PMIS: 1.50 लाख को इंटर्नशिप का ऑफर, 90% युवाओं ने जॉइन ही नहीं किया
देश
• NEW DELHI 22 Jul 2025, (अपडेटेड 22 Jul 2025, 10:44 AM IST)
2024-25 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) शुरू की थी, ताकि 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप करने का मौका मिले और वे जॉब मार्केट के लिए तैयार हो सकें।

प्रतीकात्मक तस्वीर। (AI Generated Image)
मोदी सरकार ने 2024-25 के बजट में युवाओं के लिए एक खास स्कीम शुरू की थी। इसे 'प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम' नाम दिया गया था। इसका मकसद था देश की 500 बड़ी कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देना। इस स्कीम के तहत 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दी जाएगी। स्कीम का पहला फेज अक्टूबर 2024 में शुरू किया गया था, जिसके तहत 1.25 लाख इंटर्नशिप निकाली गईं थीं। इसका दूसरा फेज भी शुरू हो गया, जिसमें 1 लाख मौके निकले हैं। हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि इंटर्नशिप का मौका देने के बावजूद युवा इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PMIS) को लेकर सरकार ने लोकसभा में आंकड़े दिए हैं। यह बताते हैं कि सालभर में कंपनियों में इंटर्नशिप तो खूब निकलीं। युवाओं ने आवेदन भी किया। मगर इनमें से बहुत कम युवा ही ऐसे थे, जिन्होंने इंटर्नशिप जॉइन की।
- क्या है यह स्कीम?: 2024-25 के बजट में PMIS की घोषणा की गई थी। इसके तहत युवाओं को टॉप कंपनियो में इंटर्नशिप का मौका मिलता है। 5 साल में 500 कंपनियों में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप कराई जाएगी।
- इंटर्नशिप पर क्या मिलेगा?: इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को एक बार में 6,000 रुपये मिलेंगे। इसके बाद हर महीने सरकार की तरफ से 4,500 और कंपनी की तरफ से 500 रुपये मिलेंगे। युवाओं को 1 साल इंटर्नशिप करने का मौका मिलेगा।
- किन युवाओं को मिलेगा?: जिनकी उम्र 21 से 24 साल होगी। परिवार की सालाना आय 8 लाख से कम होगी। घर में कोई सरकारी नौकरी वाला न हो और वह न तो कोई पढ़ाई कर रहा हो और न ही रोजगार कर रहा हो।
- सरकार ने कितना खर्च किया?: 2024-25 के बजट में PMIS के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था। 2024-25 में इस स्कीम पर 380 करोड़ रुपये ही खर्च हुए। 2025-26 के लिए 10,831 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
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अब तक इस स्कीम पर क्या-क्या हुआ?
केंद्र सरकार ने इस स्कीम को इस मकसद से शुरू किया था, ताकि युवाओं को स्किल दी जा सके और जॉब मार्केट के लिए तैयार किया जा सके।
इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को सरकार की तरफ से हर महीने 4,500 रुपये मिलते हैं। कंपनी की तरफ से 500 रुपये दिए जाते हैं। अगर कोई कंपनी चाहे तो वह 500 रुपये और दे सकती है। कंपनी यह पैसा CSR फंड से खर्च करेगी। पहले राउंड में 18 और दूसरे राउंड में 47 कंपनियों ने इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को 500 रुपये ज्यादा दिए थे।
PMIS को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और YSR कांग्रेस के सांसद पीवी मिधुन रेड्डी ने सवाल किया था। इसका जवाब कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने दिया। उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत 3 अक्टूबर 2024 को PMIS का पहला राउंड शुरू किया गया था। इसके लिए शुरुआत में 840 करोड़ रुपये रखे गए थे। हालांकि, बाद में यह घटकर 380 करोड़ रुपये हो गया।
उन्होंने बताया कि 2025-26 में 10,831 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। अब तक इसमें से 50 करोड़ रुपये का इस्तेमाल हो चुका है।
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लेकिन युवा हैं कि आते ही नहीं!
सरकार युवाओं के लिए इंटर्नशिप स्कीम लेकर आई है लेकिन युवा हैं कि आते ही नहीं। सरकार ने बताया है कि इंटर्नशिप के लिए आवेदन तो लाखों में आते हैं लेकिन इनमें से कुछ ही युवा हैं जो इंटर्नशिप करते हैं।
सरकार ने बताया कि पहले राउंड में 280 कंपनियों ने 1.27 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप निकाली थीं। इनके लिए देशभर 1.81 लाख युवाओं ने 6.21 लाख आवेदन किए। इन कंपनियों ने 82 हजार से ज्यादा ऑफर दिए, जिसके लिए 60 हजार युवाओं को चुना गया था। हालांकि, इनमें से 28 हजार युवाओं ने ही ऑफर एक्सेप्ट किया लेकिन सिर्फ 8,700 ने ही इंटर्नशिप शुरू की।
इसके बाद इस साल 9 जनवरी को PMIS का दूसरा राउंड शुरू हुआ। इसमें 327 कंपनियों ने 1.18 लाख इंटर्नशिप निकाली थीं। इसके लिए 2.14 लाख युवाओं ने 4.55 लाख आवेदन भरे। 15 जुलाई तक इन कंपनियों ने 71 हजार से ज्यादा ऑफर दिए। चूंकि अभी प्रक्रिया जारी है, इसलिए कितने युवाओं ने इंटर्नशिप शुरू की, इसका आंकड़ा नहीं है।
- इंटर्नशिप कितनी आईं?: पहले राउंड में 280 कंपनियों ने 1.27 लाख और दूसरे राउंड में 327 कंपनियों ने 1.18 लाख इंटर्नशिप निकाली थीं।
- आवेदन कितने आए?: पहले राउंड के लिए 1.81 लाख युवाओं ने 6.21 लाख आवेदन किए। दूसरे राउंड में 2.14 लाख युवाओं ने 4.55 लाख आवेदन जमा किए।
- ऑफर कितनों को मिला?: पहले राउंड में कंपनियों ने इंटर्नशिप के लिए 82,077 ऑफर दिए। दूसरे राउंड में कंपनियों ने 71,458 ऑफर जारी किए।
- इंटर्नशिप कितनों ने शुरू की?: पहले राउंड में 28,141 युवाओं ने ऑफर एक्सेप्ट किया लेकिन इनमें से 8,700 ने इंटर्नशिप शुरू की। दूसरे राउंड में 22,584 युवा ऑफर एक्सेप्ट कर चुके हैं।
- अब तक का क्या है स्टेटस?: 21 जुलाई को दिए जवाब में सरकार ने बताया कि अभी देशभर की 237 कंपनियों में 9,453 युवा इंटर्नशिप कर रहे हैं।
- किस राज्य से कितने युवा?: स्कीम के तहत इंटर्नशिप करने वालों में असम के युवा सबसे आगे हैं। असम के 1,408, उत्तर प्रदेश के 1,067, मध्य प्रदेश के 680, बिहार के 634 और ओडिशा के 520 युवा इंटर्नशिप कर रहे हैं।
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युवाओं को रास नहीं आ रही PMIS?
सरकार का टारगेट है 5 साल में 1 करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप का मौका देना, ताकि वे खुद को जॉब मार्केट के लिए तैयार कर सकें। अब तक लगभग ढाई लाख इंटर्नशिप निकाली गई हैं लेकिन 10 हजार से भी कम युवाओं ने इंटर्नशिप शुरू की है।
सवाल उठता है कि क्या युवाओं को यह स्कीम रास नहीं आ रही है? दरअसल, इस स्कीम के साथ न जुड़ने के कई कारण हैं।
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, कई कंपनियों ने आंकलन किया है, जिसमें माना है कि घर से दूरदराज की लोकेशन और 12 महीने की टाइमिंग के कारण युवा इससे दूर जा रहे हैं।
इतना ही नहीं, इस स्कीम के तहत 21 से 24 साल की उम्र के युवा ही आवेदन कर सकते हैं। वह भी ऐसे युवा जो न तो पढ़ाई कर रहे हों और न ही कहीं फुलटाइम जॉब कर रहे हों। इसके अलावा अगर किसी के पास IIT, IIM, NLU जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई करने वाले युवा इस स्कीम के दायरे में नहीं आते। अगर कोई युवा बेरोजगार है और कहीं पढ़ाई भी नहीं कर रहा है लेकिन उसके पास कोई प्रोफेशनल डिग्री है तो वह भी इंटर्नशिप के लिए आवेदन नहीं कर सकता। जानकारों का मानना है कि यह सारी पाबंदियों युवाओं को दूर कर रही हैं।
इसके अलावा, इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को हर महीने 5 हजार रुपये का स्टाइपेंड मिलता है, जिसमें 4,500 रुपये सरकार और 500 रुपये कंपनी देती है। साथ ही इंटर्नशिप करने वाले युवाओं का प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा भी होता है। कंपनियों को इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को CSR फंड से पैसा देना है। कंपनियों ने इसी पर चिंता जाहिर है और उनका दावा है कि इससे उन पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। उनका कहना है कि इंटर्नशिप करने वाले युवाओं को हर महीने 500 रुपये देने से उनका CSR बजट कम हो पड़ सकता है और दूसरे सामाजिक प्रोजेक्ट्स प्रभावित हो सकते हैं।
सरकार ने इस स्कीम को युवाओं के लिए शुरू किया था। हालांकि, युवा इससे जुड़ नहीं रहे हैं। संसदीय समिति ने भी इस स्कीम की कुछ खामियों को दूर करने का सुझाव दिया है।
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