देश का अग्रणी उद्योग समूह अदाणी बिहार के इतिहास में अबतक का सबसे बड़ा निवेश करने जा रहा है। यह निवेश भागलपुर जिले में होगा, जिसके अंतर्गत अदाणी समूह पावर प्लांट स्थापित करेगा। पावर प्लांट से बिहार के लोगों को बिजली की सप्लाई की जाएगी। समूह तीन बिलियन डॉलर यानी 25,000 हजार करोड़ रुपये बिहार में कई किश्तों में इनवेस्ट करेगा। इससे राज्य में हजारों नई नौकरियां पैदा होंगी। भागलपुर में स्थापित होने वाले पावर प्लांट के फायदे को कई गिनाए गए हैं, मगर इसके शुरू होने से पहले ही जबरदस्त विवाद पैदा हो गया है।
देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने इस प्रोजेक्ट को लेकर कई सवालिया निशान उठाए हैं। इसको लेकर कांग्रेस ने अदाणी समूह के मालिक गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सांठ-गांठ का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि भागलपुर में जिस जमीन पर पावर प्लांट लगाया जाएगा, वह जमीन अदाणी को कौड़ियों के भाव में दी गई है। यह जमीन सस्ते दाम में पीएम मोदी की वजह से दी गई है। ऐसे में ये जानना जरूरी हो गया है कि आखिर यह पूरा विवाद क्या है? इस पर बिहार से लेकर दिल्ली तक सियासी बवाल क्यों हो गया है? इस स्टोरी में आइए जानते हैं इस पूरे प्रकरण के बारे में...
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अदाणी का प्रोजेक्ट क्या है?
भारत के दूसरे सबसे बड़े उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाला अदाणी पावर बिहार के भागलपुर में 1,050 एकड़ जमीन पर 3 अरब डॉलर की लागत से 2,400 मेगावाट का अल्ट्रा सुपर-क्रिटिकल पावर प्लांट लगाने जा रहा है। अदाणी पावर यह प्लांट बिहार राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड के साथ मिलकर बनाएगा। कंपनी ने शनिवार को 25 साल के पावर सप्लाई एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इससे भागलपुर के पीरपैंती में स्थापित होने वाले प्रोजेक्ट से बिजली की सप्लाई की जाएगी।

यह पावर सप्लाई एग्रीमेंट, अगस्त में उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड और दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की ओर से अदाणी पावर को जारी किए गए लेटर ऑफ अवार्ड के अलावा है। अदाणी पावर ने 6.075 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की सबसे कम सप्लाई रेट की पेशकश के बाद यह प्रोजेक्ट अपने नाम किया है।
अदाणी पावर ने कहा कि वह नए 800 मेगावाट के तीन प्लांट और इसको बनाने में जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए डिजाइन, निर्माण, फाइनेंस, स्वामित्व और संचालन मॉडल के तहत लगभग 3 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश करेग। कंपनी अगले पांच सालों में इस प्लांट को पूरी तरह से चालू करने की योजना पर काम क रही है।
कांग्रेस ने क्या आरोप लगाए हैं?
कांग्रेस ने सोमवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने भागलपुर में पावर प्लांट लगाने के नाम पर अडाणी समूह को गिफ्ट में 1,050 एकड़ जमीन दी है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार दौरे के बीच प्रस्तावित बिजली परियोजना को लेकर सवाल खड़े करते हुए दावा किया कि चुनाव में हार तय देखते हुए अदाणी समूह को 1,050 एकड़ जमीन की सौगात दी गई।
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पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि यह ‘डबल लूट’ है क्योंकि इस सयंत्र से बनने वाली बिजली बिहार के लोगों को 6.75 रुपये प्रति यूनिट बेची जाएगी जबकि दूसरे कुछ राज्यों में तीन-चार रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बेची जा रही है। हालांकि, कांग्रेस के आरोपों पर अदाणी समूह, बिहार सरकार और बीजेपी की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
'एक रुपये में दी जमीन'
कांग्रेस का कहना है कि भागलपुर के पीरपैंती में 10 लाख पेड़, 1,050 एकड़ जमीन ‘राष्ट्र सेठ’ गौतम अदाणी को बिजली संयंत्र लगाने के लिए एक रुपये प्रतिवर्ष पर 33 साल के लिए दे दी गई। पार्टी ने दावा किया कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बिहार दौरे पर थे वहां के ग्रामीणों को नजरबंद कर दिया गया ताकि वे धरना ना दे सकें।
बिहार के लोगों से डबल लूट- कांग्रेस
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'महाराष्ट्र में जब चुनाव हुए तो उससे पहले बिजली संयंत्र परियोजना और धारावी गौतम अदाणी को दे दिया। इसी तरह, झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी चुनाव से पहले परियोजनाएं अदाणी समूह को दी गई।' कांग्रेस नेता ने दावा किया कि जब बीजेपी को लगता है कि वह चुनाव हार जाएगी तो उससे पहले गौतम अदाणी को सौगात दे जाती है। खेड़ा ने यह दावा किया कि बिहार की जमीन पर, बिहार के पैसे से बना हुआ संयंत्र, बिहार के कोयले से बनी हुई बिजली, बिहार के लोगों को ही 6.75 रुपये प्रति यूनिट में बेची जाएगी। कांग्रेस ने कहा कि ‘यह लूट के बाद ‘डबल लूट’ है।'
इस परियोजना के लिए 10 लाख पेड़ काटे जाएंगे। कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी पहले 'एक पेड़ मां के नाम' जैसा अभियान चलाती है और फिर उसी जमीन को सिर्फ 1 रुपये कीमत लगाती है, जिसे किसान अपनी मां समझते हैं। पवन खेड़े ने दावा किया, 'किसानों पर दबाव डाला गया, पेंसिल से जबरन साइन करवाए गए और उनकी जमीन ले ली गई। फिर उसी प्लांट से पैदा हुई बिजली बिहार के लोगों को 6.75 प्रति यूनिट के हिसाब से बेची जाएगी, जबकि महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में यह रेट 3 से 4 रुपये है।'
कुल मिलाकर अदाणी पावर की ये परियोजना शुरू होने से पहले ही विवादों में घिर गई है। अब देखना है कि अदाणी समूह कांग्रेस के आरोपों पर किस तरह से जवाब देता है।
