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बिहार में 15 विधायकों का टिकट काट सकती है BJP, वजह जान लीजिए

बिहार चुनाव में उम्मीदवारों का नाम तय करने में लगी बीजेपी अपने कई मौजूदा विधायकों का टिकट काटने का भी मन बना रही है। ऐसे विधायकों की संख्या 15 तक जा सकती है।

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बिहार बीजेपी के नेता, Photo Credit: BJP

संजय सिंह, पटना: बिहार में इस बार के विधानसभा चुनाव में दोनो गठबंधनों के बीच मुकाबला कांटे का होने की संभावना है। यही कारण है कि प्रत्याशियों के चयन और सीटों के बंटवारे को लेकर फूंक-फूंककर कदम रखा जा रहा है। सबसे ज्यादा सक्रियता सत्ताधारी नेशनल डेमोक्रैटिक अलायंस (एनडीए) में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दिखा रही है। बीजेपी उम्र बढ़ने के चलते और अन्य कारणों से अपने क्षेत्र में निष्क्रिय रहे विधायकों का टिकट काटने पर भी विचार कर रही है। लगभग 15 विधायक ऐसे हैं जिनके टिकट काटे जा सकते हैं।

 

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी स्ट्रैटजी के संदर्भ में बता चुके हैं। अब पार्टी के कार्यकर्ता और नेता अमित शाह के आगमन का इंतजार कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय दौरा 18 और 27 सितंबर को पटना में रखा गया है। इन दौरों पर पार्टी प्रत्याशियों की स्क्रीनिंग होगी। अधिक उम्र वाले प्रत्याशियों का टिकट कट सकता है। उनकी जगह नए चेहरे को मौका मिल सकता है। कुछ ऐसे भी ऐसे विधायक थे, जो अपने कार्यकाल में निष्क्रिय बने रहे। अब उन्हें अपनी निष्क्रियता का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। 

 

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किन विधायकों का कटेगा टिकट?

 

इधर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना के दौरे पर आए थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं और नेताओं को बताया कि समय बहुत कम है और काम बहुत ज्यादा है। पार्टी के कार्यकर्ता और नेता को कोशिश करनी चाहिए कि हर मतदाता से उनका व्यक्तिगत संपर्क हो। ज्यादा से ज्यादा वोटरों को सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया जाना चाहिए। बताया जाता है कि पार्टी में कई विधायक ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है। अधिक उम्र होने के कारण उनकी राजनीतिक सक्रियता भी घटती जा रही है। पार्टी ने कुछ ऐसे विधायकों को भी चिह्नित किया है जो अपने कार्यकाल में निष्क्रिय बने रहे। 

 

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2020 के चुनाव में 6 सीटें ऐसी थी जहां हार-जीत का अंतर बहुत कम था। इधर 11 हजार से अधिक वोटों से पराजित होने वाले प्रत्याशियों की संख्या 13 है। चर्चा है कि ऐसे प्रत्याशियों का चेहरा भी बदला जा सकता है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि हर विधानसभा क्षेत्र से पांच से सात संभावित प्रत्याशी चुने जाएंगे। अंतिम निर्णय दिल्ली में होगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पटना आकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से पार्टी प्रत्याशियों का फीडबैक ले चुके हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि कार्यकर्ताओं के साथ-साथ सांसद और विधायकों को भी अपने क्षेत्र में सक्रियता बढ़ानी चाहिए। विधानसभा का कोई घर छूटे नहीं, हर घर तक पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे। 

कार्यकर्ताओं को संदेश

 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष संतोष ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर तक सक्रिय होने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि कोई चुनाव कार्यकर्ता के दम पर ही जीता जा सकता है। बीजेपी सूत्रों का कहना है कि गृह मंत्री अमित शाह का दो दिवसीय पटना दौरा कई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान एनडीए के सीट शेयरिंग का मामला भी सुलझेगा। शाह 18 और 27 सितंबर को पटना में क्षेत्रीय बैठक करेंगे। बैठक दो चरणों में होगी। पहले चरण में शाहाबाद, मगध और पटना जोन के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा होगी।

 

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दूसरे चरण में 27 सितंबर को कोसी, सीमांचल, सारण, चंपारण और मिथिला जोन के प्रत्याशियों की चर्चा होगी। चर्चा के दौरान दावेदारों के लोकप्रियता पर भी नजर रखी जाएगी। बीजेपी के लिए एक और जो बड़ी समस्या है वह यह है कि दूसरे दल के नेताओं को टिकट के फार्मूले में कैसे एडजस्ट किया जाय। कई जगहों पर बीजेपी के साथ साथ जेडीयू नेता भी टिकट के दावेदार हैं। ऐसी स्थिति में भितर घात की समस्या भी अधिक होगी।

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