डीएलएफ ग्रुप एक बार फिर से विवादों में आ गया है। डीएलएफ के ऊपर हरियाणा के गुरुग्राम के डीएलएफ फेज 5 में अरावली के पहाड़ों पर 40 एकड़ जमीन पर लगभग 2,000 पेड़ों की कटाई करने का आरोप है। इसको लेकर बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। पेड़ों की कटाई रियल एस्टेट प्रोजेक्ट विकसित करने के लिए की जा रही है।
गुरुग्राम के निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ता डीएलएफ ग्रुप पर आरोप लगा रहे हैं कि बिल्डर 'अरावली को नष्ट कर रहा है'। आम लोग और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने डीएलएफ ग्रुप के द्वारा की जा रही पेड़ों की कटाई को फौरन रोकने के लिए विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही इस कदम को लेकर आधिकारिक याचिकाएं डालनी शुरू कर दी हैं।
यह भी पढ़ें: हरियाणा में नए DGP पर मंथन, रेस में कौन-कौन अधिकारी शामिल?
राजनीतिक मुद्दा बना अरावली में पेड़ों की कटाई
इतनी भारी मात्रा में पेड़ों की कटाई होने की वजह से अब यह मुद्दा राजनीतिक भी हो गया है। पेड़ों की कटाई को लेकर कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण बनाम विकास या फिर विनाश? तय हम सब को करना है। विश्व की पुरानी पहाड़ियों में से एक अरावली ने भारत को रेगिस्तान होने से बचाया है। NCR और मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाली अरावली पहाड़ी को अवैध खनन, अतिक्रमण, संसाधनों की लूट, शोषण ने तबाह कर दिया है। अरावली के कई पहाड़ गायब हो गए है, नदियां मृत हो गई है, भूजल की समाप्ति हो गई है।
सुरजेवाला का डबल इंजन सरकार पर हमला
सुरजेवाला ने आगे कहा कि बीजेपी की डबल इंजन की सरकारों ने खनन और पेड़ काटकर अरावली को एक 'लुप्त पर्वत' की संज्ञा दे दी है। जो पहाड़ दूसरों को ऑक्सीजन देता रहा है वो अब खुद ऑक्सीजन की तलाश में है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सुरजेवाला ने अंग्रेजी अखबार द ट्रिब्यून में छपी एक खबर शेयर करते हुए कहा है कि पेड़ों की इस कटाई को लेकर बड़ी चिंता यह है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी, हरियाणा के फारेस्ट डिपार्टमेंट और पर्यावरण विभाग ने आंखें मूंद ली हैं।
यह भी पढ़ें: पूर्व MLA का पोता, नई दुल्हन समेत राजस्थान के 11 लोगों की मौत
एनजीटी से संज्ञान लेने की मांग
उन्होंने राष्ट्रीय हरित प्रधिकरण को टैग करते हुए सवाल पूछा है कि एनजीटी इस मामले में कब संज्ञान लेगा और कब सैनी सरकार और डीएलएफ से जवाब मांगेगा? दरअसल, द ट्रिब्यून में छपी खबर में बताया गया है कि अरावली के जंगलों को नष्ट किया जा रहा है। डीएलएफ के इस प्रोजेक्ट से अरावली क्षेत्र में रहने वाले लोगों में गुस्सा है।
वन मंत्री के घर प्रदर्शन हुआ
बता दें कि अरावली बचाओ नागरिक आंदोलन के प्रतिनिधियों ने हरियाणा के वन मंत्री राव नरबीर के घर के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। हालांकि, प्रदर्शन के दौरान मंत्री घर पर मौजूद नहीं थे लेकिन उनके कर्मचारियों ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि सप्ताहांत तक मामले में कार्रवाई की जाएगी। आम नागरिकों ने मुख्यमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को भी पत्र लिखा है।
इसके अलावा अरावली के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन जुटाने के लिए एक ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है।