कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने गुरुवार को अपने सदस्यों के लिए तीन नई सुविधाएं शुरू कीं। इन सुधारों का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और सेवाओं को और तेज़ करना है। इनमें 'पासबुक लाइट' सुविधा, 'एनेक्सचर K' तक ऑनलाइन ऐक्सेस और क्लेम के निपटारे की प्रक्रिया को तेज़ करना शामिल है।
अब तक, ईपीएफओ सदस्यों को अपने भविष्य निधि (पीएफ) के योगदान, निकासी या बैलेंस की जानकारी के लिए अलग पासबुक पोर्टल पर लॉगिन करना पड़ता था। इस दोहरे लॉगिन सिस्टम से अक्सर देरी और परेशानी होती थी। लेकिन नई 'पासबुक लाइट' सुविधा के तहत, सदस्य अब बिना अलग पोर्टल पर जाए, आसानी से अपने पीएफ खाते की जानकारी, कॉन्ट्रीब्यूशन, निकासी और बैलेंस की डीटेल देख सकते हैं।
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हालांकि, अगर सदस्य को अपने खाते की विस्तृत जानकारी या ग्राफिकल डिस्प्ले चाहिए, तो वे मौजूदा पासबुक पोर्टल का उपयोग कर सकते हैं। केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा, 'इन सुधारों का उद्देश्य एक ही लॉगिन से सभी मुख्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। इससे शिकायतें कम होंगी, पारदर्शिता बढ़ेगी और सदस्यों का संतुष्टि स्तर सुधरेगा।'
क्या है एनेक्सचर ‘के’
ईपीएफओ ने 'एनेक्सचर के' (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) को ऑनलाइन उपलब्ध कराने की सुविधा शुरू की है। पहले, जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता था, तो उसका पीएफ खाता नए नियोक्ता के पीएफ कार्यालय में फॉर्म 13 के ज़रिए ट्रांसफर होता था। लेकिन एनेक्सचर के केवल पीएफ कार्यालयों के बीच साझा किया जाता था और इसे सदस्यों को केवल अनुरोध पर मिलता था।
अब, सदस्य ईपीएफओ के मेंबर पोर्टल से 'एनेक्सचर के' को पीडीएफ फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं। इससे वे अपने पीएफ ट्रांसफर की जांच कर सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका बैलेंस और सेवा अवधि नए खाते में सही तरीके से अपडेट हुई है।
दावों का निपटारा अब होगा तेज़
ईपीएफओ के सदस्यों की सबसे बड़ी शिकायत थी कि क्लेम का निपटारा धीमा होता है। इस समस्या को हल करने के लिए, ईपीएफओ ने दावों की मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाया है। पहले वरिष्ठ अधिकारियों के पास मौजूद कुछ अधिकार अब सहायक पीएफ आयुक्तों और अधीनस्थ कर्मचारियों को दिए गए हैं।
इस सुधार से पीएफ ट्रांसफर, निपटारा, एडवॉन्स, रिफंड, चेक/ईसीएस/एनईएफटी रिटर्न और ब्याज समायोजन जैसे दावों का निपटारा तेज़ी से होगा। इसके फायदे इस प्रकार हैं:
- दावों का निपटारा जल्दी होगा और प्रक्रिया में समय कम लगेगा।
- मंजूरी की प्रक्रिया आसान होगी।
- फील्ड ऑफिस में जवाबदेही बढ़ेगी।
- तेज़ और सुगम सेवाओं से पारदर्शिता और सदस्यों की संतुष्टि में सुधार होगा।
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ये सुधार ईपीएफओ के लाखों सदस्यों के लिए बड़ी राहत लेकर आएंगे और उनकी सुविधा को और बेहतर बनाएंगे।