अगर आप क्रिकेट प्रेमी नहीं हैं तो शायद आज से पहले आकिब अली का नाम नहीं सुना होगा। कश्मीर से आने वाला लड़का गेंदबाज़ी करता है 140+ की स्पीड से, इनस्विंग और आउट स्विंग के साथ। कल्पना कीजिए कितना ख़तरनाक होगा। घरेलू क्रिकेट में इस खिलाड़ी के बहुत चर्चे थे, मगर अब मालूम होता है इंटरनेशनल क्रिकेट में यह तूफान आने वाला है। हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? क्योंकि आईपीएल ऑक्शन में कश्मीर के इस स्पीड मीटर को ख़रीदा गया है 8.40 करोड़ रुपये में। दिल्ली कैपिटल्स ने बेस प्राइस 30 लाख से 28 गुना ज़्यादा बोली लगाकर इस खिलाड़ी को अपनी टीम में शामिल कर लिया।
अच्छा बड़ी बात यह कि आकिब को अपनी टीम में शामिल करने के लिए दिल्ली ने बहुत मशक्कत की क्योंकि राजस्थान रॉयल्स ने भी हल्की बोली नहीं लगाई। दोनों फ्रेंचाइजी के बीच मुकाबला कुछ देर तक चला लेकिन राजस्थान रॉयल्स ने जल्द ही हाथ खींच लिए, इसके तुरंत बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु मैदान में उतर आई। RCB ने बोली को 1 करोड़ के पार पहुंचा दिया, इसके बाद हट गए फिर आ गई सनराइजर्स हैदराबाद। दोनों टीमों ने आकिब को अपनी टीम में शामिल करने के लिए कड़ी टक्कर दी और बोली लगातार ऊपर जाती रही। आखिरकार, दिल्ली कैपिटल्स ने 8.40 करोड़ में यह जंग जीत ली। इस तरह आकिब नबी डार जम्मू-कश्मीर के तीसरे तेज गेंदबाज बन गए, जिन्हें आईपीएल में कॉन्ट्रैक्ट मिला है। इससे पहले उमरान मलिक और युद्धवीर सिंह चरक को यह मौका मिल चुका है।
आइए जानते हैं कि आकिब को आईपीएल में इतना महंगा क्यों ख़रीदा गया, कैसे उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया? उनके सामने क्या-क्या चुनौतियां रहीं?
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आकिब को 8.4 करोड़ की रकम मिलने के पीछे बड़ा कारण है- घरेलू क्रिकेट में उनका ज़बरदस्त और लगातार शानदार प्रदर्शन। उन्होंने न सिर्फ तेज गेंदबाजी से विकेट चटकाए, बल्कि मुश्किल समय में अपनी बल्लेबाजी से भी टीम को संभाला। उनकी एग्रेसिव स्पीड, विकेट लेने की क्षमता और समय पर काम आने वाली बल्लेबाजी ने दिल्ली कैपिटल्स को काफी इंप्रेस किया।
चलिए एक-एक करके जानते हैं-
रणजी ट्रॉफी में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन: 2024-25 के रणजी ट्रॉफी सीज़न में आकिब ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 44 विकेट लिए। उस सीज़न में वह देश में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने और किसी भी अन्य तेज़ गेंदबाज ने उनके आस-पास भी प्रदर्शन नहीं किया। 2025-26 रणजी ट्रॉफी सीज़न की शुरुआत भी धमाकेदार रही। वह पहले हाफ में टॉप-फाइव विकेट लेने वालों में शामिल होने वाले एकमात्र तेज़ गेंदबाज थे। उन्होंने 9 पारियों में 29 विकेट लिए, जिसमें तीन बार उन्होंने एक पारी में 5 विकेट लेने का कमाल किया।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में कमाल: टी20 फॉर्मेट में भी आकिब ने जलवा दिखाया। 2025-26 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने 7 मैचों में 15 विकेट चटकाए, वह भी 7.41 के अच्छे इकॉनमी रेट के साथ। बिहार के खिलाफ उन्होंने 4 रन देकर 16 विकेट लिए। मध्य प्रदेश के खिलाफ अपने सबसे हालिया मैच में उन्होंने गेंद और बल्ले दोनों से महत्वपूर्ण प्रदर्शन किया। नंबर 7 पर आकर 21 गेंदों में 32 रन बनाए और फिर 4 ओवर में 19 रन देकर 3 अहम विकेट लिए।
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दलीप ट्रॉफी में इतिहास: 2025 की दलीप ट्रॉफी में उन्होंने एक और बड़ा रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने ईस्ट ज़ोन के खिलाफ 4 गेंदों पर 4 विकेट चटकाए। यह कमाल करने वाले वह इस टूर्नामेंट के इतिहास के पहले खिलाड़ी बने। आकिब नबी अपनी गेंदबाजी को दक्षिण अफ्रीका के महान तेज़ गेंदबाज डेल स्टेन से कंपेयर करते हैं। उन्होंने स्टेन के आउटस्विंगर की आक्रामकता की पूरी नकल की। हालांकि, अब वह जसप्रीत बुमराह को भी पसंद करते हैं, जिन्हें वह एक ऑल-फॉर्मेट गेंदबाज मानते हैं। आकिब का लगातार घातक और प्रभावशाली प्रदर्शन ही मुख्य वजह था कि दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें इतनी बड़ी रकम देकर अपने स्क्वॉड में शामिल किया।
संघर्ष भरा रहा जीवन
आकिब नबी जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले के शरी गांव से ताल्लुक रखते हैं। आकिब के पिता गुलाम नबी डार पेशे से एक स्कूल में हेड मास्टर और अंग्रेजी के शिक्षक हैं। शुरुआत से ही गुलाम नबी डार साहब चाहते थे कि आकिब क्रिकेट की जगह पढ़ाई पर ध्यान दें और एक डॉक्टर बनें जबकि आकिब पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट भी खेलते थे, बचपन में उन्होंने गलियों में टेनिस-बॉल क्रिकेट खेली। जब आकिब ने श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज में एडमिशन लिया, तो उनकी क्रिकेट यात्रा सही मायनों में शुरू हुई। बहुत वक्त तक खेलने के बाद जब उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट में जगह बनाई, तब जाकर उनके पिता ने उन्हें पूरा समर्थन देना शुरू कर दिया और वह आकिब के सबसे बड़े समर्थक बन गए।
आकिब नबी ने अपना पहला रेड-बॉल क्रिकेट मैच 19 साल की उम्र के बाद ही खेला। उन्हें राज्य के ट्रायल्स में जाने का मौका तब मिला, जब वह अपने एक दोस्त के साथ गए थे और वहीं उनका चयन हो गया। आकिब की इस कामयाबी में उनके कज़िन भाई ज़हूर अहमद का बड़ा रोल रहा है- जो ज़हूर ज़ोलो के नाम से मशहूर हैं और कश्मीर के जाने-माने ऑलराउंडर हैं। ज़हूर ज़ोलो कहते हैं, 'परिवार तो चाहता था कि आकिब पढ़ाई करे।' हालांकि, जहूर को आकिब में एक क्रिकेटर नज़र आया। ज़हूर ने बिना घर पर बताए आकिब की क्लासेज़ बंद करवा दी थीं। ज़हूर ही थे जिन्होंने आकिब को अंडर-19 ट्रायल्स के लिए जाने को कहा और पहली बार में ही आकिब का चयन हो गया।
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आकिब के पिता गुलाम नबी डार अंडर-19 सिलेक्शन के समय का एक क़िस्सा शेयर किया, 'टीम सेलेक्ट हो चुकी थी लेकिन आकिब का एक ज़रूरी डॉक्यूमेंट अस्पताल से आना बाकी था। टीम चली गई लेकिन आकिब की सिलेक्शन निकल चुकी थी। शाम 4 बजे उन्हें यह डॉक्यूमेंट मिला और वह चप्पल पहनकर ही भागे और बस पकड़ी।' रात के 3:30 बजे तक उनके पिता और मां परेशान थे कि आकिब कहां तक पहुंचा होगा। वे रात भर आकिब के कोच और ड्राइवर को फोन करते रहे। उस रात के बाद आकिब ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आकिब के पिता अब कहते हैं- आज मुझे अपने बेटे के नाम से पहचाना जाता है, देखो यह आकिब के पापा हैं।
आकिब का डेब्यू और प्रदर्शन
आकिब ने जम्मू-कश्मीर के लिए लिस्ट-A यानी लिमिटेड ओवर क्रिकेट में 2018 विजय हजारे से और रणजी ट्रॉफी में 2020 में डेब्यू किया और अभी 2024-25 रणजी सीजन में 44 विकेट लेकर J&K की तरफ से एक रणजी सीजन में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए, इससे पहले यह रिकॉर्ड परवेज रसूल के नाम था। आकिब नबी की सबसे बड़ी ताकत उनकी स्विंग है, जब गेंद उनके हाथ से निकलती है तो मानो गेंद की सीम बोलते हुए जाती है कि इस पर विकेट है। आकिब नबी जब इस साल दलीप ट्रॉफी का मुकाबला खेल रहे थे, वहीं पर अर्शदीप सिंह और हर्षित राणा भी थे और उसी मैच में आकिब नें 4 गेंदों में 4 विकेट निकाल दिए और मैच की हाईलाइट बन गए।
आकिब नबी ने अभी तक रणजी में 36 मुकाबले खेलें हैं, 19 की बेहतरीन एवरेज के साथ 125 विकेट हैं। आंकड़ें बिना किसी संदेह के शानदार हैं। 5 साल से यह गेंदबाज रणजी मुकाबला खेल रहा है लेकिन जब सिलेक्शन की बारी आती है चाहे INDIA A की टीम में या इंडियन टीम में ये खिलाड़ी दूर दूर तक स्कीम ऑफ थिंग्स में नहीं है। इस गेंदबाज के पास सब कुछ है, लेट स्विंग, सीम मूवमेंट, गति सब कुछ। जिसका फल फिलहाल अब आकिब को मिल गया है।
