कांग्रेस आरोप लगाती है कि बीजेपी और चुनाव आयोग ने मिलकर 'वोट चोरी' की लेकिन अब उस पर ही ऐसे आरोप लग रहे हैं। मामला कर्नाटक से सामने आया है, जहां एक विधानसभा सीट पर हाई कोर्ट ने वोटों की दोबारा गिनती करवाने का आदेश दिया है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान मालुर सीट का चुनाव रद्द कर दिया है। यहां से कांग्रेस के वाई नानजेगौड़ा ने चुनाव जीता था। अब अदालत ने काउंटिंग में अनियमितता को लेकर वोटों की दोबारा गिनती करने का आदेश दिया है।


हाई कोर्ट का यह फैसला बीजेपी उम्मीदवार केएस मंजूनाथ की अर्जी पर सुनाया है। उन्होंने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। लगभग दो साल तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने मंजूनाथ के हक में फैसला सुनाया है।

 

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क्या है पूरा मामला?

2023 में कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुआ था। कर्नाटक की मालुर विधानसभा सीट पर 2023 में अब तक का सबसे कड़ा मुकाबला देखने को मिला था।


2023 में मालुर सीट पर कांग्रेस के केवाई नानजेगौड़ा को 50,955 और बीजेपी के केएस मंजूनाथ गौड़ा को 50,707 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार हूडी विजयकुमार रहे थे, जिन्हें 49,362 वोट मिले थे। 


यह चुनाव कांग्रेस के केवाई नानजेगौड़ा मात्र 248 वोटों से जीता था। कर्नाटक की 224 सीटों में से मालुर चौथी सीट थी, जहां हार-जीत का इतना कम अंतर था।

 

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बीजेपी उम्मीदवार ने हाई कोर्ट में दी थी चुनौती

वोटों की गिनती के दौरान कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी के उम्मीदवार आगे चल रहे थे। हालांकि, जब नतीजे आए तो कांग्रेस उम्मीदवार नानजेगौड़ा की जीत हुई।


उस वक्त बीजेपी उम्मीदवार मंजूनाथ ने दावा किया था कि उन्हें चुनाव अधिकारियों ने फोन कर बताया था कि वह चुनाव जीत गए हैं लेकिन बाद में यह घोषणा की गई कि कांग्रेस उम्मीदवार 248 वोटों से जीत गए हैं।


इसके बाद मंजूनाथ ने चुनावी नतीजों का कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने वोटों की दोबारा गिनती करने की मांग की थी। उनका दावा था कि इस चुनाव में वह जीते हैं।

 

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हाई कोर्ट ने क्या फैसला दिया?

मंजूनाथ की याचिका पर दो साल से भी ज्यादा लंबे समय तक सुनवाई चली। मंगलवार को हाई कोर्ट ने उनके हक में फैसला सुनाया और चुनाव रद्द करने का आदेश दिया।


हाई कोर्ट ने मालुर से कांग्रेस विधायक वाई नानजेगौड़ा के चुनाव को रद्द कर दिया। कोर्ट ने चुनाव आयोग को 4 हफ्तों के भीतर वोटों की दोबारा गिनती करने और नए सिरे से नतीजे घोषित करने का आदेश दिया है।


हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने नानजेगौड़ा की अर्जी पर अपने आदेश को 30 दिन तक स्थगित कर दिया, ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकें। अब अगर नानजेगौड़ो को सुप्रीम कोर्ट से भी झटका लगता है तो मालुर सीट पर वोटों की दोबारा गिनती की जाएगी।

 

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बीजेपी ने लगाया वोट चोरी का आरोप

हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर वोट चोरी का आरोप लगाया है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अशोक ने X पर लिखा, 'कांग्रेस = वोट चोरी माफिया। बल्लारी से मालुर तक, एक ही तरीका जो कभी नहीं बदलता – बूथ धांधली, वोट चुराना, लोकतंत्र की हत्या।'

 


उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी लोकतंत्र बचाओ का नाटक करते हैं, जबकि कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार वोट चोरी माफिया चलाते हैं। हाई कोर्ट ने अब उनके मालुर विधायक की चोरी से की गई जीत पर रोक लगा दी है। कांग्रेस का नैतिकता का मुखौटा तार-तार हो चुका है। कर्नाटक जल्द ही इस माफिया को बाहर का रास्ता दिखाएगा।'