आरजेडी नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंगलवार (16 सितंबर) से राज्य में 'बिहार अधिकार यात्रा' निकालने जा रहे हैं। यह यात्रा कांग्रेस नेता राहुल गांधी की वोटर अधिकारी यात्रा के 15 दिनों बाद होने जा रही है। जहां राहुल ने अपनी यात्रा के दौरान बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) और वोट चोरी को मुद्दा बनाया तो वहीं, तेजस्वी यादव इसके उलट अपनी यात्रा में युवाओं और बेरोजगारी की बात करेंगे। इस यात्रा में तेजस्वी जनता से सीधे जुड़ेंगे और उनसे संवाद करेंगे।
तेजस्वी यादव की बिहार अधिकार यात्रा 16 सितंबर से जहानाबाद से शुरू होगी और 20 सितंबर को वैशाली में खत्म होगी। तेजस्वी अपनी 5 दिनों की यात्रा में 10 जिलों को कवर करेंगे। वह इस दौरान दसों जिलों में दर्जनों विधानसभा क्षेत्रों में जनता से संवाद करेंगे।
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सभी तैयारियां पूरी
आरजेडी ने यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां कर ली हैं। यात्रा को लेकर पार्टी ने एक गाना भी रिलीज किया है, जिसे खुद तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। इस यात्रा में तेजस्वी बिहार के मुख्य मुद्दों बेरोजगारी, पलायन, उद्योग स्थापित करने पर जोर देंगे।
तेजस्वी ने क्या कहा?
तेजस्वी ने एक्स पर यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए लिखा, 'नया बिहार बनाने के संकल्प के साथ कल से बिहार अधिकार यात्रा की शुरुआत होगी। बिहार में उद्योग-धंधे स्थापित करने, नए अवसर प्रदान करने व स्थायी नौकरी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था, चहुमुखी विकास और रोजगार सुनिश्चित करने के अधिकार की यात्रा है। आइए नई सोच, नई दृष्टि और नए विज़न के साथ हम सब मिलकर एक नया और विकसित बिहार बनायें।'
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किन जिलों से जाएगी यात्रा?
बिहार अधिकार यात्रा का आगाज जहानाबाद से होगा। जहानाबाद के बाद तेजस्वी यादव नालंदा, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, समस्तीपुर के रास्ते वैशाली तक का सफर तय करेंगे। यात्रा के दौरान तेजस्वी सीएम नीतीश कुमार के गढ़ नालंदा से भी होकर गुजरेंगे। यात्रा के रास्ते में बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रय मंत्री गिरिराज सिंह के गढ़ बेगूसराय और पप्पू यादव के मधेपुरा और सुपौल में भी जाएंगे।
बता दें कि तेजस्वी यादव उन जिलों में यात्रा निकालेंगे जहां आरजेडी कमजोर मानी जाती है। जिन जिलों से होकर तेजस्वी गुजरेंगे, इन इलाकों में जेडीयू-बीजेपी मजबूत रही हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि तेजस्वी बिहार अधिकार यात्रा के जरिए अपने कमजोर माने जाने वाले इलाकों में उपस्थिति दर्ज कराकर आरजेडी के पक्ष में सियासी माहौल बनाएंगे।