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रोटी-कपड़ा और मकान, तीनों सस्ते; नए वाले GST से क्या बदलेगा?

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के लागू होने के 8 साल बाद इसमें बहुत बड़ा बदलाव हुआ है। अब स्लैब को 4 से घटाकर 2 कर दिया गया है। कई सारी चीजों पर टैक्स पूरी तरह खत्म हो गया है। ऐसे में जानते हैं कि इन बदलावों से क्या सस्ता होगा और क्या महंगा?

gst reforms

प्रतीकात्मक तस्वीर। (Photo Credit: AI Generated Image)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को GST को लेकर जो ऐलान किया था, उसे GST काउंसिल की मीटिंग में मंजूरी मिल गई। बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई GST काउंसिल की मीटिंग में बदलावों को मंजूरी दे दी गई। अब GST में 4 की जगह सिर्फ 2 स्लैब ही होंगी। इसके अलावा एक और स्लैब 40% का होगा, जो लग्जरी आइटम्स और तंबाकू-सिगरेट जैसी चीजों पर लगेगा। 


GST में पहले 5%, 12%, 18% और 28% की स्लैब थे। अब इनकी जगह सिर्फ 5% और 18% की स्लैब ही होगी। GST की यह नई दरें 22 सितंबर यानी नवरात्रि के पहले दिन से लागू होंगी।


अब बहुत सारी रोजमर्रा की चीजों पर GST को घटाकर 0 कर दिया गया है। बहुत सारी ऐसी चीजें, जिन पर अब तक 12% और 18% टैक्स लगता था, उसे अब घटाकर 5% कर दिया गया है। वहीं, कई चीजें जो अब तक 28% GST के दायरे में आती थीं, उन्हें अब 18% के दायरे में लाया गया है।


GST में 8 साल बाद इतना बड़ा बदलाव हुआ है। GST को 1 जुलाई 2017 को लागू किया था। राज्यों का कहना है कि GST में बदलाव से उनके रेवेन्यू का नुकसान होगा। हालांकि, केंद्र का तर्क है कि चीजें सस्ती होने से खपत बढ़ेगी और आने वाले समय में नुकसान की भरपाई हो जाएगी। 

 

GST में बदलाव से क्या बदलेगा?

  • खाने-पीने का सामान

दूध, छेना, पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, सादी चपाती या रोटी पर टैक्स 5% से घटाकर 0 कर दिया गया है। पराठे पर भी अब कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि अब तक इस पर 18% टैक्स लगता था। 


मक्खन और घी से लेकर सूखे मेवे, कंडेंस्ड दूध, पनीर, अंजीर, खजूर, एवोकाडो, खट्टे फल, सॉसेज और मांस, चीनी से बनी कन्फेशनरी, जैम और फलों की जेली, नारियल पानी, नमकीन, 20 लीटर की बोतल में पैक पानी, फलों का गूदा या रस, दूध, आइसक्रीम, पेस्ट्री और बिस्कुट, कॉर्न फ्लेक्स और अनाज युक्त पेय पदार्थ और चीनी से बनी मिठाइयों पर टैक्स की दर मौजूदा 12% या 18% से घटाकर 5% की जाएगी।


रबड़, मानचित्र, पेंसिल, शार्पनर और अभ्यास पुस्तिकाओं पर 5% की जगह अब कोई टैक्स नहीं लगेगा। दूध की बोतलें, रसोई के बर्तन, छाते, बर्तन, साइकिल, बांस के फर्नीचर और कंघी जैसी रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों पर अब 12% की बजा 5% टैक्स ही लगेगा। शैम्पू, टैल्कम पाउडर, टूथपेस्ट, टूथब्रश, फेस पाउडर, साबुन और हेयर ऑयल पर भी GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है।

  • खेती-किसानी से जुड़ा सामान

GST काउंसिल ने बैठक में खेती-किसानी और डेयरी प्रोडक्ट्स पर लगने वाले टैक्स में भी छूट को मंजूरी दी है। 


कई कृषि उपकरणों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इनमें 15 हॉर्स पावर तक की क्षमता वाले डीजल इंजन, हैंड पंप, ड्रिप सिंचाई उपकरण और स्प्रिंकलर के लिए नोजल, मिट्टी तैयार करने के लिए कृषि और बागवानी मशीनरी, कटाई और थ्रेसिंग मशीनरी, कंपोस्टिंग मशीन और ट्रैक्टर (1800 सीसी से ज्यादा इंजन क्षमता वाले सेमी-ट्रेलर के लिए ट्रैक्टर को छोड़कर) शामिल हैं।


सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड और अमोनिया सहित प्रमुख उर्वरक कच्चे माल पर GST 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। नीम-आधारित कीटनाशक सहित कई जैव कीटनाशकों पर अब GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया है।


ट्रैक्टर के पिछले टायर और ट्यूब, ट्रैक्टरों के लिए 250 सीसी से ज्यादा सिलेंडर क्षमता वाले कृषि डीजल इंजन, ट्रैक्टर के लिए हाइड्रोलिक पंप और अलग-अलग ट्रैक्टर कलपुर्जों पर GST को 18% से घटाकर 5% कर दिया है।

 

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  • टीवी-वॉशिंग मशीन से कार-बाइक तक सस्ती

काउंसिल ने 350 सीसी तक की मोटरसाइकिलें और एयर कंडीशनर, डिशवॉशर और टीवी जैसी चीजों पर भी टैक्स को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है।


इसके साथ 1,200 सीसी इंजन से कम और 4,000 मिमी से कम लंबाई वाली पेट्रोल, LPG और CNG गाड़ियों और 1,500 सीसी और 4,000 मिमी तक लंबाई वाली डीजल गाड़ियों पर टैक्स की दर मौजूदा 28% से घटकर 18% हो जाएगी।


इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर पहले की ही तरह 5% GST लगेगा। सीमेंट पर भी GST को 28% से घटाकर 18% कर दिया है। इससे घर बनाना सस्ता हो जाएगा। 

  • दवाइयों और बीमा पर भी घटाया GST

सरकार ने दवाइयों और बीमा पर भी लगने वाले GST को घटा दिया है। 33 जीवन रक्षक दवाओं पर GST 12% से घटाकर 0% कर दिया गया है। वहीं, कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली 3 दवाओं पर टैक्स घटकर 5% से घटकर 0% हो गया है। जबकि, बाकी सभी दवाओं पर GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है।


इसके अलावा, GST काउंसिल ने इंश्योरेंस पॉलिसी पर लगने वाले GST को खत्म कर दिया गया है। GST काउंसिल ने लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम के भुगतान पर GST को हटाने का फैसला किया है। इससे लोगों के लिए बीमा पॉलिसी लेना सस्ता हो जाएगा।

  • कपड़े और जूतों पर भी घटाया टैक्स

GST काउंसिल ने 2,500 रुपये से कम कीमत वाले कपड़ों और जूतों पर भी टैक्स को घटा दिया है। 2,500 रुपये से कम कीमत वाले कपड़ों पर GST 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। हालांकि, इससे ज्यादा की कीमत वाले कपड़ों पर अब 12% की जगह 18% GST लगेगा।


इसी तरह 2,500 रुपये से कम कीमत वाले जूतों पर भी टैक्स को 12% से घटाकर 5% कर दिया है। इससे ज्यादा महंगे जूतों पर अब 12% की बजाय 18% GST लिया जाएगा।

 

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  • लग्जरी चीजें होंगी महंगी

महंगी गाड़ियां और लग्जरी आइटम्स महंगे हो जाएंगे। 1,200 सीसी से ज्यादा और 4,000 मिमी से ज्यादा लंबी सभी गाड़ियों, 350 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली मोटरसाइकिल और प्राइवेट जेट और रेसिंग कारों पर 40% टैक्स लगेगा।


कोल्ड ड्रिंक्स और नॉन-अल्कोहोलिक ड्रिंक्स भी अब महंगे हो जाएंगे। GST काउंसिल ने कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर मौजूदा 28% टैक्स को बढ़ाकर 40% कर दिया है। फलों के रस वाली कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर भी अब 28% की जगह 40% GST लगेगा।


नॉन-अल्कोहोलिक ड्रिंक्स भी GST 18% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है। ज्यादा चीनी या मीठी ड्रिंक्स पर भी 28% की जगह अब 40% टैक्स लगेगा।


रेस क्लब, पट्टा या किराये की सेवाओं और कसीनो, जुआ, घुड़दौड़, लॉटरी और ऑनलाइन मनी गेमिंग पर भी 40% GST लगाया जाएगा।

 

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48,000 करोड़ का घाटा लेकिन जल्द होगी भरपाई

GST में बदलाव से घाटा भी होगा। बहुत सारी चीजों पर टैक्स घटा दिया गया या खत्म कर दिया गया है। रेवेन्यू सेक्रेटरी अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि GST की स्लैब में बदलाव से 48 हजार करोड़ रुपये का घाटा होने का अनुमान है।


हालांकि, माना जा रहा है कि चीजें सस्ती होने से खपत बढ़ेगी। भारत की अर्थव्यवस्था खपत पर बहुत ज्यादा निर्भर है। 2024-25 में निजी खपत के बाजार का GST में 61.4% का योगदान रहा था।


सरकार ने GST में यह बदलाव ऐसे वक्त किया है, जब अमेरिका ने भारतीय इम्पोर्ट पर 50% टैरिफ बढ़ा दिया है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि GST सुधारों के लागू होने के दूसरे साल तक GDP में 0.5% की ज्यादा बढ़ोतरी हो सकती है, जिससे अमेरिकी टैरिफ बेअसर हो जाएगा।


वहीं, GST में बदलाव से राज्यों को भी घाटा होगा। क्योंकि राज्यों को GST में हिस्सेदारी मिलती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि राज्यों को होने वाले घाटे की भरपाई के लिए बीड़ी-सिगरेट, पान मसाला, गुटखा और तंबाकू पर 28% GST के साथ-साथ कंपन्सेशन सेस लागू रहेगा।

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