकिन नया चैपटर भी ज्यादा नहीं चल पाया। 

 

आखिरी टकराव 2022 के Royal Rumble इवेंट के दौरान हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेन उस साल के रॉयल रंबल मैच के मेन प्रोड्यूसर थे। उन पर आरोप लगा कि उन्होंने पूरी कहानी को अपने इर्द-गिर्द बुक किया, दूसरे रेसलर्स के किरदारों को नज़रअंदाज़ किया और अपने पिता विंस मैकमैन से भी बहस की। विंस इस बात से इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने रॉयल रंबल के तुरंत बाद शेन को कंपनी से "चुपचाप जाने" के लिए कह दिया।

 

इसी के साथ इस कहानी का दी एंड करते हैं। विंस मैकमैन की कहानी एक ऐसे शख्स की कहानी है जिसने कामयाबी के लिए हर नियम तोड़ा, हर हद पार की, इसकी सजा मैकमैन को मिलेगी या नहीं, ये देखना अभी बाकी है लेकिन ये भी सच है कि मैकमैन मॉडर्न एंटरटेन्मेंट इंडस्ट्री पर बड़ा असर डालने वाले नामों में से एक हैं ।