टैरिफ को लेकर जब भारत और अमेरिका के बीच तनाव है, तब यूरोपियन यूनियन ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और भी मजबूत करने के लिए एक नए 'रणनीतिक एजेंडा' का ऐलान किया है। इसमें कारोबार और तकनीक से लेकर डिफेंस, सिक्योरिटी, कम्युनिकेशन और क्लाइमेट चेंज जैसे कई सेक्टर शामिल हैं।
इसका ऐलान करते हुए यूरोपियन कमिशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि 'यह साझेदारी साझा हितों और मूल्यों पर आधारित है और इसे अब दोगुना करने का समय आ गया है। अपनी नई यूरोपियन यूनियन-इंडिया रणनीति के साथ हम अफने संबंधों को अगले स्तर पर ले जा रहे हैं।'
हालांकि, यूरोपियन कमिशन की वाइस प्रेसिडेंट कजा कैलास ने बताया कि कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं, जो करीबी रिश्तों में रुकावट बन रहे हैं। इनमें भारत का रूस से तेल खरीदना और उसके साथ सैन्य अभ्यास में लेना शामिल है।
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इस साल तक हो जाएगा FTA
भारत और यूरोपियन यूनियन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर भी बात चल रही है। हाल ही में दोनों के बीच दिल्ली में 13वें दौर की बातचीत भी हुई थी।
वॉन डेर लेयेन ने यह भी कहा कि यूरोपियन यूनियन और भारत के बीच इस साल के आखिर तक FTA हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यूरोप पहले से ही भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है, व्यापार के लिए खुला है और भारत के साथ साझा भविष्य में निवेश करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'भारत के साथ FTA दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा समझौता होगा।'
उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई दी और अगली भारत-EU समिट के लिए भारत आने की इच्छा जताई।
पीएम मोदी ने भी उनका धन्यवाद किया। उन्होंने कहा, 'आज अपनाए गए नए इंडिया-EU एजेंडा के बारे में जानकर मुझे खुशी हुई। भारत-EU संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने के लिए तैयार है। यह हमारी साझा प्रतिबद्धता, साझा लक्ष्य और साझा जिम्मेदारी है। हम यूक्रेन संघर्ष के जल्द से जल्द और शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं।'
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने अगले साल भारत में होने वाली भारत-EU समिट में आने का एक बार फिर न्योता दिया।
क्या है इस नए रणनीतिक एजेंडा में?
इस साल फरवरी में यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने भारत का दौरा किया था। इसके कुछ महीनों बाद भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए नए रणनीतिक एजेंडा का ऐलान किया है। इसमें उन 5 अहम क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है, जो भारत और EU के बीच संबंधों को और मजबूत किया जा सकता है।
सबसे पहला तो भारत और EU के बीच FTA का मुद्दा ही है। इससे दोनों के बीच कारोबार बढ़ेगा। FTA को लेकर दोनों के बीच कई सालों से बात चल रही है।
इसके अलावा, तकनीक और डिजिटल सहयोग में भी भागीदारी बढ़ाने की बात है। समुद्री सुरक्षा, साइबर सिक्योरिटी और काउंटर-टेररिज्म जैसे मुद्दों पर भी दोनों के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा।
इस एजेंडे में इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (IMEC) का भी जिक्र है। यह कॉरिडोर भारत, मिडिल ईस्ट और यूरोप के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। इनके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा भी इसमें शामिल है।