पिछले एक दशक में भारत से मोबाइल फोन का निर्यात 127 गुना बढ़ गया है। संसद के मॉनसून सत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में यह जानकारी दी है। संसद में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत से मोबाइल का निर्यात साल 2014-15 में 1500 करोड़ रुपये का था और पिछले एक दशक यानी 2014-15 से 2024-25 के बीच यह निर्यात 2 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। मंत्री ने संसद को बताया कि भारत ने मोबाइल फोन निर्यात मे 127 गुना बढ़ोतरी की है।
केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने जवाब में कहा, 'लार्ज स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने पहले ही 12,390 करोड़ रुपये की कम्युलेटिव इनवेस्टमेंट को आकर्षित किया है, जिससे 4,65,809 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ 8,44,752 करोड़ रुपये का कम्युलेटिव प्रोडक्शन हुआ है। इस योजना से जून 2025 तक 1,30,330 नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। '
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क्या है PLI स्कीम?
बता दें कि प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम फॉर लार्ज स्केल इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग भारत सरकार की एक योजना है। इस योजना का मकसद इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है। यह योजना बड़े पैमाने पर मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के प्रोडक्शन को बढ़ावा देती है। यह योजना मुख्य रूप से मोबाइल फोन की प्रोडक्शन के लिए ही थी।
जितिन प्रसाद ने क्या बताया?
केंद्रीय राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने अपने जवाब में कहा, 'साल 2014-15 में देशभर में मोबाइल फोन की 75 प्रतिशत मांग को आयात के जरिए पूरा किया गया था। साल 2024-25 में यह आयात घटकर 0.2 प्रतिशत रह गया है।' जितिन प्रसाद ने यह भी कहा कि बड़े स्तर पर इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्शन के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम शुरू की गई थी। इस स्कीम ने भारत में मोबाइल प्रोडक्शन पर बड़े स्तर पर प्रभाव डाला है।
उन्होंने कहा, 'इस स्कीम ने भारत को मोबाइल फोन के आयातक देशों से हटाकर प्रमुख निर्यातक देशों में लाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।'
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PLI से बढ़ा निवेश
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आईटी हार्डवेयर के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम 2.0 ने 717.13 करोड़ रुपये का कम्युलेटिव निवेश आकर्षित किया है, जिससे 12,195.84 करोड़ रुपये का कम्युलेटिव प्रोडक्शन हुआ है और इस योजना ने जून 2025 तक 5,056 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं।
पिछले पांच सालों में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में कुल 4,071 मिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी निवेश (FDI) आया है। इसमें से 2,802 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश MEITY PLI योजना के लाभार्थियों ने किया गया है।